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महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में कोर्ट में पेश नहीं हुए बृजभूषण शरण सिंह - बृजभूषण शरण सिंह

Rouse Avenue Court: महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में सुनवाई के दौरान गुरुवार को भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह कोर्ट में पेश नहीं हुए.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 4, 2024, 6:09 PM IST

नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में आरोप तय करने के मुकदमें में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश नहीं हुए. आज दिल्ली पुलिस की ओर से आंशिक दलीलें रखी गईं. आरोप तय करने के मामले पर अब 6 जनवरी को सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह की ओर से पेश वकील राजीव मोहन, ऋषभ भाटी और सचित शर्मा ने बृजभूषण की कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.

ये भी पढ़ें: महिला पहलवानों के यौन शोषण केस में बृजभूषण सिंह को मिली जमानत, दिल्ली पुलिस ने नहीं किया विरोध

सुनवाई के दौरान इस मामले के सह-आरोपी विनोद तोमर मौजूद थे. दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल कुमार श्रीवास्तव ने दलीलें रखते हुए कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 188 तभी लागू होगी जब संपूर्ण अपराध भारत के बाहर किया गया हो. इस मामले में अपराध इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में भी हुआ है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि अपराध में उद्देश्य की समानता के आधार पर यह तर्क भी स्वीकार्य नहीं किया जा सकता कि यह अपराध एक सतत अपराध नहीं है.

जहां तक सजा की अवधि का सवाल है तो तीन साल से अधिक की सजा वाले अपराध के लिए मुकदमा चलाने पर कोई रोक नहीं है. इस मामले मे पांच साल की सजा का प्रावधान है.

बता दें कि पहले इस मामले की सुनवाई एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल कर रहे थे. उनके ट्रांसफर होने के बाद इस मामले की सुनवाई कर रहीं जज प्रियंका राजपूत अब नए सिरे से आरोप तय करने के मामले पर दलीलें सुन रही हैं.

ये भी पढ़ें: Sexual Harassment Case: बृजभूषण शरण सिंह को दो दिन की अंतरिम जमानत, अगली सुनवाई 20 जुलाई को

नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में आरोप तय करने के मुकदमें में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश नहीं हुए. आज दिल्ली पुलिस की ओर से आंशिक दलीलें रखी गईं. आरोप तय करने के मामले पर अब 6 जनवरी को सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह की ओर से पेश वकील राजीव मोहन, ऋषभ भाटी और सचित शर्मा ने बृजभूषण की कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.

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सुनवाई के दौरान इस मामले के सह-आरोपी विनोद तोमर मौजूद थे. दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल कुमार श्रीवास्तव ने दलीलें रखते हुए कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 188 तभी लागू होगी जब संपूर्ण अपराध भारत के बाहर किया गया हो. इस मामले में अपराध इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में भी हुआ है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि अपराध में उद्देश्य की समानता के आधार पर यह तर्क भी स्वीकार्य नहीं किया जा सकता कि यह अपराध एक सतत अपराध नहीं है.

जहां तक सजा की अवधि का सवाल है तो तीन साल से अधिक की सजा वाले अपराध के लिए मुकदमा चलाने पर कोई रोक नहीं है. इस मामले मे पांच साल की सजा का प्रावधान है.

बता दें कि पहले इस मामले की सुनवाई एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल कर रहे थे. उनके ट्रांसफर होने के बाद इस मामले की सुनवाई कर रहीं जज प्रियंका राजपूत अब नए सिरे से आरोप तय करने के मामले पर दलीलें सुन रही हैं.

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