नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में झंडारोहण किया. इस मौके पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों के हजारों बच्चे मौजूद रहे. सीएम केजरीवाल के कैबिनेट सहयोगी मंत्री भी दिखे.
सीएम केजरीवाल ने सबसे पहले झंडारोहण किया
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर रॉबिन हिबु मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगवानी करते हुए उन्हें छत्रसाल स्टेडियम तक लेकर आए. उसके बाद विधिवत झंडारोहण का कार्यक्रम शुरू हुआ. यहां मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सबसे पहले झंडारोहण किया. उसके बाद परेड निरीक्षण और परेड फिर सलामी ली.
खास तौर पर तैयार की गई दिल्ली पुलिस की जिप्सी पर मुख्यमंत्री केजरीवाल परेड की सलामी के लिए निकले. उनके पीछे स्पेशल कमिश्नर रॉबिन हिबु और परेड कमांडर अनुज कुमार भी थे. परेड मैदान में सावधान की मुद्रा में खड़े दिल्ली पुलिस के जवानों, एनसीसी कैडेट्स, फायर सर्विस, डिजास्टर मैनेजमेंट और स्कूली छात्र-छात्राओं के परेड का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया.
मुख्यमंत्री का भाषण पूरी तरह शिक्षा पर केंद्रित रहा
मुख्यमंत्री के परेड निरीक्षण के बाद कदमताल करता हुई परेड मुख्यमंत्री केजरीवाल के सामने से गुजरी और मुख्यमंत्री ने उसकी सलामी ली. उसके बाद सीएम ने अपना संबोधन शुरू किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री का भाषण पूरी तरह से शिक्षा पर केंद्रित रहा. उन्होंने कहा कि आज हम अपनी जिंदगी में इतने मशगूल हो चुके हैं कि हमें देश की याद तभी आती है, जब भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होता है या बॉर्डर पर तनाव होता है, या जब 15 अगस्त या 26 जनवरी होता है.
'देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जाएगा'
इसे लेकर आज 73वां स्वतंत्रता दिवस पर मुझे यह घोषणा करते वक्त बहुत फक्र हो रहा है कि अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को देशभक्ति का पाठ भी पढ़ाया जाएगा. इसे लेकर महात्मा गांधी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हमेशा कहा करते थे कि जब छात्र शिक्षा पूरी करके निकले तो सबसे पहले वह अच्छा इंसान बने, रोजी-रोटी कमाने लायक बने और फिर कट्टर देशभक्त बने. केजरीवाल ने बताया कि किस तरह महात्मा गांधी द्वारा निर्देशित शिक्षा के शुरुआती दो उद्देश्य दिल्ली सरकार पूरा कर चुकी है और अब तीसरे उद्देश्य को लेकर नया पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है.
'आम आदमी को आपने दिल्ली की जिम्मेदारी दी थी'
शिक्षा के अलावा मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के बिजली, पानी आदि के क्षेत्र में किए जा रहे कामों का जिक्र किया और कहा कि 5 साल पहले मेरे जैसे एक आम आदमी को आपने दिल्ली की जिम्मेदारी दी थी. मैं आप ही में से एक हूं और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने यह भी कहा कि मैं राजनीतिक परिवार से नहीं आता. मेरा कोई चाचा ताऊ नेता नहीं है. मैं रईस परिवार से नहीं आता और शायद इसीलिए आपकी समस्याएं समझ पाता हूं.
'देश बदल तो सकता है'
अंत में सीएम केजरीवाल ने कहा कि 5 साल पहले चारों तरफ ही निराशा का माहौल था. 5 साल बाद की हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि अब लोगों को लगने लगा है कि देश बदल तो सकता है, अस्पताल में फ्री इलाज हो सकता है, बिजली मुफ्त मिल सकती है. उन्होंने कहा कि जो सपना शहीदों ने देखा था, उसे हम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.