नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग रहते हैं. एक से दूसरी जगह जाने के लिए लाखों लोग रोजाना सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करते हैं. साल 2023 समाप्त होने को है. यदि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन पर नजर डालें तो बस, मेट्रो और ट्रेन सभी का विस्तार हुआ है. लेकिन जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जहां 200 से अधिक ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने से लाखों यात्रियों को परेशानी हुई. वहीं, इस दौरान मेट्रो में एक दिन में 71 लाख से अधिक यात्रियों के सफर करने का रिकॉर्ड भी बना.
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी भी लाई गई. प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से 13 सौ इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है.
मेट्रो में 71 लाख से अधिक यात्रियों के सफर का बना रिकॉर्डः इस साल जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली में डायवर्जन और सुरक्षा रिहर्सल के दौरान लोगों से सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करने की अपील की गई. चार सितंबर को मेट्रो में 71 लाख तीन हजार 511 लोगों ने सफर किया था. यह अब तक की मेट्रो में एक दिन में सफर करने वाले यात्रियों की सबसे बड़ी संख्या है. इसमें 38 लाख नौ हजार 919 यात्रियों ने ब्लू और येलो लाइन पर सफर किया था.
17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन किया. इससे नई दिल्ली से द्वारका सेक्टर 25 तक का सफर महज 21 से 22 मिनट में पूरा होने लगा है. मेट्रो एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर ट्रेनों की रफ्तार 90 से बढ़ाकर 120 किमी प्रति घंटा की गई. इससे यात्री जल्द गंतव्य तक पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही दिल्ली में कई जगह मेट्रो विस्तार को लेकर काम चल रहा है.
नई इलेक्ट्रिक बसों से डीटीसी ने पकड़ी प्रदूषण मुक्त रफ्तारः दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेडे में अब 1300 इलेक्ट्रिक बसें हैं. इन बसों की बदौलत डीटीसी बिना प्रदूषण के रफ्तार पकड़ रही है. अच्छी इलेक्ट्रिक बसों के सड़कों पर संचालन होने से यात्रियों को काफी राहत मिली है. दिल्ली में यात्री सीएनसी व सीएनजी की कलस्टर बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों में सफर करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. दिल्ली परिवहन विभाग के पास इलेक्ट्रिक बसों के अतिरिक्त सीएनजी की 4093 और सीएनजी की कलस्टर बसें करीब 2847 हैं.
बता दें कि दिल्ली में बसों में महिलाओं का सफर फ्री है. बसों में सफर करने वाली महिलाओं के संख्या बढ़ी है. अधिकारियों के मुताबिक डीटीसी बसों में रोजाना करीब 6.87 लाख महिलाएं सफर करती हैं. वहीं, दूसरी तरफ प्रदूषण बढ़ने के कारण दिल्ली में बीएस-3, बीएस-4 डीजल बसें जो विभिन्न राज्यों से दिल्ली में आती थ. उनके प्रवेश पर सख्ती बरती गई, जिससे दिल्ली में बीएस-3 व बीएस-4 डीजल बसों का संचालन कम हुआ.
कैब व निजी वाहन से दिल्ली आने जाने वालों को हुई परेशानीः प्रदूषण बढ़ने पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत तीन नवंबर को दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली में डीजल के बीएस-4 और पेट्रोल के बीएस-3 वाहनों पर रोक लगा दी गई. इससे बड़ी संख्या में एप आधारिक कैब में चलने वाली पुरानी गाड़ियों के संचालन पर रोक लग गई. बीएस-3 पेट्रोल व बीएस-4 डीजल कार से दिल्ली आने जाने वाले लोगों को भी परेशानी हुई. हालांकि, 29 नवंबर को ग्रैप-3 की पाबंदियों को हटा दिया गया. इसके बाद इन वाहनों पर लगी पाबंदी भी हटा दी गई.
दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन स्कीम 2023 लागू: प्रदूषण की रोकथाम की दिशा में दिल्ली सरकार की ओर से इस साल 29 नवंबर को दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 लागू किया. इस स्कीम के तहत डिलीवरी या कैब सर्विस देने वाली कंपनियों को 2030 तक अपने वाहनों का बेड़ा पूरी तरह इलेक्ट्रिक करना होगा. इतना ही नहीं छह माह, एक साल, दो साल, तीन साल, और चार साल में कितने प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने बेडे में शामिल करना है. यह भी दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित किया गया है.
नई ट्रेनों के संचालन से मिली राहतः दिल्ली से विभिन्न राज्यों के लिए इस वर्ष कई ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया, जिससे बड़ी संख्या में यात्रियों को राहत मिली है. वाराणसी से नई दिल्ली के लिए एक और ट्रेन का संचालन शुरू किया गया. देहरादून से आनंद विहार के लिए भी वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हुआ. आनंद विहार के कोटद्वार के लिए नई ट्रेन चलाई गई. अन्य रूटों पर भी इस बार नई ट्रेनें चलाई गई. दीपावली और छठ पर दो सौ से अधिक जोड़ी ट्रेनें चलाई गई, जिससे लोगों को राहत मिली. जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली में भीड़ कम हो इसके लिए करीब 70 ट्रेनें रद्द कर दी गई. बड़ी संख्या में ट्रेनों को शार्टलिस्ट कर दिया गया. टर्मिनल बदल दिया गया.