नई दिल्ली : दिल्ली में इस समय दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) को लेकर माहौल गरमाया हुआ है. दिल्ली की एकीकृत हो चुकी एमसीडी का आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट इसी दिसंबर में नए मेयर के चुने जाने और सभी कमिटियों के गठित होने से पहले ही पेश कर दिया जाएगा. बजट के मद्देनजर एमसीडी में सभी तैयारियां करीब एक महीने पहले से शुरू हो चुकी हैं. इसे इसी सप्ताह अंतिम रूप दिया जाएगा. इसके बाद निगम कमिश्नर ज्ञानेश भारती आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट विशेष अधिकारी अश्विनी कुमार के सामने रखेंगे.
एमसीडी आयुक्त विशेष अधिकारी के समक्ष पेश करेंगे बजट : दिल्ली में इन दिनों एमसीडी चुनावों को लेकर चहल-पहल काफी बड़ गई है. आज संडे के दिन से सभी राजनीतिक दलों की ओर से प्रचार भी पूरे जोर-शोर के साथ शुरू कर दिया गया है. इस बीच जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि 7 दिसंबर को एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्षदों के शपथ ग्रहण और मेयर समेत तमाम पदों पर नियुक्तियों से पहले ही एमसीडी का आगामी वित्तीय वर्ष का बजट कमिश्नर ज्ञानेश भारती की ओर से विशेष अधिकारी अश्विनी कुमार के सामने पेश कर दिया जाएगा. एमसीडी में वित्तीय बजट की डेडलाइन की तारीख पहले से तय होती है. जिसे बदला नहीं जा सकता है. न ही बजट को देरी से प्रस्तुत किया जा सकता है. एमसीडी में मेयर और तमाम कमेटियों का गठन न होने के चलते इस बार बजट को कमिश्नर विशेष अधिकारी के सामने प्रस्तुत करेंगे.
ये भी पढ़ें:- पूर्व सांसद महाबल मिश्रा कांग्रेस का साथ छोड़ आप में हुए शामिल, जानिए इनका सियासी सफर
1996 के बाद ऐसा पहली बार होगा : एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारती केंद्र की ओर से नियुक्त किए गए विशेष अधिकारी अश्विनी कुमार के सामने एमसीडी का बजट प्रस्तुत करेंगे. इस बजट के अंदर 2022-23 में हुए खर्चों वाले संशोधित बजट का ब्यौरा दिया जाएगा. वही 2023-24 में निगम के खर्चों को लेकर किस क्षेत्र में कितना व्यय एमसीडी को करना है, उसकी जानकारी दी जाएगी. दिल्ली में एमसीडी के चुनाव 7 दिसंबर को आएंगे. 1996 के बाद यह पहली बार होगा जब बिना पार्षदों की मौजूदगी के बजट को कमिश्नर विशेष अधिकारी के सामने पेश करेंगे. 1996 में जब ऐसा हुआ था उस समय निगम को भंग किया गया था. उस समय भी विशेष अधिकारी के सामने बजट प्रस्तुत किया गया था. एमसीडी के संविधान के अनुसार 10 दिसंबर तक हर हालत में बजट को निगम की स्टैंडिंग कमेटी के सामने पेश करना होता है. इस बार एमसीडी के एकीकरण और नए परिसीमन होने के बाद चुनाव होने के चलते कोई भी पार्षद नहीं है. ऐसे में न तो कोई सदस्य और न ही कोई स्टैंडिंग कमिटी है. सभी संवैधानिक शक्तियां विशेष अधिकारी के पास है, जिसे ध्यान में रखते हुए निगम कमिश्नर की ओर से विशेष अधिकारी के समक्ष ही बजट को प्रस्तुत किया जाएगा.
जुलाई में पेश किया गया था अंतरिम बजट : दिल्ली में एमसीडी के एकीकृत होने के साथ विशेष अधिकारी ओर कमिश्नर के जिम्मेदारी संभालने के बाद इसी साल जुलाई के महीने में अंतरिम बजट भी पेश किया गया था. जिसमें 15,276 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई थी. इस बजट में सबसे अधिक राशि 4153 करोड़ रुपये स्वच्छता के लिए निर्धारित की गई थी, साथ ही शिक्षा के लिए भी 2632.78 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि प्रस्तावित की गई थी. इसी तरह सामान्य प्रशासन के लिए भी 3225.35 करोड़ और लोक निर्माण विभाग के साथ स्ट्रीट लाइट के लिए 1732.15 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई थी.
ये भी पढ़ें:- केजरीवाल का इशारा, एमसीडी चुनाव में आप जीत रही 200 से ज्यादा सीटें