नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में सुनवाई को दौरान कहा है कि ट्विटर ने नए आईटी रुल्स का पालन करते हुए स्थायी शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति की है. हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को करेगी.
सुनवाई के दौरान ट्विटर की ओर से वकील सज्जन पोवैया ने कहा कि ट्विटर ने जिन स्थायी शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति की है, वे सीधे ट्विटर के अमेरिका स्थित दफ्तर को रिपोर्ट करेंगे. तब कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा से पूछा कि केंद्र सरकार का क्या कहना है. इस पर शर्मा ने कहा कि प्रथम दृष्टया उन्होंने मुख्य शिकायत अधिकारी, स्थानीय शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क अधिकारी की नियुक्ति की है. इस संबंध में केंद्र सरकार अपना हलफनामा दाखिल करेगी. उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.
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पिछले 6 अक्टूबर 2020 को ट्विटर ने हाईकोर्ट को बताया था कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की स्थायी नियुक्ति कर दी गई है. सुनवाई के दौरान ट्विटर की ओर से वरिष्ठ वकील सज्जन पोवैया ने कहा था कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति पिछले 4 अगस्त को कर दी गई है. इसके साथ-साथ नोडल अधिकारी और मुख्य शिकायत निवारण अधिकारी की भी नियुक्ति कर दी गई है. उन्होंने कहा था कि इस संबंध में नया हलफनामा दायर कर दिया गया है. तब कोर्ट ने कहा था कि वह रिकॉर्ड में नहीं है. केंद्र सरकार की ओर से पेश ASG चेतन शर्मा ने कहा था कि वह हलफनामे का वेरिफिकेशन करेंगे और कोर्ट को इसकी सूचना देंगे.
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पिछले 28 जुलाई को हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों पर अमल को लेकर ट्विटर के जवाब पर नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया था कि एक हफ्ते में बेहतर हलफनामा दायर करें. जिसमें मुख्य शिकायत निवारण अधिकारी और स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी का स्पष्ट उल्लेख हो. कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वे हलफनामा में ये भी बताएं कि नोडल अफसर की नियुक्ति कब तक होगी.
याचिका वकील अमित आचार्य ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनी होने के नाते ट्विटर को बिना देरी किए कानून का पालन करना चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ट्विटर को निर्देश दे कि वो बिना देरी किए आईटी रुल्स के तहत शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करे. आईटी रुल्स के रुल 4(सी) के तहत किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी.
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याचिका में कहा गया है कि आईटी रूल्स पिछले 25 फरवरी को लाया गया था. आईटी रूल्स में सोशल मीडिया प्लेटफार्म को निर्देश दिया गया था कि वे तीन महीने के अंदर निर्देशों का पालन करें. लेकिन ट्विटर ने आईटी रूल्स का पालन नहीं किया. ट्विटर ने स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी नहीं की. 26 मई को याचिकाकर्ता ने ट्विटर पर देखा कि दो लोगों ने ऐसे ट्वीट किए थे, जो अपमानजनक और झूठे थे. इनकी शिकायत करने के लिए उसने शिकायत निवारण अधिकारी के बारे में पता लगाया. लेकिन ट्विटर ने स्थानीय स्तर पर कोई शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है जो आईटी रूल्स का उल्लंघन है. उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.