नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में लेफ्ट और राइट विंग के स्टूडेंट के बीच प्रदर्शन के दौरान हाथपाई हो गई. दोनों ही संगठन एक ही समय एक ही जगह प्रदर्शन करने का पोस्टर जारी किया था. लेफ्ट छात्र राजस्थान में हुए रेप का आरोप एबीवीपी छात्र पर लगाते हुए प्रदर्शन का कॉल दिया था. वहीं एबीवीपी ने राजस्थान में रेप के मामले पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन और पुतला जलाने का ऐलान किया था.
प्रशासन की लापरवाही: एबीवीपी छात्रसंघ राजस्थान सरकार के खिलाफ एबीवीपी छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुए पिटाई के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी. वहीं लेफ्ट विंग के तरफ से जेएनयूएसयू के द्वारा राजस्थान में रेप के मामले में आरोपी का एबीवीपी से नाता होने को लेकर विरोध था. हैरानी की बात थी कि इन दोनों के छात्र संघ में एक समय में प्रोटेस्ट वाला पोस्टर पहले ही जारी कर दिया था. ऐसे हालात में प्रशासन ने इस बाबत कोई भी संज्ञान नहीं लिया. वरना दोनों के समय या स्थान में थोड़ी परिवर्तन हुई होती तो शायद यह झड़प नहीं होता
विवाद हाथापाई तक पहुंची: झड़प के दौरान जेएनयू की प्राइवेट सिक्योरिटी ने किसी भी तरह की विवाद बड़ी ना हो इसकी पूरी कोशिश की. बहराल 6:00 बजे का वक्त था, सबसे पहले लेफ्ट समर्थक छात्रों के साथ जेएनयूएसयू के प्रेसिडेंट और कुछ छात्रों ने अपना प्रदर्शन शुरू किया. जेएनयूएसयू की प्रेसिडेंट आईसी घोष एबीवीपी के खिलाफ जमके बातें कही.
लेफ्ट समर्थक छात्रों का यह प्रदर्शन होते-होते लगभग 6:30 बज गया था. एबीवीपी के लोगों को यहां प्रदर्शन करने के लिए जगह नहीं मिल रही थी. देखते ही देखते दोनों छात्र संघ द्वारा नारेबाजी शुरू हो गई. उसके बाद यह विवाद हाथापाई तक पहुंच गया. हालांकि इस पूरे विवाद में जेएनयू की प्राइवेट सिक्योरिटी ने किसी भी तरह से बात को बढ़ने से रोक दिया.
अपनी कॉल के मुताबिक एबीवीपी छात्रसंघ ने गहलोत सरकार का पुतला जलाया और गहलोत सरकार के साथ-साथ लेफ्ट छात्रसंघ के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर अपना प्रोटेस्ट जाहिर किया. इस पूरे हंगामे के दौरान लेफ्ट समर्थक छात्र साबरमती से चले गए थे.
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