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दिल्ली कांग्रेस में जारी है गुटबाजी! शीला दीक्षित ने 2 कार्यकारी अध्यक्षों के पर कतरे - pc chako

कर्नाटक और गोवा में कांग्रेस के लिए संकट अभी टला भी नहीं था कि दिल्ली में पार्टी का संगठन गुटबाजी की भेंट चढ़ता दिख रहा है. दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित को चिट्ठी लिखी है.

कांग्रेस में गुटबाजी तेज etv bharat
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Published : Jul 17, 2019, 8:42 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक कांग्रेस की गुटबाजी लोकसभा चुनाव की बुरी हार के बाद भी रुकी नहीं है. दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने पूर्व सीएम शीला दीक्षित को लेटर लिखा है.

राजेश लिलोठिया से खास बातचीत

पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा है कि दिल्ली के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष खुद ही अपने फैसले लेकर शीला दीक्षित को रिपोर्ट कर देंगे.

पत्र में चाको ने यह भी लिखा है, 'आपने मेरे पिछले किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया, इसलिए पार्टी के हित में मैं तीनों कार्यकारी अध्यक्षों को डीपीसीसी प्रेसिडेंटस और ब्लॉक प्रेसिडेंट्स की बैठक लेने के लिए अधिकृत करता हूं.'

राजेश लिलोठिया को मिली बड़ी जिम्मेदारी
पीसी चाको के इस पत्र के बाद शीला दीक्षित की तरफ से भी एक पत्र जारी हुआ. जिसमें उन्होंने तीनों कार्यकारी अध्यक्षों की जिम्मेदारी में बदलाव करते हुए दो कार्यकारी अध्यक्षों के पर कतर दिए, वहीं तीसरे कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई.
शीला दीक्षित द्वारा जारी पत्र के निर्देशानुसार हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव को संयुक्त रूप से आगामी दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है.

वहीं राजेश लिलोठिया को उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, यूथ कांग्रेस और डीपीसी सेल की जिम्मेदारी मिली है.

गौरतलब है कि पहले राजेश लिलोठिया के पास केवल उत्तरी दिल्ली नगर निगम और डीपीसी की सेल्स की जिम्मेदारी थी. इसे लिलोठिया के पार्टी में कद बढ़ने से जोड़कर देखा जा रहा है.

'पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र'
इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया से खास बातचीत की.

इस बातचीत में लिलोठिया ने पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी से साफ इंकार कर दिया और कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है. यह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को दर्शाता है कि कोई भी यहां पर अपनी बात सामने रख सकता है.

'पार्टी में किसी का कद छोटा नहीं'
दो कार्यकारी अध्यक्षों के कद छोटा करने के मामले को भी लिलोठिया ने नकारा और कहा कि यह पार्टी का काम है.

पार्टी जो जिम्मेदारियां देती है सभी के लिए बराबर होती है. हालांकि अपनी जिम्मेदारियों को लेकर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अपनी जिम्मेदारियों का पूर्ण निर्वहन करेंगे.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक कांग्रेस की गुटबाजी लोकसभा चुनाव की बुरी हार के बाद भी रुकी नहीं है. दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने पूर्व सीएम शीला दीक्षित को लेटर लिखा है.

राजेश लिलोठिया से खास बातचीत

पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा है कि दिल्ली के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष खुद ही अपने फैसले लेकर शीला दीक्षित को रिपोर्ट कर देंगे.

पत्र में चाको ने यह भी लिखा है, 'आपने मेरे पिछले किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया, इसलिए पार्टी के हित में मैं तीनों कार्यकारी अध्यक्षों को डीपीसीसी प्रेसिडेंटस और ब्लॉक प्रेसिडेंट्स की बैठक लेने के लिए अधिकृत करता हूं.'

राजेश लिलोठिया को मिली बड़ी जिम्मेदारी
पीसी चाको के इस पत्र के बाद शीला दीक्षित की तरफ से भी एक पत्र जारी हुआ. जिसमें उन्होंने तीनों कार्यकारी अध्यक्षों की जिम्मेदारी में बदलाव करते हुए दो कार्यकारी अध्यक्षों के पर कतर दिए, वहीं तीसरे कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई.
शीला दीक्षित द्वारा जारी पत्र के निर्देशानुसार हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव को संयुक्त रूप से आगामी दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है.

वहीं राजेश लिलोठिया को उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, यूथ कांग्रेस और डीपीसी सेल की जिम्मेदारी मिली है.

गौरतलब है कि पहले राजेश लिलोठिया के पास केवल उत्तरी दिल्ली नगर निगम और डीपीसी की सेल्स की जिम्मेदारी थी. इसे लिलोठिया के पार्टी में कद बढ़ने से जोड़कर देखा जा रहा है.

'पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र'
इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया से खास बातचीत की.

इस बातचीत में लिलोठिया ने पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी से साफ इंकार कर दिया और कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है. यह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को दर्शाता है कि कोई भी यहां पर अपनी बात सामने रख सकता है.

'पार्टी में किसी का कद छोटा नहीं'
दो कार्यकारी अध्यक्षों के कद छोटा करने के मामले को भी लिलोठिया ने नकारा और कहा कि यह पार्टी का काम है.

पार्टी जो जिम्मेदारियां देती है सभी के लिए बराबर होती है. हालांकि अपनी जिम्मेदारियों को लेकर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अपनी जिम्मेदारियों का पूर्ण निर्वहन करेंगे.

Intro:कर्नाटक और गोवा में कांग्रेस के लिए संकट अभी टला भी नहीं था कि दिल्ली में पार्टी का संगठन गुटबाजी की भेंट चढ़ता दिख रहा है.


Body:नई दिल्ली: शीला दीक्षित और पीसी चाको के बीच चल रही टशन आज खुलकर सामने आ गई, जब चाको ने शीला दीक्षित को पत्र लिखा और इस पत्र में उनके स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए यहां तक कह दिया कि तीनों कार्यकारी अध्यक्षों को और अधिकार देकर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सामने लाया जाए. पत्र में चाको ने यह भी लिखा है कि आपने मेरे पिछले किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया, इसलिए पार्टी के हित में मैं तीनों कार्यकारी अध्यक्षों को डीपीसीसी प्रेसिडेंटस और ब्लॉक प्रेसिडेंट्स की बैठक लेने के लिए अधिकृत करता हूं.

पीसी चाको के इस पत्र के बाद ही शीला दीक्षित की तरफ से एक पत्र जारी हुआ, जिसमें उन्होंने तीनों कार्यकारी अध्यक्षों की जिम्मेदारी में बदलाव करते हुए दो कार्यकारी अध्यक्षों के पर कतर दिए, वहीं तीसरे कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई.

शीला दीक्षित द्वारा जारी पत्र के निर्देशानुसार हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव को संयुक्त रूप से आगामी दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं राजेश लिलोठिया को उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, यूथ कांग्रेस और डीपीसी सेल की जिम्मेदारी मिली है. गौरतलब है कि पहले राजेश लिलोठिया के पास केवल उत्तरी दिल्ली नगर निगम और डीपीसी की सेल्स की जिम्मेदारी थी. इसे लिलोठिया के पार्टी में कद बढ़ने से जोड़कर देखा जा रहा है.

इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया से खास बातचीत की. इस बातचीत में लिलोठिया ने हालांकि पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी से साफ इंकार किया और कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और यह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को दर्शाता है कि कोई भी यहां पर अपनी बात सामने रख सकता है.

दो कार्यकारी अध्यक्षों के कद छोटा करने को भी लिलोठिया ने नकारा और कहा कि यह पार्टी का काम है और पार्टी जो जिम्मेदारियां देती है सभी के लिए बराबर होता है. हालांकि अपनी जिम्मेदारियों को लेकर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अपनी जिम्मेदारियों का पूर्ण निर्वहन करेंगे.



Conclusion:एक तरफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के बीच ठनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ अब कार्यकारी अध्यक्षों में से दो के पर कतर दिए गए और एक को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई. अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रभारी और अध्यक्ष के बीच की टशन कार्यकारी अध्यक्षों में के बीच भी आ जाती है या फिर लिलोठिया अपने बढ़े कद के साथ सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने में कामयाब हो पाते हैं.
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