नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर जॉब ओरिएंटेड बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को पुरानी दिल्ली में तीसरी लाइटहाउस स्किल सेंटर की शुरूआत की. सीएम केजरीवाल ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को हमें शिक्षा के साथ स्किल भी देनी है. पढ़-लिखकर अगर रोजगार ही न मिले तो फिर शिक्षा किस काम की. इसलिए कोशिश है कि कैसे युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिया जाए.
सीएम ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बने सात से आठ साल हो हुए. शुरू से ही हमने शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया. मटिया महल में भी एक शानदार स्कूल बनाया है, जो पहले एकदम खंडहर हुआ करता था. पहले सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल था. उसमें गरीबों के बच्चे पढ़ने जाया करते थे. लेकिन अब सारे सरकारी स्कूल शानदार बना दिए गए. दिल्ली की जनता ने विश्वास कर आम आदमी पार्टी को एमसीडी में भी जिताया. अब एमसीडी के स्कूलों को भी ठीक करने का काम शुरु हो गया है. अब प्राइवेट स्कूलों से लोग अपने बच्चों का नाम कटाकर सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं.
''देश में डर का माहौल है. पिछले कुछ सालों में 12 लाख अमीर लोग भारत छोड़कर विदेशी नागरिकता ले चुके हैं. देश में रोजगार बढ़ने के बजाय कम होते जा रहे हैं. लेकिन हमें रोना नहीं है, बल्कि इसी माहौल में युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना है.''
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली
देश की अर्थव्यवस्था का हाल बुरा: सीएम ने कहा कि नए रोजगार पैदा होने की बजाय देशभर में अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे खराब होती जा रही है. अगर लोग अपना काम-धंधा, उद्योग या फैक्ट्रियां बंद करके विदेशों में जाएंगे तो हमारे बच्चे रोजगार लेने के लिए कहां जाएंगे? पूरे देश में महौल ऐसा है कि रोजगार बढ़ने के बजाय कम हो रहा है. लेकिन इस माहौल को देखकर रोना नहीं है. इसी माहौल के अंदर हम अपने युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेंगे.
पिछले साल मार्च में मलकागंज और कालकाजी में दो लाइटहाउस सेंटर शुरू किया था. वहां पर अब तक करीब तीन हजार बच्चों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इसमें से एक हजार बच्चों को रोजगार भी मिल गया है. यहां पर केवल ट्रेनिंग ही नहीं, बल्कि ट्रेनिंग के बाद रोजगार दिलाने की पूरी कोशिश की जाती है.
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