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आमरण अनशन पर बैठे कैट एम्बुलेंस कर्मचारी, CM केजरीवाल बोले- ये हड़ताल गैर कानूनी है - etv bharat

दिल्ली में कैट एंबुलेंस सेवा के सैकड़ों कर्मचारी 2 महीने से धरने पर बैठे हैं. बता दें कि सभी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के पास ही धरने पर बैठे हैं.

आमरण अनशन पर कैट एम्बुलेंस कर्मचारी etv bharat
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Published : Aug 27, 2019, 6:01 PM IST

नई दिल्ली: कैट एंबुलेंस सेवा के सैकड़ों कर्मचारी करीब 2 महीने से मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के पास धरने पर हैं. अब उन्होंने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है. इधर अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उनका हड़ताल गैरकानूनी है.

सीएम केजरीवाल के घर के पास आमरण अनशन पर बैठे हैं कैट एम्बुलेंस के कर्मचारी

बीते 30 जून को कैट एंबुलेंस सेवा में पहले से कार्य कर रही कंपनी का ठेका समाप्त हुआ और उसके बाद दूसरी कंपनी ने काम संभाला. लेकिन, पहली कंपनी के अधीन काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों को 3 महीने का वेतन नहीं मिल पाया था. नई कंपनी के साथ काम करने को लेकर वे इसी शर्त पर राजी हुए, अगर वह कंपनी उन्हें उनका बकाया वेतन देती है.

59 दिन से धरने पर हैं
उन्हें बकाया वेतन नहीं मिल सका, नतीजतन अगले दिन से वे हड़ताल पर चले गए और फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के पास धरने पर बैठ गए. ये सभी लगातार 59 दिन से धरने पर हैं और पिछले 21 अगस्त से इनमें से 11 लोगों ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है. इनकी मांग है कि इन्हें इनका बकाया वेतन मिले और साथ ही कैट एंबुलेंस सेवा से निजीकरण खत्म किया जाए.

CATS employees protest outside Arvind Kejriwal residence in delhi
आमरण अनशन पर कैट एम्बुलेंस कर्मचारी

'इनके हड़ताल को गैरकानूनी हैं'
इधर दिल्ली सरकार ने इनके हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब हमने इसे लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि इशेनशियल कमोडिटी एक्ट के तहत उनके हड़ताल को गैरकानूनी हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इनमें से कई सारे लोग काम पर आना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग हैं उन्हीं में जो उन्हें काम पर नहीं आने देना चाहते हैं वही जो नई भर्तियां की गई है उन्हें भी वे काम पर नहीं जाने दे रहे हैं.

उपराज्यपाल से मिले हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने अभी बताया कि इस मामले को लेकर उपराज्यपाल से भी मिल चुके हैं और उन्होंने उनसे इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी कि जो लोग काम पर लौटना चाहते हैं और जो नए लोग हैं उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए.

CATS employees protest outside Arvind Kejriwal residence in delhi
आमरण अनशन पर कैट एम्बुलेंस कर्मचारी

वहीं अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस से भी अनुरोध किया कि एक तरफ ये कर्मचारी मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के पास विकास भवन के सामने अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. वहीं अब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इनकी हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया है. देखने वाली बात होगी कि क्या पुलिस इन्हें वहां से हटाती है या फिर ये अपनी मांग पर अड़े रहते हैं.

नई दिल्ली: कैट एंबुलेंस सेवा के सैकड़ों कर्मचारी करीब 2 महीने से मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के पास धरने पर हैं. अब उन्होंने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है. इधर अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उनका हड़ताल गैरकानूनी है.

सीएम केजरीवाल के घर के पास आमरण अनशन पर बैठे हैं कैट एम्बुलेंस के कर्मचारी

बीते 30 जून को कैट एंबुलेंस सेवा में पहले से कार्य कर रही कंपनी का ठेका समाप्त हुआ और उसके बाद दूसरी कंपनी ने काम संभाला. लेकिन, पहली कंपनी के अधीन काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों को 3 महीने का वेतन नहीं मिल पाया था. नई कंपनी के साथ काम करने को लेकर वे इसी शर्त पर राजी हुए, अगर वह कंपनी उन्हें उनका बकाया वेतन देती है.

59 दिन से धरने पर हैं
उन्हें बकाया वेतन नहीं मिल सका, नतीजतन अगले दिन से वे हड़ताल पर चले गए और फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के पास धरने पर बैठ गए. ये सभी लगातार 59 दिन से धरने पर हैं और पिछले 21 अगस्त से इनमें से 11 लोगों ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है. इनकी मांग है कि इन्हें इनका बकाया वेतन मिले और साथ ही कैट एंबुलेंस सेवा से निजीकरण खत्म किया जाए.

CATS employees protest outside Arvind Kejriwal residence in delhi
आमरण अनशन पर कैट एम्बुलेंस कर्मचारी

'इनके हड़ताल को गैरकानूनी हैं'
इधर दिल्ली सरकार ने इनके हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब हमने इसे लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि इशेनशियल कमोडिटी एक्ट के तहत उनके हड़ताल को गैरकानूनी हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इनमें से कई सारे लोग काम पर आना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग हैं उन्हीं में जो उन्हें काम पर नहीं आने देना चाहते हैं वही जो नई भर्तियां की गई है उन्हें भी वे काम पर नहीं जाने दे रहे हैं.

उपराज्यपाल से मिले हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने अभी बताया कि इस मामले को लेकर उपराज्यपाल से भी मिल चुके हैं और उन्होंने उनसे इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी कि जो लोग काम पर लौटना चाहते हैं और जो नए लोग हैं उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए.

CATS employees protest outside Arvind Kejriwal residence in delhi
आमरण अनशन पर कैट एम्बुलेंस कर्मचारी

वहीं अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस से भी अनुरोध किया कि एक तरफ ये कर्मचारी मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के पास विकास भवन के सामने अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. वहीं अब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इनकी हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया है. देखने वाली बात होगी कि क्या पुलिस इन्हें वहां से हटाती है या फिर ये अपनी मांग पर अड़े रहते हैं.

Intro:कैट एंबुलेंस सेवा के सैकड़ों कर्मचारी करीब 2 महीने से मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के पास धरने पर हैं. अब उन्होंने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है. इधर अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उनका हड़ताल गैरकानूनी है.


Body:नई दिल्ली: बीते 30 जून को कैट एंबुलेंस सेवा में पहले से कार्य कर रही कंपनी का ठेका समाप्त हुआ और उसके बाद दूसरी कंपनी ने काम संभाला. लेकिन पहली कंपनी के अधीन काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों को 3 महीने का वेतन नहीं मिल पाया था. नई कंपनी के साथ काम करने को लेकर वे इसी शर्त पर राजी हुए, अगर वह कंपनी उन्हें उनका बकाया वेतन देती है.

उन्हें बकाया वेतन नहीं मिल सका, नतीजतन अगले दिन से वे हड़ताल पर चले गए और फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के पास धरने पर बैठ गए. ये सभी लगातार 59 दिन से धरने पर हैं और पिछले 21 अगस्त से इनमें से 11 लोगों ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है. इनकी मांग है कि इन्हें इनका बकाया वेतन मिले और साथ ही कैट एंबुलेंस सेवा से निजीकरण खत्म किया जाए.

इधर दिल्ली सरकार ने इनके हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब हमने इसे लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि पेंसिल कमोडिटी एक्ट के तहत उनके हड़ताल को गैरकानूनी है उन्होंने यह भी बताया कि इनमें से कई सारे लोग काम पर आना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग हैं उन्हीं में जो उन्हें काम पर नहीं आने देना चाहते हैं वही जो नई भर्तियां की गई है उन्हें भी वे काम पर नहीं जाने दे रहे हैं

मुख्यमंत्री ने अभी बताया कि इस मामले को लेकर उपराज्यपाल से भी मिल चुके हैं और उन्होंने उनसे इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी कि जो लोग काम पर लौटना चाहते हैं और जो नए लोग हैं उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस से भी अनुरोध किया कि विरोध किया



Conclusion:एक तरफ ये कर्मचारी मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के पास विकास भवन के सामने अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं, वहीं अब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इनकी हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया है. देखने वाली बात होगी कि क्या पुलिस इन्हें वहां से हटाती है या फिर ये अपनी मांग पर अड़े रहते हैं.
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