नई दिल्ली: दिल्ली कैंट विधानसभा सीट से एनसीपी के टिकट से चुनाव लड़ने के लिए कमांडो सुरेंद्र ने मंगलवार को जामनगर स्थित नामांकन केंद्र में अपना पर्चा दाखिल कर दिया. तकरीबन 3 घंटे के बाद नामांकन पर्चा भर कर वे बाहर निकले.
उन्होंने कहा कि यह चुनाव लड़ने का फैसला उनका व्यक्तिगत फैसला नहीं था. क्षेत्र की जनता ने उनसे चुनाव लड़ने को कहा और वह एक सैनिक हैं तो ऐसे में जनता की मांग को दरकिनार नहीं कर सकते थे इसीलिए वह लड़ने को तैयार हुए.
'काम किया मिलेगा वोट'
कमांडो सुरेंद्र ने कहा कि दिल्ली कैंट विधानसभा में बहुतायत में सैनिक और पूर्व सैनिक रहते हैं. अपनी विधायकी के दौरान जो उन्होंने कामकाज किया है सब सामने है. लोगों की इच्छा पर ही वे चुनावी मैदान में उतरे हैं. अगर जनता चाहेगी तो वे एक बार फिर विधायक के तौर पर सेवा कर सकते हैं.
'आप से पहले भी टिकट नहीं मांगा था'
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछली बार भी आम आदमी पार्टी से टिकट नहीं मांगा था, उन्हें स्वयं अरविंद केजरीवाल ने बुलाकर टिकट दिया और चुनाव लड़ाया था. अगर उन्होंने काम अच्छा नहीं किया होता जनता विरोध करती. तब टिकट कटता तो वे नाराज भी नहीं होते. लेकिन उनका टिकट क्यों कटा यह समझ में नहीं आया.
टिकट कटने पर जताया था विरोध
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया था. जिसके तुरंत बाद सबसे पहले दिल्ली कैंट से विधायक सुरेंद्र कमांडो ने ही अपना टिकट कटने पर विरोध जताया था.
उन्होंने कुछ समय बाद मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत भी थी, लेकिन मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिले. जिसके बाद वे नाराज चल रहे थे. चर्चा यह भी चल रही थी कि वह कांग्रेस या बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन कमांडो ने एनसीपी के टिकट से अपना पर्चा दाखिल कर दिया.