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कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से वायु-जल प्रदूषण की जांच के लिए कमेटी गठित - पनकी थर्मल पावर प्लांट

एनजीटी ने कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से हो रहे वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी.

Committee set up to investigate air and water pollution
वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए कमेटी गठित
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Published : Jul 2, 2020, 3:27 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से हो रहे वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कमेटी को दो महीने में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी.

वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए कमेटी गठित
पनकी थर्मल पावर प्लांट से वायु और जल प्रदूषण की शिकायत

याचिका कानपुर निवासी पवन कुमार तिवारी ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से वायु और जल प्रदूषण हो रहा है. इससे आस पास के लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बुरा असर हो रहा है. पनकी थर्मल पावर प्लांट 1977 में स्थापित किया गया था. 2017 में इस प्लांट का विस्तार किया गया था.



चार सदस्यीय कमेटी का गठन

एनजीटी ने पनकी थर्मल प्लांट से हो रहे वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय के लखनऊ के क्षेत्रीय अधिकारी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक प्रतिनिधि, उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक प्रतिनिधि और कानपुर ग्रामीण के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शामिल होंगे. एनजीटी ने कहा कि उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस कमेटी की नोडल एजेंसी होगी.

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से हो रहे वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कमेटी को दो महीने में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी.

वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए कमेटी गठित
पनकी थर्मल पावर प्लांट से वायु और जल प्रदूषण की शिकायत

याचिका कानपुर निवासी पवन कुमार तिवारी ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से वायु और जल प्रदूषण हो रहा है. इससे आस पास के लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बुरा असर हो रहा है. पनकी थर्मल पावर प्लांट 1977 में स्थापित किया गया था. 2017 में इस प्लांट का विस्तार किया गया था.



चार सदस्यीय कमेटी का गठन

एनजीटी ने पनकी थर्मल प्लांट से हो रहे वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय के लखनऊ के क्षेत्रीय अधिकारी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक प्रतिनिधि, उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक प्रतिनिधि और कानपुर ग्रामीण के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शामिल होंगे. एनजीटी ने कहा कि उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस कमेटी की नोडल एजेंसी होगी.

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