नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से किसान आंदोलन के चलते दिल्ली के बॉर्डर सील है, खासतौर पर सिंघु बॉर्डर पर किसान पूरे दलबल के साथ डटे हुए हैं. जिसका असर अब राजधानी दिल्ली के कारोबारियों पर देखने को मिल रहा है.
स्पेयर पार्ट्स कारोबार पर पड़ा असर
कश्मीरी गेट स्थित ऑटो स्पेयर पार्ट्स मार्केट पर इसका सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा है. ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने कहा कि व्यापार में पिछले 18 दिनों के अंदर 50 से 70 फ़ीसदी की गिरावट आई है. एक तो लॉक डाउन की वजह से पहले ही मार्केट में ग्राहक नहीं थे और ना ही व्यापार हो रहा था. लॉकडाउन खुलने के बाद जो बाजार थोड़ा बहुत उठा था और हल्का फुल्का व्यापार हो रहा था. वही पहले के मुकाबले 50 फीसद था. उसमें से भी अब किसान आंदोलन की वजह से 50 से 70% व्यापार खत्म हो गया है.
व्यापारियों ने ईटीवी भारत को बातचीत के दौरान बताया कि लॉकडाउन के समय में ऑटो स्पेयर पार्ट्स मार्केट के हर एक व्यापारी को औसतन ₹7लाख का नुकसान पिछले आठ महीनों में हुआ है. साथ ही व्यापारियों को ना सिर्फ अपने कर्मचारियों को वेतन अलग से देना पड़ा बल्कि दुकान का किराया ओर लोन की किश्ते भी देनी पड़ी.
पेट्रोल की बिक्री में आई गिरावट
इसी कड़ी में सिंघु बॉर्डर के आस-पास के पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग अब आर्थिक तंगी से गुजर रहे है. जहां साधारण दिनों में एक पंप से 2500 लीटर के आसपास की बिक्री होती थी, वह बिक्री अब 200 से 300 लीटर में पहुंच गई है.
हस्तसाल मार्केट में नहीं पहुंच रहा सामान
कुछ ऐसा हा हाल उत्तम नगर के हस्तसाल मार्केट का है. किसान आंदोलन के कारण दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मार्केट में सामान लेकर आने वाले ट्रक किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर पर अटके हुए हैं.
नरेला इंडस्ट्रियल पर भी पड़ा असर
नरेला इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री आशीष गर्ग ने बताया कि दिल्ली के बाहर से आने वाला कच्चा सामान फैक्ट्रियों तक नहीं पहुंच रहा है. जिसकी वजह से फैक्ट्री मालिकों को काफी नुकसान हो रहा है.
सब्जियों की नहीं हुई कमी
एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर के अध्यक्ष आदिल अहमद खान ने बताया किसान आंदोलन के चलते सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक बेहद कम हो गई है, किसान आंदोलन के चलते सब्जियां और फल अभी दूसरे राज्यों तक नहीं जा पा रहे हैं.
किराना कारोबार पर महंगाई की मार
किराना चलाने वाले दुकानदारों को भी नुकसान का डर सता रहा है, क्योंकि जो माल दिल्ली के बाहर बॉर्डर में फंसा हुआ है उनकी कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. जिससे कारोबारी वर्ग परेशान हैं.कारोबारियों के गोदाम में अब पुरा स्टॉक खत्म होने लगा है.