नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने संबंधी बिल गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इसके बाद ये कानून बन जाएगा. केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर मजबूती से आगे बढ़ रही है ताकि दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले 40 लाख लोगों को फायदा मिले. मगर सीएम अरविंद केजरीवाल को इस पर भरोसा नहीं हो रहा है.
केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि जब तक उनकी मकान की रजिस्ट्री ना हो जाए वो किसी पर भरोसा ना करें. इसके पीछे तर्क दे रहे हैं कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और दिल्ली में तीन बार शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रहीं तब भी इसी तरह के प्रयास हुए थे. मगर सब चुनावी शगुफा निकला.
सीएम ने उठाए सवाल
केजरीवाल ने कहा कि जब उन्हें मालूम था कि कानून बनने के बाद भी रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरा करने में 6 महीने का समय लगेगा तो ये काम सरकार ने 6 महीने पहले क्यों नहीं किया? चुनाव से ठीक पहले क्यों किया?
सीएम केजरीवाल ने कहा-
सुनने में आ रहा है कि इस ऐलान को भी बीजेपी एक फोटो अपॉर्च्युनिटी बनाना चाहती है. रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली कर वो 100 लोगों को रजिस्ट्री देकर औपचारिकताएं पूरी करने जा रही है. ये एक धोखा है. रजिस्ट्री प्रक्रिया के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है. इससे पहले की प्रक्रिया केंद्र सरकार जल्द से जल्द पूरी करे. जिस दिन से रजिस्ट्री शुरू होगी, 15 दिन के अंदर दिल्ली सरकार सभी अनाधिकृत कॉलोनी वालों की संपत्तियों की रजिस्ट्री करने के लिए तैयार है.