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CCTV और GPS से है लैस नई क्लस्टर बसें, हर गतिविधि पर कंट्रोल रूम रखेगा नजर! - स्टेरिंग

जीपीएस सुविधा से लैस बस में स्टेरिंग के पास लगे सीसीटीवी की फुटेज देखने के लिए स्क्रीन लगी हुई हैं. ऐसा होने से बस में किसी अप्रिय घटना होने की संभावना कम हो जाएंगी.

राजधानी को मिली 100 हाईटेक कलस्टर बसें
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Published : Nov 7, 2019, 8:06 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी की परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को कलस्टर सेवा के तहत चलने वाली बसों में 100 नई बसें शामिल की गई हैं. इन बसों में सुरक्षा के लिहाज से कई सुविधाएं दी गई हैं. इन बसों की हरेक गतिविधि पर अब कंट्रोल रूम की नजर रहेगी. बस ड्राइवर और कंडक्टर अपनी बात कंट्रोल रूम तक पहुंचाना चाहते हैं तो वो झट से बस में लगे वायरलेस के जरिए बात पहुंचा सकते हैं.

नई बसों में लगे हैं तीन इमरजेंसी बसें

सीट के पास है इमरजेंसी बटन

क्लस्टर सेवा में जो सौ बसें शामिल हुई हैं, इन बसों में हर सीट के पास इमरजेंसी बटन लगी हुई है. यात्री अगर किसी कारणवश बस रुकवाना चाहता है या ड्राइवर तक अपनी बात पहुंचाना सकता है तो वह इमरजेंसी बटन को दबाकर बता सकता है. पहले की बसों में दो से तीन इमरजेंसी बटन होते थे. मगर वो भी चालू हालत में नहीं थे. अब सभी बसों में हर सीट के पास यह बटन लगाया गया है. इसके अलावा बस में दो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. जिसके जरिए पूरी बस की गतिविधियों पर और बस ड्राइवर पर नजर रखी जा सकती है.

cluster bus with new facilities Control activities of buses will be kept from control room
CCTV और GPS से है लैस

पावर स्टेरिंग की सुविधा

जीपीएस सुविधा से लैस बस में स्टेरिंग के पास लगे सीसीटीवी की फुटेज देखने के लिए स्क्रीन लगी हुई हैं. ऐसा होने से बस में किसी अप्रिय घटना होने की संभावना कम हो जाएंगी. इसके अलावा लो फ्लोर बसों की तरह क्लस्टर बसों में भी अब पावर स्टेरिंग की सुविधा दी गई है. जिससे चालक को बस चलाने में सहूलियत होगी.

बता दें कि लंबे समय से दिल्ली की सड़कों पर तीन हज़ार बसें उतारने की कवायद चल रही थी, उसे अब तय समय पर साकार करने को लेकर विभाग को आदेश जारी किए गए हैं. जुलाई महीने में लो फ्लोर सीएनजी और अगस्त महीने में 1000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का फैसला लिया गया था.

नई दिल्ली: राजधानी की परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को कलस्टर सेवा के तहत चलने वाली बसों में 100 नई बसें शामिल की गई हैं. इन बसों में सुरक्षा के लिहाज से कई सुविधाएं दी गई हैं. इन बसों की हरेक गतिविधि पर अब कंट्रोल रूम की नजर रहेगी. बस ड्राइवर और कंडक्टर अपनी बात कंट्रोल रूम तक पहुंचाना चाहते हैं तो वो झट से बस में लगे वायरलेस के जरिए बात पहुंचा सकते हैं.

नई बसों में लगे हैं तीन इमरजेंसी बसें

सीट के पास है इमरजेंसी बटन

क्लस्टर सेवा में जो सौ बसें शामिल हुई हैं, इन बसों में हर सीट के पास इमरजेंसी बटन लगी हुई है. यात्री अगर किसी कारणवश बस रुकवाना चाहता है या ड्राइवर तक अपनी बात पहुंचाना सकता है तो वह इमरजेंसी बटन को दबाकर बता सकता है. पहले की बसों में दो से तीन इमरजेंसी बटन होते थे. मगर वो भी चालू हालत में नहीं थे. अब सभी बसों में हर सीट के पास यह बटन लगाया गया है. इसके अलावा बस में दो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. जिसके जरिए पूरी बस की गतिविधियों पर और बस ड्राइवर पर नजर रखी जा सकती है.

cluster bus with new facilities Control activities of buses will be kept from control room
CCTV और GPS से है लैस

पावर स्टेरिंग की सुविधा

जीपीएस सुविधा से लैस बस में स्टेरिंग के पास लगे सीसीटीवी की फुटेज देखने के लिए स्क्रीन लगी हुई हैं. ऐसा होने से बस में किसी अप्रिय घटना होने की संभावना कम हो जाएंगी. इसके अलावा लो फ्लोर बसों की तरह क्लस्टर बसों में भी अब पावर स्टेरिंग की सुविधा दी गई है. जिससे चालक को बस चलाने में सहूलियत होगी.

बता दें कि लंबे समय से दिल्ली की सड़कों पर तीन हज़ार बसें उतारने की कवायद चल रही थी, उसे अब तय समय पर साकार करने को लेकर विभाग को आदेश जारी किए गए हैं. जुलाई महीने में लो फ्लोर सीएनजी और अगस्त महीने में 1000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का फैसला लिया गया था.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को कलस्टर सेवा के तहत चलने वाली बसों में 100 नई बसें शामिल की गई हैं. इन बसों में सुरक्षा के लिहाज से कई सुविधाएं दी गई हैं. इन बसों की हरेक गतिविधि पर अब कंट्रोल रूम की नजर रहेगी. बस ड्राइवर व कंडक्टर अपनी बात कंट्रोल रूम को पहुंचाना चाहता है तो वह झट से बस में लगे वायरलेस के जरिए पहुंचा सकता है.


Body:क्लस्टर सेवा में जो सौ बसें शामिल हुई हैं, इन बसों में प्रत्येक सीट के पास इमरजेंसी बटन लगी हुई है. यात्री अगर किसी कारणवश बस रुकवाना चाहता है या ड्राइवर तक अपनी बात पहुंचाना सकता है तो वह इमरजेंसी बटन को दबाकर बता सकता है. पहले की बसों में दो से तीन इमरजेंसी बटन होती थी. मगर वह भी चालू हालत में नहीं थी. अब सभी बसों में प्रत्येक यात्री सीट के पास यह बटन लगाई गई हैं.

इसके अलावा बस में दो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. जिसके जरिए पूरे बस के गतिविधियों पर बस ड्राइवर नजर रखी जा सकती है. जीपीएस सुविधा से लैस बस में स्टेरिंग के पास लगे सीसीटीवी की फुटेज देखने के लिए स्क्रीन लगी हुई हैं. ऐसा होने से बस में किसी अप्रिय घटना होने की संभावना कम हो जाएंगी.
इसके अलावा लो फ्लोर बसों की तरह क्लस्टर बसों में भी अब पावर स्टेरिंग की सुविधा दी गई है. जिससे चालक को बस चलाने में सहूलियत होगी.


Conclusion:बता दें कि लंबे समय से दिल्ली की सड़कों पर तीन हज़ार बसें उतारने की कवायद चल रही थी, उसे अब तय समय पर साकार करने को लेकर विभाग को आदेश जारी किए गए हैं. जुलाई महीने में लो फ्लोर सीएनजी व अगस्त महीने में 1000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का फैसला लिया गया था.

समाप्त, आशुतोष झा
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