नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 28 मार्च को महेंद्र पार्क इलाके में दिनदहाड़े हुई लूट के मामले का पर्दाफाश करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि कंपनी के ही एक कर्मचारी ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर लूट की साजिश रची थी. आरोपियों की पहचान शास्त्री नगर निवासी चंद्रदेव पांडेय, यूपी के अमरोहा निवासी विवेक कुमार और विपिन यादव के रूप में हुई है.
चंद्रदेव पांडेय पूरे मामले का मास्टरमाइंड है. पुलिस ने इनसे 43 हजार रुपए और लूट के पैसे से खरीदी गई एक मोटरसाइकिल बरामद की है. चंदू पांडे उसी कंपनी में काम करता था जिस कंपनी का पैसा लूटा गया था. क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर आरएस यादव ने बताया कि जीतू कुमार वर्मा ने 28 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह मंगोलपुरी स्थित श्रीराम फॉर्म हाउस में तीन साल से काम करते हैं.
28 मार्च को कंपनी के मालिक दीपक गुप्ता ने उन्हें 3,70,000 रुपए गाजियाबाद में एक व्यक्ति को देने के लिए भेजा था. वह अपने एक सहकर्मी चंद्रदेव पांडेय के साथ एक्टिवा स्कूटी से रुपए लेकर निकले. हैदरपुर मेट्रो स्टेशन के पास मुकरबा चौक पर 2 लोग आए और उनके रुपए और स्कूटी लूट कर भाग गए.
दिनदहाड़े हुई वारदात की जांच क्राइम ब्रांच ने शुरू की. पुलिस को शक हुआ कि इस मामले में किसी जानकार का हाथ हो सकता है. दरअसल, पुलिस को यह शक इसलिए हुआ, क्योंकि आरोपियों को आखिर यह कैसे पता चला कि जीतू कुमार के पास इतने पैसे हैं. इस बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि इस मामले में चंद्रदेव पांडेय का हाथ है. पुलिस ने चंद्रदेव को हिरासत में लेकर उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कुबूल कर लिया. उसकी निशानदेही पर उसके दोस्तों विवेक और विपिन को भी पुलिस ने यूपी से गिरफ्तार कर लिया.