नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोरोना संकट के दौरान ऑल इंडिया रेडियो के बंद चैनल्स और उसकी सेवाओं में लगे लोगों को बहाल करने को लेकर कानून के मुताबिक जल्द फैसला करें. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कैजुअल अनाउंसर एंड कंपियर्स यूनियन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया.
ऑल इंडिया रेडियो के चैनल्स को बंद करने का विरोध
याचिका में संगठन ने रेडियो के नैशनल चैनल को बंद किए जाने का विरोध जताया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील आकाश वशिष्ठ ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान ऑल इंडिया रेडियो के नेशनल चैनल्स के अलावा इसके क्षेत्रीय चैनलों जैसे अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनऊ, शिलांग और तिरुवनंतपुरम में बिना किसी आकलन किए ही बंद कर दिया गया. याचिका में मांग की गई थी कि इन चैनलों की सर्विस तुरंत बहाल करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए.
याचिका में मांग की गई थी कि इन चैनलों में काम करने वाले कैजुअल अनाउंसर्स, रेडियो जॉकी, प्रेजेंटर और कंपियर्स की नौकरी बहाल की जाए. याचिका में कहा गया था कि ये लोग पिछले छह महीने से बेरोजगार हैं.
याचिका में कहा गया था कि कोरोना की आड़ में ऑल इंडिया रेडियो की छतरपुर, शहडोल और बैतूल स्टेशनों को बंद कर दिया गया. इसके अलावा ऑल इंडिया रेडियो के वर्ल्ड सर्विस की सेवाएं भी मुख्य स्टूडियो से पबंद कर दी गई. इन चैनलों को बंद करने का फैसला मनमाना एवं गैरकानूनी था.