नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ की गई जांच पर नाराजगी जताई है. स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने सीबीआई से पूछा कि इस मामले में बड़े अधिकारी कैसे खुलेआम घुम रहे हैं जबकि आपने अपने डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया.
कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट पर 19 फरवरी को विचार करने का आदेश दिया है.
मामले में सीबीआई ने मनोज प्रसाद को बनाया था आरोपी
राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेन्द्र कुमार को क्लीन चिट. पिछले 11 फरवरी को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल किया था. मामले के आरोपी राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेन्द्र कुमार को क्लीन चिट दे दी गई है. देवेन्द्र कुमार इस मामले में जमानत पर हैं.
इस मामले में सीबीआई ने बिचौलिये मनोज प्रसाद को आरोपी बनाया है. चार्जशीट में कहा गया है कि मनोज प्रसाद के भाई सोमेश प्रसाद औऱ एक और आरोपी सुनील मित्तल के खिलाफ अभी जांच पूरी नहीं हुई है. हाईकोर्ट ने जांच में देरी पर फटकार लगाई थी.
केस रफा-दफा करने के लिए रिश्वत देने का आरोप
पिछले 8 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच पूरी करने में देरी पर सीबीआई को फटकार लगाई थी. जस्टिस विभू बाखरु ने कहा कि था फरवरी तक जांच पूरी करें और अगर 10 फरवरी तक जांच पूरी नहीं होती है तो सीबीआई डायरेक्टर कोर्ट में उपस्थित हों.
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से जांच पूरी करने के लिए बार-बार समय बढ़ाने की मांग करने पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि जांच के आठ चरण हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप आठ साल लेंगे. हाईकोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं.
कोर्ट ने कहा कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है. अस्थाना के खिलाफ केस सतीश साना से जुड़े एक मामले में दर्ज किया गया है. सतीश साना ही वह व्यक्ति है जिसने कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए अस्थाना को 3 करोड़ रुपए रिश्वत देने का आरोप लगाया है.