नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली सरकार ने सोमवार सुबह तक लॉकडाउन लगा दिया है. सरकार के इस फैसले का कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने स्वागत किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सरकार के कदम को बहुत जरूरी बताया और कहा कि दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के मद्देनजर कैट पिछले कई दिनों से दिल्ली में लॉकडाउन की मांग कर रहा था.
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नुकसान तो होगा, लेकिन जान से ज्यादा नहीं
खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि में प्रतिदिन लगभग 600 करोड़ रुपये का व्यापार नहीं होगा, जबकि देश के अन्य राज्यों में लॉकडाउन, आंशिक लॉकडाउन, रात्रि कर्फ्यू अन्य पाबंदियों के चलते प्रतिदिन 10 हज़ार करोड़ रुपये का व्यापार नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा निर्यात की वस्तुओं के व्यापार पर भी बुरा असर पड़ा है, लेकिन कोरोना के इस बढ़ते संक्रमण की चेन को तोड़ना जरूरी है. इस वजह से व्यापार में बेशक नुकसान होगा, लेकिन एक-दूसरे की जान बचाने के लिए लॉकडाउन के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है.
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व्यापारियों ने 25 अप्रैल तक खुद से लगाया था लॉकडाउन
प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कैट ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली के प्रमुख व्यापारी नेताओं के साथ एक बैठक की थी. जिसमें कैट के आग्रह पर बड़ी संख्या में दिल्ली के प्रमुख बाजारों के व्यापारी एसोसिएशन ने कोविड-19 के मद्देनजर आज से 25 अप्रैल तक स्वयं लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था.