नई दिल्ली/नोएडा : मौसम की मार अगर नींद में सोते समय किसी पर पड़े तो ऐसी मार से बचना बहुत मुश्किल होता है. आज कल मौसम की इसी मार के शिकार बूढ़े और बच्चों की भारी तादाद अस्पतालों में देखी जा सकती है. बारिश गई और सर्दियों की आमद होने वाली है. दिन में मौसम थोड़ा गर्म और शाम में फिजा सुहानी हो जाती है. ऐसे में लापरवाहियां होना तो आम बात है. लोग जब तक ये समझते हैं कि ये मौसम बीमार भी कर सकता है, तब तक बीमारी पकड़ चुकी होती है.
बदलता मौसम कई तरह की बीमारियां लेकर आता है. खास तौर से बारिश के बाद का मौसम बेहद खतरनाक साबित होता रहा है. दिन में तेज गर्मी और रात में तेजी से तापमान में गिरावट आने से सर्दी का अहसास होता है। तापमान के लंबे उतार-चढ़ाव से जहां बच्चे और बुजुर्गों की कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम प्रभावित होती है, वहीं वातावरण में मौजूद जर्म्स एक्टिव होकर बीमारियों का खतरा और बढ़ा देते हैं. ऐसे में खास सावधानियां बरतने की जरूरत है. बारिश के बाद वातावरण में कई तरह के जर्म्स तो एक्टिव रहते ही है, कई तरह के कीट-पतिंगे भी मौजूद रहते हैं, जो कहीं न कहीं बीमारियों को बढ़ाने में परोक्ष कारक का काम करते हैं. इस सीजन में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, लिहाजा डॉक्टर मच्छरों से बचने की विशेष सलाह देते हैं. मच्छरों से बचने के लिए दिन में खास तौर से फुल आस्तीन के कपड़े पहनें.
डेंगू का मच्छर है बेहद खतरनाक, ऐसे करें अपना बचाव
डेंगू का मच्छर घुटनों से ऊपर नहीं उड़ सकता है. इसलिए टखने से घुटने तक पैर ढककर रखें. दिन के समय खास तौर से मच्छरों से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि मच्छरों के दिन में काटने पर ही रोग कारक सक्रिय रूप से शरीर में रोग पैदा कर पाते हैं. रात में हमारी कोशिकाओं में मौजूद कुछ सूक्ष्म अंग मच्छरों के डंक के साथ आने वाले जर्म्स को मार डालते हैं. इसीलिए रात के अंधेरे में मच्छर के काटने से डेंगू होने का खतरा कम रहता है, जबकि दिन की रोशनी में मच्छर के काटने से डेंगू होना का खतरा कई गुना अधिक होता है. लेकिन डेंगू के अलावा कई और तरह के मच्छर बेहद खतरनाक होते हैं. दुनिया भर में मच्छरों की करीब साढ़े तीन हजार प्रजातियां हैं. इनमें कई तो बहुत ही खतरनाक हैं. इसलिए मच्छरों से बचने के लिए खास तौर से मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए.
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डॉक्टर इस मौसम में बुजुर्गों और बच्चों को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए संतुलित और पौष्टिक भोजन लेने की सलाह देते हैं. किसी भी तरह की परेशानी, बुखार या जुकाम की शिकायत होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. यहां-वहां से गोलियां लेकर खा लेने से फौरी तौर पर समस्या को टल जाती है, लेकिन बीमारी शरीर में ही दबी रही है. जो आगे चलकर कई बार गंभीर रूप में सामने आती है. इसलिए प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह से ही दवा लेनी चाहिए. इस मौसम में घर के आसपास, छत के ऊपर या अन्य जगहों पर जहां कबाड़ और इस तरह की चीजें हों, सफाई जरूर करनी चाहिए. जल-जमाव बिल्दुल न होने दें. पानी में मच्छर पनपते हैं, जो खतरनाक बीमारियों की वजह बनते हैं. इसलिए इसका खास ध्यान रखना चाहिए. खिड़कियों में महीन जाली लगाएं, ताकि मच्छर घर में न आ सकें.
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