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केंद्र सरकार ने जारी किया दिल्ली का सीरो सर्वे, 23.48 फीसद कोरोना संक्रमित

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Published : Jul 21, 2020, 3:16 PM IST

सीरो सर्वे के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की बनाई कोविड कवच एलिसा किट इस्तेमाल की गई. कोविड-19 के क्लिनिकल डायग्नोसिस के लिए रियल टाइम आरटी-पीसीआर टेस्ट होता है.

Sero survey of delhi
दिल्ली का सीरो सर्वे

नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या में भले ही कमी आई है, लेकिन दिल्ली में कोरोना लोकल लेवल पर फैल चुका है. राजधानी में 21,000 से अधिक घरों में पिछले दिनों सीरो सर्वे कराया गया था. इसके नतीजे आ गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा कराए गए इस सर्वे में दिल्ली के 23.48 फीसद लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. यानि दिल्ली की करीब 23.48 फीसद आबादी को कोरोना हो चुका है. यह सर्वे 26 जून से 6 जुलाई के बीच दिल्ली के सभी जिलों में हुआ था.

26 जून से 6 जुलाई तक हुआ सभी जिले में सीरो सर्वे

जून में जब मामले बढ़े तो कराया गया सीरो सर्वे

जून महीने के दूसरे पखवाड़े में कोरोना के मामले में जिस तरह इजाफा हुआ था, केंद्र सरकार ने कमान अपने हाथ में संभाल ली. गृहमंत्री अमित शाह के दखल देने के बाद संक्रमण को पकड़ने के लिए दिल्ली सेरोलॉजिकल सर्वे (सीरो) कराया गया. यह समझने की कवायद की गई कि आखिर कोरोना का संक्रमण किस-किस हिस्से में फैला है.

26 जून से 6 जुलाई तक हुआ सभी जिले में सीरो सर्वे

26 जून से 6 जुलाई के बीच एंटीबॉडी टेस्टिंग के लिए कुल 21387 सैंपल कलेक्ट किए गए थे. सीरो सर्वे में पता चला है कि 23.48 फीसद को बीमारी हुई थी और ठीक हो गए. कुछ जगहों पर यह आंकड़ा 25 फीसद से भी ज्यादा भी आया. इनमें किसी को गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दिया.

अलग-अलग जिलों में कोरोना का प्रसार अलग

सीरो सर्वे की जो रिपोर्ट एनसीडीसी में दी है, उसमें कोरोना का प्रसार अलग-अलग जिलों में अलग-अलग है. इसका मतलब है कि कोरोना लोकल लेवल पर फैला है. इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में सीरो सर्वे किया था. मगर उसके नतीजे पब्लिक नहीं किए गए. हालांकि सूत्र बताते हैं कि उसमें कंटेनमेंट जोन के भीतर 10 से 30 फीसद का प्रसार का पता चला है.

क्या होता है सीरो सर्वे

सीरो सर्वे में खून के नमूने लिए जाते हैं. इसमें एंटीबॉडी टेस्ट से शरीर में एंटीबॉडीज का पता चलता है. जो बताती है कि आप वायरस के शिकार हुए थे या नहीं. एंटीबॉडीज दरअसल वह प्रोटीन हैं जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है. सीरो सर्वे के दौरान 21 हज़ार से अधिक घरों से सैंपल टेस्ट उन लोगों के एंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए लिया गया जो कोविड-19 वायरस से लड़ती है. यह इंफेक्शन के 14 दिन बाद शरीर में मिलने लगती है और महीनों तक ब्लड सिरम में रहती है.

नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या में भले ही कमी आई है, लेकिन दिल्ली में कोरोना लोकल लेवल पर फैल चुका है. राजधानी में 21,000 से अधिक घरों में पिछले दिनों सीरो सर्वे कराया गया था. इसके नतीजे आ गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा कराए गए इस सर्वे में दिल्ली के 23.48 फीसद लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. यानि दिल्ली की करीब 23.48 फीसद आबादी को कोरोना हो चुका है. यह सर्वे 26 जून से 6 जुलाई के बीच दिल्ली के सभी जिलों में हुआ था.

26 जून से 6 जुलाई तक हुआ सभी जिले में सीरो सर्वे

जून में जब मामले बढ़े तो कराया गया सीरो सर्वे

जून महीने के दूसरे पखवाड़े में कोरोना के मामले में जिस तरह इजाफा हुआ था, केंद्र सरकार ने कमान अपने हाथ में संभाल ली. गृहमंत्री अमित शाह के दखल देने के बाद संक्रमण को पकड़ने के लिए दिल्ली सेरोलॉजिकल सर्वे (सीरो) कराया गया. यह समझने की कवायद की गई कि आखिर कोरोना का संक्रमण किस-किस हिस्से में फैला है.

26 जून से 6 जुलाई तक हुआ सभी जिले में सीरो सर्वे

26 जून से 6 जुलाई के बीच एंटीबॉडी टेस्टिंग के लिए कुल 21387 सैंपल कलेक्ट किए गए थे. सीरो सर्वे में पता चला है कि 23.48 फीसद को बीमारी हुई थी और ठीक हो गए. कुछ जगहों पर यह आंकड़ा 25 फीसद से भी ज्यादा भी आया. इनमें किसी को गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दिया.

अलग-अलग जिलों में कोरोना का प्रसार अलग

सीरो सर्वे की जो रिपोर्ट एनसीडीसी में दी है, उसमें कोरोना का प्रसार अलग-अलग जिलों में अलग-अलग है. इसका मतलब है कि कोरोना लोकल लेवल पर फैला है. इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में सीरो सर्वे किया था. मगर उसके नतीजे पब्लिक नहीं किए गए. हालांकि सूत्र बताते हैं कि उसमें कंटेनमेंट जोन के भीतर 10 से 30 फीसद का प्रसार का पता चला है.

क्या होता है सीरो सर्वे

सीरो सर्वे में खून के नमूने लिए जाते हैं. इसमें एंटीबॉडी टेस्ट से शरीर में एंटीबॉडीज का पता चलता है. जो बताती है कि आप वायरस के शिकार हुए थे या नहीं. एंटीबॉडीज दरअसल वह प्रोटीन हैं जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है. सीरो सर्वे के दौरान 21 हज़ार से अधिक घरों से सैंपल टेस्ट उन लोगों के एंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए लिया गया जो कोविड-19 वायरस से लड़ती है. यह इंफेक्शन के 14 दिन बाद शरीर में मिलने लगती है और महीनों तक ब्लड सिरम में रहती है.

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