नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फायर नियमों के उल्लंघन पर आंखें नहीं मूंद सकते हैं. उच्च न्यायालय ने शहर के सरकारी अधिकारियों को उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करने और उन्हें अग्नि निवारण विंग को संदर्भित करने के लिए आज़ाद मार्केट में नियमित जांच करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को पारित एक आदेश में दिल्ली नगर निगम और दिल्ली अग्निशमन सेवाओं को अग्नि सुरक्षा मानदंडों का कठोर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
अदालत का आदेश उत्तरी दिल्ली के बाजार में अनधिकृत और अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आजाद मार्केट रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की जनहित याचिका पर आया था. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उस क्षेत्र में ऐसी इमारतें थीं जिनका निर्माण लागू उपनियमों और अग्नि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करके किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप आग की दुर्घटनाएं हुईं और लोगों की जान गई.
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अदालत ने कहा कि, "याचिकाकर्ता द्वारा उठाई गई शिकायत पर एमसीडी ने पर्याप्त ध्यान दिया और क्षेत्र को अनधिकृत और अवैध निर्माण से मुक्त करा दिया है. हालांकि, न्यायालय अग्नि मानदंडों के किसी भी संभावित उल्लंघन के प्रति आंखें नहीं मूंद सकता है, एमसीडी और दिल्ली अग्निशमन सेवाओं को निर्देश दिया जाता है कि वे दिल्ली अग्नि नियमों के नियम 27 के तहत निर्दिष्ट परिसरों से संबंधित अग्नि मानदंडों का कठोर प्रवर्तन सुनिश्चित करें.
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अग्नि सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन पर आंखें नहीं मूंद सकते
बता दें कि 15 जून को दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में स्थित एक कोचिंग सेंटर के इमारत में आग लगने की घटना के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 25 जुलाई को दिल्ली फायर सर्विस और दिल्ली नगर निगम को बिना फायर एनओसी के चल रहे कोचिंग सेंटरों को एक महीने के अंदर बंद कराने का निर्देश दिया था. उस समय भी हाई कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि बच्चों के भविष्य के चक्कर में उनकी जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते. बिना फायर एनओसी के चल रहे कोचिंग सेंटर्स को बंद करना ही होगा. इसके बाद नगर निगम ने कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की थी. लेकिन, जिस स्तर पर कार्रवाई करने का दिल्ली हाई कोर्ट का निर्देश था उस तरह से निगम ने कार्रवाई नहीं की. कुछ गिने-चुने ही कोचिंग सेंटर बंद कराए गए हैं, जबकि अधिकांश कोचिंग सेंटर बिना फायर एनओसी के नियमों की अनदेखी करते हुए चल रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि जब मुखर्जी नगर की भंडारी हाउस में आग लगने की घटना हुई थी उसे समय संस्कृति कोचिंग सेंटर की क्लास में 350 छात्र-छात्राएं थे. उस दौरान छात्रों को खिड़की से रस्सी के सहारे कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी थी. जिसमें कुछ छात्रों को चोटें भी लगी थीं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. छात्रों के खिड़की से रस्सी के सहारे कूदने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया था. घटना के बाद दिल्ली अग्निशमन सेवा ने राजधानी में चल रहे सभी कोचिंग सेंटर्स में जाकर फायर एनओसी की जांच की थी जिसमें पता चला था कि 893 कोचिंग सेंटर्स बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं.