नई दिल्ली: बीते दिनों NEET और JEE के परिणाम आए हैं. इसमें दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए इन बच्चों की प्रशंसा की है. उन्होंने साथ ही शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी अपनी सरकार की पीठ थपथपाई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना और प्रदूषण की वजह से लगातार बुरी खबरें आ रहीं थीं, लेकिन आज एक खुशखबरी है.
'NEET में पास हुए 569 बच्चे'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीते दिनों हुई परीक्षाओं में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के शानदार नतीजे आए हैं. NEET की परीक्षा में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 569 बच्चे पास हुए है. इसमें से 379 लड़कियां हैं, जो कुल संख्या का 69 फीसदी है. उन्होंने बताया कि इसमें से एसकेवी मोलरवन स्कूल के 118 बच्चे थे साइंस में, जिनमें से 29 बच्चे नीट की परीक्षा में पास हुए हैं.
'81 में से पास हुए 23 बच्चे'
मुख्यमंत्री ने बताया कि एसकेवी सी-वन यमुना विहार के 137 में से 24 और एसकेवी नूरनगर के 81 में से 23 बच्चे NEET में पास हुए हैं. अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कुल 48 बच्चे ऐसे हैं, जिनके 720 में से 500 नम्बर आए हैं. इनमें आरपीवीवी रोहिणी सेक्टर-11 में पढ़ने वाली तमन्ना गोयल हैं, उनके 695 नम्बर आए हैं और 11वीं रैंक है. तमन्ना की मां पड़ोस के घरों में काम करके गुजारा करतीं हैं.
'टैलेंट पैसे का मोहताज नहीं'
एसकेवी जीटी रोड शाहदरा की स्टूडेंट विधि गुप्ता के 691 नम्बर आए हैं और अपनी कैटेगरी में 152 रैंक है. इसके अलावा आरपीवीवी गांधी नगर में पढ़ने वाले खुश गर्ग के 680 नम्बर हैं और अपनी कैटेगरी में 453 रैंक है. खुश के पिताजी शाहदरा में एक छोटी से दुकान चलाते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बच्चों के माता-पिता की जानकारी मैं इसलिए दे रहा हूं, ताकि यह समझा जा सके कि टैलेंट पैसे का मोहताज नहीं होता.
'443 ने क्लियर किया JEE'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अच्छी शिक्षा से बेहतर परिणाम ला सकते हैं. मुख्यमंत्री ने इंजीनियरिंग की JEE परीक्षा के परिणाम का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इसके जरिए बच्चे देश के बेहतरीन इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन पाते हैं और इस बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के 443 बच्चों ने JEE-मेंस क्लियर किया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से 53 बच्चों ने JEE-एडवांस क्लियर किया है.
'इन बच्चों के आए बेहतर परिणाम'
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के एक ही स्कूल आरपीवीवी पश्चिम विहार के 5 बच्चों का आईआईटी में एडमिशन हो गया है. इस स्कूल के छात्र आयुष बंसल की 189 रैंक आई है और आईआईटी रुड़की में इन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन ऑफर हुआ है. इनके पिताजी किताब की दुकान में 5 हजार महीने की नौकरी करते हैं. वहीं आरपीपीवी द्वारका के निखिल की 678 रैंक आई है और उन्हें आईआईटी बॉम्बे में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऑफर हुआ है.
'शिक्षा से दूर होगी गरीबी'
मुख्यमंत्री ने बताया कि निखिल के पिताजी साइकिल रिपेयरिंग की दुकान चलाते हैं. इसी तरह गर्वित बत्रा और वैभव गोयल के भी बेहतर परिणाम आए हैं. मुख्यमंत्री ने इन सभी को बधाई दी और कहा कि ये परिणाम बताते हैं कि दिल्ली के स्कूलों में किस तरह के क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर देश से गरीबी दूर करनी है, तो उसका सबसे अच्छा माध्यम है शिक्षा.
'ना करें पैसे की चिंता'
उन्होंने कहा कि अगर गरीब के बच्चे को अच्छी शिक्षा दें, तो उस एक पीढ़ी से गरीबी दूर कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी बच्चे दूसरे बच्चों के किए प्रेरणा हैं और इन्होंने ऐसा कर दिखाया है, तो कोई भी बच्चा ऐसा बेहतर परिणाम ला सकता है. अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर आपके मां-बाप के पास पैसे नहीं हों, तो चिंता मत करना, हमने आपके लिए अच्छी शिक्षा का इंतजाम किया है, हमने स्कॉलरशिप और लोन की भी व्यवस्था की है.