नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि वो व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर विचार कर रही है और इसे लेकर उसने व्हाट्सएप से इस बाबत पूछताछ की है. वहीं हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी.
यूरोपियन देशों में प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अलग मानक
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि व्हाट्सएप यूरोपियन देशों और भारतीय यूजर्स के साथ प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अलग-अलग मापदंड अपना रही है. केंद्र इसे लेकर चिंतित है. व्हाट्सएप ने यूरोपियन देशों के यूजर्स को ऑप्ट आउट होने का विकल्प दिया है जबकि भारतीय यूजर्स को ये विकल्प नहीं दिया गया है.
डाटा प्रोटेक्शन बिल पर विचार
केंद्र ने याचिकाकर्ता के डाटा प्रोटेक्शन बिल नहीं होने की चिंताओं के जवाब में कहा कि सरकार डाटा प्रोटेक्शन बिल पर विचार कर रही है. इस पर संयुक्त संसदीय समिति विचार कर रही है. व्हाट्सएप को केंद्र सरकार को जवाब देने को कहा गया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील मनोहर लाल ने कहा कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी देश की सुरक्षा और लोकतंत्र के लिए खतरा है. तब कोर्ट ने कहा कि व्हाट्सएप कोई अनिवार्य ऐप नहीं है. कोर्ट ने कहा कि अगर आप इसे नहीं चाहते हैं तो आप इसका इस्तेमाल मत कीजिए. कोर्ट ने कहा कि दूसरे ऐप को भी डाउनलोड करने के लिए ऐसी ही शर्तें होती हैं. ऐसे में केवल व्हाट्सएप पर कार्रवाई कैसे की जा सकती है.
सुनवाई के योग्य नहीं याचिका
कोर्ट ने पूछा कि क्या कोर्ट सरकार को इन प्लेटफार्म को रेगुलेट करने के लिए कह सकती है. अगर इस पर संसद विचार कर रही है तो कोर्ट कैसे आदेश दे सकती है. सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप और फेसबुक की ओर से कहा गया कि केंद्र सरकार ने कुछ मामलों पर सफाई मांगी है. वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है.
व्हाट्सएप पूरी तरह सुरक्षित
पिछले 21 जनवरी को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि व्हाट्सएप एक निजी ऐप है और अगर याचिकाकर्ता को दिक्कत है तो उसका इस्तेमाल न करे. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि व्हाट्सएप सब कुछ इकट्ठा करता है और उसको विश्व स्तर पर साझा करता है. ब्रिटेन और अमेरिका में व्हाट्सएप नई प्राइवेसी पॉलिसी के इस्तेमाल के लिए ऑप्शन देता है लेकिन भारत में इसके इस्तेमाल के लिए कोई आप्शन नहीं दिया. इस पर व्हाट्सएप की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ऐप पूरी तरह से उपयोग के लिए सुरक्षित है. मित्रों और रिश्तेदारों के बीच सभी बाचतीत एन्क्रिप्लेट हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आपको पता है कि गूगल मैप भी डाटा शेयर करता है.
सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर रखी जाएगी नजर
याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर की है, जिसमें कहा गया कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी किसी यूजर की सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है.
केंद्र अपने अधिकारों का प्रयोग करे
याचिका में मांग की गई है कि व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को मौलिक अधिकारों के मुताबिक तय करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं. केंद्र सरकार इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 79(2)(सी) और धारा 87(2)(जेडजी) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए ये सुनिश्चित करे कि व्हाट्सएप किसी भी यूजर का डाटा किसी भी तीसरे पक्ष या फेसबुक को किसी उपयोग के लिए शेयर न करे.
फेसबुक से डाटा शेयर करेगा व्हाट्सएप
व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो यूजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है. अगर व्हाट्सएप यूजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है इसका मतलब है कि वो हर सेकंड यूजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वो फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा. ऐसा करना गैरकानूनी है.
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4 जनवरी को अपडेट की गई नई प्राईवेसी पॉलिसी
बता दें कि पिछले 4 जनवरी को व्हाट्सएप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करते हुए अपने यूजर्स को इसे स्वीकार करना को कहा है. व्हाट्सएप ने कहा है कि अगर यूजर अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करता है तो 8 फरवरी के बाद उसकी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. अब व्हाट्सएप ने इस समय सीमा को बढ़ाकर मई तक कर दिया है. व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी यूरोप में लागू नहीं की गई है.