ETV Bharat / state

CAIT की केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से मांग, बजट में जीएसटी प्रणाली की हो समीक्षा - GST system should be reviewed in budget

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आगामी बजट 2023-2024 से पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री से बड़ा आग्रह किया है. कैट ने जीएसटी कराधान प्रणाली की समीक्षा, खुदरा व्यापार से संबंधित सभी अधिनियमों और नियमों की समीक्षा की जाने की बात कही है.

बजट में जीएसटी प्रणाली की हो समीक्षा
बजट में जीएसटी प्रणाली की हो समीक्षा
author img

By

Published : Jan 26, 2023, 11:42 AM IST

नई दिल्ली: एक फरवरी को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से प्रस्तुत किए जाने वाले आगामी वित्तीय वर्ष के मद्देनजर आम बजट से घर के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. वहीं सबसे बड़े व्यापारी संगठन कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री से बजट पेश होने से पहले अपने सुझावों में जीएसटी प्रणाली की समीक्षा की मांग रखी है. कैट ने यह सुझाव दिया है कि जीएसटी के नियमों को सरल कर व्यापारियों को थोड़ी राहत दी जाए.

केंद्रीय वित्त मंत्री आगामी वित्तीय वर्ष 2023-2024 के मद्देनजर संसद में 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगे. इस बार का बजट आजादी के अमृत काल महोत्सव के बीच प्रस्तुत किया जाएगा. ऐसे में लोगों को इनकम टैक्स स्लैब में भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. व्यापारी वर्ग को भी इस बार बजट से काफी उम्मीदें हैं. कोरोना के चलते जो मंदी की मार पड़ी है, उससे निकलने में सरकार राहत भरी घोषणा कर सकती है.

कैट की वित्त मंत्री से मांग: सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपनी बजट पूर्व इच्छा सूची में वित्त मंत्री से आग्रह किया है की जीएसटी प्रणाली की समीक्षा, खुदरा व्यापार से संबंधित सभी अधिनियमों और नियमों की समीक्षा, घरेलू व्यापार के लिए एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति, व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना, उत्तर प्रदेश राज्य में लागू योजना के अनुसार व्यापारियों के लिए बीमा योजना, छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को वित्त की आसान पहुंच, व्यवसायों में आपसी भुगतान तथा आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक का अनादर जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन और देश में स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की मांग शामिल है.

कैट ने आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए भी एक नीति बनाने का भी आग्रह किया है. कैट ने वित्त मंत्री को व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा करने का भी अनुरोध किया. कैट ने ई-कॉमर्स नियमों को लागू करने, ई-कॉमर्स नीति, ई-कॉमर्स नियामक प्राधिकरण के गठन, खुदरा व्यापार के लिए राष्ट्रीय व्यापार नीति और केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की भी मांग की है.

ये भी पढ़े: गणतंत्र के सारथी: ये लोग बन रहे समाज के लिए उम्मीद की किरण, कोशिश से संवर रही जिंदगियां

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने "बजट इच्छा सूची" जारी करते हुए कहा कि जीएसटी सबसे जटिल कराधान प्रणाली है. इस प्रणाली को सरल बनाने के लिए इसकी पूर्ण समीक्षा की आवश्यकता है, ताकि जिसे व्यापारियों द्वारा सरलता से अनुपालित किया जा सके, तथा सरकार को अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सके. देश का खुदरा व्यापार बड़ी संख्या में अधिनियमों और नियमों से भरा हुआ है और उनमें से कई कुछ दशक पुराने हैं, जो वर्तमान परिदृश्य में अपना महत्व खो चुके हैं. इसलिए ऐसे सभी अधिनियमों और नियमों की समीक्षा की तत्काल आवश्यकता है. ऐसे नियम जो प्रासंगिकता खो चुके हैं उन्हें अवश्य निरस्त किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़े: Kamlesh D. Patel Exclusive: बच्चों में भटकाव बड़ों के कारण आया हैः दाजी

नई दिल्ली: एक फरवरी को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से प्रस्तुत किए जाने वाले आगामी वित्तीय वर्ष के मद्देनजर आम बजट से घर के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. वहीं सबसे बड़े व्यापारी संगठन कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री से बजट पेश होने से पहले अपने सुझावों में जीएसटी प्रणाली की समीक्षा की मांग रखी है. कैट ने यह सुझाव दिया है कि जीएसटी के नियमों को सरल कर व्यापारियों को थोड़ी राहत दी जाए.

केंद्रीय वित्त मंत्री आगामी वित्तीय वर्ष 2023-2024 के मद्देनजर संसद में 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगे. इस बार का बजट आजादी के अमृत काल महोत्सव के बीच प्रस्तुत किया जाएगा. ऐसे में लोगों को इनकम टैक्स स्लैब में भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. व्यापारी वर्ग को भी इस बार बजट से काफी उम्मीदें हैं. कोरोना के चलते जो मंदी की मार पड़ी है, उससे निकलने में सरकार राहत भरी घोषणा कर सकती है.

कैट की वित्त मंत्री से मांग: सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपनी बजट पूर्व इच्छा सूची में वित्त मंत्री से आग्रह किया है की जीएसटी प्रणाली की समीक्षा, खुदरा व्यापार से संबंधित सभी अधिनियमों और नियमों की समीक्षा, घरेलू व्यापार के लिए एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति, व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना, उत्तर प्रदेश राज्य में लागू योजना के अनुसार व्यापारियों के लिए बीमा योजना, छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को वित्त की आसान पहुंच, व्यवसायों में आपसी भुगतान तथा आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक का अनादर जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन और देश में स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की मांग शामिल है.

कैट ने आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए भी एक नीति बनाने का भी आग्रह किया है. कैट ने वित्त मंत्री को व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा करने का भी अनुरोध किया. कैट ने ई-कॉमर्स नियमों को लागू करने, ई-कॉमर्स नीति, ई-कॉमर्स नियामक प्राधिकरण के गठन, खुदरा व्यापार के लिए राष्ट्रीय व्यापार नीति और केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की भी मांग की है.

ये भी पढ़े: गणतंत्र के सारथी: ये लोग बन रहे समाज के लिए उम्मीद की किरण, कोशिश से संवर रही जिंदगियां

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने "बजट इच्छा सूची" जारी करते हुए कहा कि जीएसटी सबसे जटिल कराधान प्रणाली है. इस प्रणाली को सरल बनाने के लिए इसकी पूर्ण समीक्षा की आवश्यकता है, ताकि जिसे व्यापारियों द्वारा सरलता से अनुपालित किया जा सके, तथा सरकार को अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सके. देश का खुदरा व्यापार बड़ी संख्या में अधिनियमों और नियमों से भरा हुआ है और उनमें से कई कुछ दशक पुराने हैं, जो वर्तमान परिदृश्य में अपना महत्व खो चुके हैं. इसलिए ऐसे सभी अधिनियमों और नियमों की समीक्षा की तत्काल आवश्यकता है. ऐसे नियम जो प्रासंगिकता खो चुके हैं उन्हें अवश्य निरस्त किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़े: Kamlesh D. Patel Exclusive: बच्चों में भटकाव बड़ों के कारण आया हैः दाजी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.