नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने नीतीश कटारा हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे विशाल यादव की आठ हफ्ते के लिए पेरोल पर रिहा करने की मांग पर सक्षम प्राधिकार को दो हफ्ते में फैसला लेने का निर्देश दिया है. जस्टिस एके चावला की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया.
कोर्ट ने कहा कि सक्षम प्राधिकार को निर्देश दिया कि वो विकास यादव की पेरोल की अर्जी पर विचार करे. क्योंकि ये अर्जी दिल्ली प्रिजन रूल्स 2018 के तहत दायर की गई है. कोर्ट ने सक्षम प्राधिकार को इस अर्जी पर दो हफ्ते में फैसला लेने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 18 साल से ज्यादा हिरासत में बिताए हैं. इसलिए दिल्ली प्रिजन रूल्स 1212ए के मुताबिक याचिकाकर्ता को ना केवल आपातकालीन पेरोल मांगने का हक है. बल्कि उसे नियमित पेरोल मांगने का भी हक है.
16 मई को पेरोल की याचिका खारिज कर दी गई थी
सुनवाई के दौरान विकास यादव के वकील सिद्धार्थ यादव ने 16 मई को सक्षम प्राधिकार की ओर से पेरोल की अर्जी खारिज करने के फैसले को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि सक्षम प्राधिकार ने याचिकाकर्ता की अर्जी को दिल्ली प्रिजन रूल्स 1212ए के तहत आपातकालीन अर्जी समझकर फैसला किया. सिद्धार्थ यादव ने कहा कि विकास यादव की अर्जी रेगुलर पेरोल के लिए दायर की गई थी. पेरोल की अर्जी में कहा गया था कि विकास यादव की मां काफी बुजुर्ग हैं और उनकी देखभाल की जरूरत है. विकास यादव के पिता देहरादून की जेल में बंद हैं और अपने परिवार की देखभाल की स्थिति में नहीं हैं. विकास यादव को भी स्वास्थ्य समस्याएं हैं और उसे इलाज की जरूरत है.
विकास यादव को 25 साल की जेल की सजा
आपको बता दें कि 3 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव और विशाल यादव की सजा घटाकर 25 साल कैद कर दी थी जबकि तीसरे दोषी सुखदेव पहलवान की भी सजा घटाकर 20 साल कर दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने विकास यादव और विशाल यादव को 25 साल और 5 साल की दो सजा यानि 30 साल कैद की सजा दी थी. जबकि सुखदेव पहलवान को बीस और पांच साल यानि 25 साल की कैद की सजा दी थी.
नीतीश कटारा की हत्या का दोषी
विकास यादव यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव का बेटा है. विशाल यादव विकास यादव का चचेरा भाई है. दोनों नीतीश कटारा की हत्या के दोषी हैं. 17 फरवरी 2002 को नीतीश कटारा की हत्या कर दी गई थी. नीतीश कटारा का विकास यादव की बहन भारती यादव के साथ प्रेम संबंध था. ये प्रेम संबंध यादव परिवार को मंजूर नहीं था.