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सालभर पहले ही टिकट पक्की कराने की जुगत में लगे बीजेपी नेता, प्रदेशाध्यक्ष के सामने कई चुनौतियां - दिल्ली नगर निगम चुनाव टिकट

दिल्ली में आगामी नगर निगम चुनावों को देखते हुये बीजेपी नेताओं ने अभी से टिकट के लिये भागदौड़ शुरू कर दी है. वहीं वरिष्ट नेता भी अपने-अपने लोगों को टिकट दिलवाने में जुटे हुये हैं. इसके अलावा रोटेशन पॉलिसी और कई पार्षदों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप भी बीजेपी के लिये मुश्किल बन रहे हैं. ऐसे में दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के सामने टिकट बांटना एक बड़ी चुनौती होगी.

BJP leaders trying to get tickets confirmed
टिकट पक्की कराने की जुगत में लगे बीजेपी नेता
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Published : Oct 19, 2021, 5:52 PM IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी में अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनाव में भले ही अभी कुछ महीनों का समय बाकी हो लेकिन बीजेपी के क्षेत्रीय नेता और कार्यकर्ता अभी से अपनी टिकट पक्की करवाने में जुट गये हैं. इसके लिये लगातार पार्टी दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं.

दरअसल, इस बार रोटेशन पॉलिसी के चलते दिल्ली नगर निगम चुनाव में समीकरण पूरे तरीक़े से बदल सकता है. यानी कि पुरुषों के लिए जो आरक्षित सीटें हैं, वह महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती है. वहीं SC, ST और OBC वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में रोटेशन पॉलिसी आने के बाद बदलाव देखा जा सकता है. इस बीच दिल्ली बीजेपी के प्रदेश कार्यालय 14 पंडित पंत मार्ग में बीजेपी के क्षेत्रीय नेताओं का अभी से चुनावों के मद्देनजर अपनी टिकट को लेकर पार्टी दफ्तर के चक्कर काटना शुरु हो गया है. विशेष तौर पर उन क्षेत्रीय नेताओ का, जिन्हें पिछली बार भी चुनावों के समय टिकट नहीं मिला था.

इसके साथ-साथ कुछ निगम पार्षद भी अपनी टिकट पक्की करने के लिये पार्टी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं और लगातार प्रदेशाध्यक्ष आदेश गुप्ता के दफ्तर में हाजिरी लगाकर उन्हें मनाने में जुटे हुये हैं. जबकि दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने-अपने चहेते क्षेत्रीय नेताओं का नाम भी इस बार नगर निगम के चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवार के तौर पर आगे किए जा रहे हैं.

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ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता की परेशानी कई गुना तक बढ़ने वाली है कि रोटेशन पॉलिसी के बाद बदले समीकरण और तमाम हालातों को देखते हुए किस तरह से इस बार टिकटों का बंटवारा वह करते हैं. वहीं आदेश गुप्ता के सामने सबसे बड़ी परेशानी तो यह होगी प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए नगर निगम के होने वाले मुख्य चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर वह खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

बता दें कि दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता वर्तमान में नॉर्थ एमसीडी के अंतर्गत आने वाले पटेल नगर के क्षेत्र से पार्षद भी हैं. ऐसे में अगर आदेश गुप्ता आगामी समय में होने वाले निगम चुनावो में भाग नहीं लेते तो उनकी सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा और और कैसे अपनी सीट को बचाएंगे, यह भी एक बड़ी चुनौती आदेश गुप्ता के सामने होगी.

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पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार और कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने के कारण तीनों निगमों में शासित दिल्ली बीजेपी की छवि काफी धूमिल हुई है. जिसका डेंट बीजेपी के वोट बैंक के शेयर पर पड़ना जाहिर बताया जा रहा है. चुनावी विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली बीजेपी अपने नाराज कर्मचारियों को मनाने का प्रयास तो करेगी ही लेकिन इस बार दिल्ली बीजेपी की नजरें गरीब वर्ग के उन लोगों पर है जो राजधानी में अलग-अलग जगह में बसी 200 झुग्गियों या फिर कहा जाए तो सेवा बस्तियों में रहते हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली के मतदाताओं का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन्हीं झुग्गियों में से आता है और यह क्षेत्र आम आदमी पार्टी का वोट बैंक माना जाता है. दिल्ली बीजेपी ने इस बार इसी क्षेत्र को टारगेट किया है. जिसके चलते दिल्ली बीजेपी के द्वारा झुग्गी सम्मान यात्रा भी निकाली जा रही है. जिसका कितना असर दिल्ली बीजेपी के वोट बैंक के शेयर पर पड़ता है और से क्या फायदा होता है. यह तो आने वाले निगम चुनावों के नतीजे ही बता पाएंगे.

भी पढ़ें : दक्षिण दिल्ली नगर निगम में कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स को राहत, इसी महीने होगा कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू

दिल्ली नगर निगम के तीनों भागों उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में शासित बीजेपी की सरकारों की छवि भ्रष्टाचार के चलते काफी खराब हो चुकी है. जिसके चलते कुछ दिन पहले तीन पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया था. सूत्रों के अनुसार बीजेपी में अभी भी 24 पार्षद ऐसे हैं, जिनके उपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं लेकिन पार्टी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

जानकारों की मानें तो इन सभी पार्षदों की टिकटें आगामी निगम चुनाव में कटना तय मानी जा रही हैं. ऐसे में इन सभी 24 पार्षदों की जगह किन नए 24 लोगों को टिकट जाए दी जाए, जो पार्टी को जीत भी दिला सकें, उनको ढूढ़ना दिल्ली बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ओर आदेश गुप्ता के सामने एक बड़ी चुनौती है.

नई दिल्ली: देश की राजधानी में अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनाव में भले ही अभी कुछ महीनों का समय बाकी हो लेकिन बीजेपी के क्षेत्रीय नेता और कार्यकर्ता अभी से अपनी टिकट पक्की करवाने में जुट गये हैं. इसके लिये लगातार पार्टी दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं.

दरअसल, इस बार रोटेशन पॉलिसी के चलते दिल्ली नगर निगम चुनाव में समीकरण पूरे तरीक़े से बदल सकता है. यानी कि पुरुषों के लिए जो आरक्षित सीटें हैं, वह महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती है. वहीं SC, ST और OBC वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में रोटेशन पॉलिसी आने के बाद बदलाव देखा जा सकता है. इस बीच दिल्ली बीजेपी के प्रदेश कार्यालय 14 पंडित पंत मार्ग में बीजेपी के क्षेत्रीय नेताओं का अभी से चुनावों के मद्देनजर अपनी टिकट को लेकर पार्टी दफ्तर के चक्कर काटना शुरु हो गया है. विशेष तौर पर उन क्षेत्रीय नेताओ का, जिन्हें पिछली बार भी चुनावों के समय टिकट नहीं मिला था.

इसके साथ-साथ कुछ निगम पार्षद भी अपनी टिकट पक्की करने के लिये पार्टी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं और लगातार प्रदेशाध्यक्ष आदेश गुप्ता के दफ्तर में हाजिरी लगाकर उन्हें मनाने में जुटे हुये हैं. जबकि दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने-अपने चहेते क्षेत्रीय नेताओं का नाम भी इस बार नगर निगम के चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवार के तौर पर आगे किए जा रहे हैं.

कूड़े के निष्पादन को लेकर निगमों की रफ्तार धीमी, फिर तय करनी होगी नई डेडलाइन

ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता की परेशानी कई गुना तक बढ़ने वाली है कि रोटेशन पॉलिसी के बाद बदले समीकरण और तमाम हालातों को देखते हुए किस तरह से इस बार टिकटों का बंटवारा वह करते हैं. वहीं आदेश गुप्ता के सामने सबसे बड़ी परेशानी तो यह होगी प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए नगर निगम के होने वाले मुख्य चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर वह खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

बता दें कि दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता वर्तमान में नॉर्थ एमसीडी के अंतर्गत आने वाले पटेल नगर के क्षेत्र से पार्षद भी हैं. ऐसे में अगर आदेश गुप्ता आगामी समय में होने वाले निगम चुनावो में भाग नहीं लेते तो उनकी सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा और और कैसे अपनी सीट को बचाएंगे, यह भी एक बड़ी चुनौती आदेश गुप्ता के सामने होगी.

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पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार और कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने के कारण तीनों निगमों में शासित दिल्ली बीजेपी की छवि काफी धूमिल हुई है. जिसका डेंट बीजेपी के वोट बैंक के शेयर पर पड़ना जाहिर बताया जा रहा है. चुनावी विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली बीजेपी अपने नाराज कर्मचारियों को मनाने का प्रयास तो करेगी ही लेकिन इस बार दिल्ली बीजेपी की नजरें गरीब वर्ग के उन लोगों पर है जो राजधानी में अलग-अलग जगह में बसी 200 झुग्गियों या फिर कहा जाए तो सेवा बस्तियों में रहते हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली के मतदाताओं का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन्हीं झुग्गियों में से आता है और यह क्षेत्र आम आदमी पार्टी का वोट बैंक माना जाता है. दिल्ली बीजेपी ने इस बार इसी क्षेत्र को टारगेट किया है. जिसके चलते दिल्ली बीजेपी के द्वारा झुग्गी सम्मान यात्रा भी निकाली जा रही है. जिसका कितना असर दिल्ली बीजेपी के वोट बैंक के शेयर पर पड़ता है और से क्या फायदा होता है. यह तो आने वाले निगम चुनावों के नतीजे ही बता पाएंगे.

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दिल्ली नगर निगम के तीनों भागों उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में शासित बीजेपी की सरकारों की छवि भ्रष्टाचार के चलते काफी खराब हो चुकी है. जिसके चलते कुछ दिन पहले तीन पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया था. सूत्रों के अनुसार बीजेपी में अभी भी 24 पार्षद ऐसे हैं, जिनके उपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं लेकिन पार्टी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

जानकारों की मानें तो इन सभी पार्षदों की टिकटें आगामी निगम चुनाव में कटना तय मानी जा रही हैं. ऐसे में इन सभी 24 पार्षदों की जगह किन नए 24 लोगों को टिकट जाए दी जाए, जो पार्टी को जीत भी दिला सकें, उनको ढूढ़ना दिल्ली बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ओर आदेश गुप्ता के सामने एक बड़ी चुनौती है.

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