नई दिल्ली: ओपन बुक एग्जाम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यूजीसी से पूछा है कि क्या वो फाईनल ईयर के छात्रों के लिए आयोजित होने वाली ऑनलाइन परीक्षा में बहुविकल्पी प्रश्नों का विकल्प संभव है. जस्टिस प्रतिभा सिंह ने यूजीसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को 24 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
यूजीसी ने कहा कि पूर्व के प्रदर्शन के आधार पर किसी को डिग्री नहीं दी जा सकती है. तब कोर्ट ने यूजीसी प्रोफेसर कुहाड की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने का निर्देश दिया. यूजीसी ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा का मतलब समयबद्ध परीक्षा है. जब लोग असाइनमेंट घर ले जाते हैं तो उसकी पवित्रता बरकरार नहीं रखी जाती है. तब कोर्ट ने यूजीसी से पूछा कि क्या कॉलेज असाइनमेंट का मूल्यांकन खुद करते हैं और छात्रों को ऑनलाइन असाइनमेंट देते हैं. कोर्ट ने कहा कि जो लोग नकल करेंगे वे कड़े माहौल में भी करेंगे. उसमें समय की कोई भूमिका नहीं है. तीन घंटे से कुछ नहीं होगा. ओपन बुक एग्जाम में कई समस्याएं हैं.
कई कॉलेजों ने क्रिएटिव मोड अपनाया है
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कई कॉलेजों ने बहुविकल्पी प्रश्नों के अलावा कई क्रिएटिव मोड अपनाया है. पारंपरिक परीक्षाएं काफी समय ले रही हैं. ओपन बुक एग्जाम में काफी समस्याएं हैं. तब यूजीसी ने कहा कि परीक्षा के टाइमलाइन को लेकर डिवीजन बेंच सुनवाई कर रही है. एक शेड्यूल भी तैयार किया गया है. बहुविकल्पी प्रश्नों पर आधारित परीक्षा भी आयोजित की जा सकती है. दुनिया भर में बहुविकल्पी प्रश्नों पर आधारित परीक्षाएं आयोजित की गई हैं.
तब कोर्ट ने यूजीसी से पूछा कि आप क्यों कह रहे हैं कि परीक्षा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में होगी. अब आप कह रहे हैं कि ये समयबद्ध होना चाहिए. अगर दिल्ली यूनिवर्सिटी चाहे कि बहुविकल्पी प्रश्नों के आधार पर परीक्षा होगी तो क्या होगा. तब यूजीसी ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के ऊपर है कि वो बहुविकल्पी प्रश्नों के आधार पर परीक्षा आयोजित करेगा या नहीं, हम उसका उत्तर कैसे दे सकते हैं. हमने दिल्ली यूनिवर्सिटी को परीक्षा में देरी के लिए कभी निर्देश नहीं दिया.
समयबद्ध परीक्षा अव्यवहारिक है- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि समयबद्ध परीक्षा पूरे तरीके से अव्यवहारिक है. हम दिल्ली के बीचों बीच रहते हैं क्या होगा जब बारिश होगी और न बिजली होगी और न इंटरनेट. दूसरे यूनिवर्सिटी कैसे कर रहे हैं. दो सौ यूनिवर्सिटी ने करीब करीब परीक्षा खत्म कर ली है. तब दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि हमेशा इंटरनेट की जरुरत नहीं होती है. आपको केवल डाउनलोड और अपलोड करने के लिए इंटरनेट की जरुरत होगी. हम दिन-रात कम कर रहे हैं. तब कोर्ट ने कहा कि परीक्षा के लिए 4जी की जरुरत होगी. तब दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि 4जी की जरुरत नहीं होगी. तब कोर्ट ने कहा कि आपका ब्रोशर ऐसा कहता है. आप उन्हें दो दिन का समय दीजिए.