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सांसों पर आफत: दिल्ली एनसीआर में फिर बढ़ा प्रदूषण, Red Zone में कई इलाकों का AQI

देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है. प्रदूषण का स्तर बताने वाला वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality Index) दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में रेड जोन में है. इसकी वजह से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है.

सांसों पर आफत
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Published : Nov 27, 2022, 9:52 AM IST

Updated : Nov 27, 2022, 10:01 AM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर अत्यंत ख़राब श्रेणी (300-400 AQI) में दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण में और बढ़ोतरी होती है तो लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों का (Delhi pollution level rises) प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी और अत्यंत खराब श्रेणी में बरकरार है.

इन क्षेत्रों का एक्यूआई है रेड जोन में : दिल्ली एनसीआर के हालात मौजूदा समय में खराब नजर आ रहे हैं. दिल्ली के अलीपुर, शादीपुर, द्वारका, आईटीओ दिल्ली, सीरीफोर्ट, मंदिर मार्ग, आरके पुरम, पंजाबी बाग़, नॉर्थ केंपस, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नेहरू नगर, द्वारका सेक्टर 8, डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी, विवेक विहार, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, ओखला फेस टू, वजीरपुर बवाना, पूसा, मुंडका, आनंद विहार, बुरारी क्रॉसिंग का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality Index) यानी एक्यूआई रेड जोन में दर्ज किया गया है.

दिल्ली
अलीपुर: 314
शादीपुर 358
आरके पुरम 367
सिरी फोर्ट 351
आईटीओ, 346
पूसा, 345
नेहरू नगर, 382
अशोक विहार, 317

गाजियाबाद
लोनी, 268
इंदिरापुरम, 291

गौतमबुद्ध नगर
नोएडा सेक्टर 116, 293

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality Index) की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायऑक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
ये भी पढ़ें :- MCD Election: चुनाव मैदान में 556 करोड़पति प्रत्याशी, 139 उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

ये भी पढ़ें :- दिल्ली नगर निगम के काम का विज्ञापन के जरिए श्रेय लूटा केजरीवाल ने : गौतम गंभीर

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर अत्यंत ख़राब श्रेणी (300-400 AQI) में दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण में और बढ़ोतरी होती है तो लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों का (Delhi pollution level rises) प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी और अत्यंत खराब श्रेणी में बरकरार है.

इन क्षेत्रों का एक्यूआई है रेड जोन में : दिल्ली एनसीआर के हालात मौजूदा समय में खराब नजर आ रहे हैं. दिल्ली के अलीपुर, शादीपुर, द्वारका, आईटीओ दिल्ली, सीरीफोर्ट, मंदिर मार्ग, आरके पुरम, पंजाबी बाग़, नॉर्थ केंपस, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नेहरू नगर, द्वारका सेक्टर 8, डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी, विवेक विहार, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, ओखला फेस टू, वजीरपुर बवाना, पूसा, मुंडका, आनंद विहार, बुरारी क्रॉसिंग का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality Index) यानी एक्यूआई रेड जोन में दर्ज किया गया है.

दिल्ली
अलीपुर: 314
शादीपुर 358
आरके पुरम 367
सिरी फोर्ट 351
आईटीओ, 346
पूसा, 345
नेहरू नगर, 382
अशोक विहार, 317

गाजियाबाद
लोनी, 268
इंदिरापुरम, 291

गौतमबुद्ध नगर
नोएडा सेक्टर 116, 293

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality Index) की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायऑक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
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(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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Last Updated : Nov 27, 2022, 10:01 AM IST
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