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लॉकडाउन में फ्लाइट रद्द होने पर बुकिंग साइट ने वापस नहीं किया टिकट का पैसा, लगा 15 हजार का जुर्माना - 15 हजार का जुर्माना

15 हजार का जुर्माना फ्लाइट रद्द के बावजूद टिकट का पैसा वापस नहीं करने पर उपभोक्ता आयोग ने टिकट बुकिंग साइट पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 11, 2024, 12:34 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान फ्लाइट रद्द होने के बावजूद यात्री को उसकी टिकट का पैसा वापस ना करने के मामले में उपभोक्ता आयोग ने पैसे रोकने वाली एक बुकिंग वेबसाइट पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही उपभोक्ता को 6,875.95 रुपये (टिकट की राशि) का भुगतान 6 प्रतिशत ब्याज के साथ करने का निर्देश दिया है.

उपभोक्ता आयोग ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर शिकायतकर्ता को तीन महीने के अंदर टिकट और जुर्माने की राशि नहीं दी जाती है तो प्रतिवादी को 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से पैसे का भुगतान करना होगा.

बता दें कि 24 मार्च 2020 को केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद देश में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को रद्द कर दिया गया था. उस दौरान दक्षिण दिल्ली के गौतम नगर निवासी सुरेंदर गुप्ता नामक एक व्यक्ति ने एयर इंडिया के प्लेन में एक फ्लाइट बुक की थी. सुरेंदर गुप्ता को 17 अप्रैल 2020 को वह यात्रा करनी थी. लेकिन, लॉकडाउन के चलते एयर इंडिया की फ्लाई रद्द हो गई.

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने हनुमान मंदिर तोड़े जाने पर लगाई रोक, पुलिस से स्थिति रिपोर्ट जमा कराने को कहा

इसके बाद वह अपने टिकट के पैसे वापस आने का इंतजार करने लगे. लेकिन जब उनके पैसे वापस नहीं आए तो उन्होंने फ्लाइट का टिकट बुक करने वाली कंपनी वेबसाइट travolook.in से पैसा वापसी के लिए बात की. उन्हें बताया गया कि अभी पैसा आगे से वापस नहीं आया है इसलिए रिफंड नहीं हो सकता है. इसके बाद शिकायतकर्ता ने एयर इंडिया को एक लंबा चौड़ा ईमेल लिखकर अपने टिकट का पैसा वापस न मिलने की जानकारी दी.

फिर 15 जून 2021 को एयर इंडिया की तरफ से शिकायतकर्ता को मेल मिला जिसमें लिखा था कि 18 मार्च 2021 को उस वेबसाइट संचालक को पैसा वापस कर दिया गया है, जिसके माध्यम से उन्होंने अपना फ्लाइट का टिकट बुक किया था. इसके बाद शिकायतकर्ता ने travolook.in के संचालक से पैसा वापस करने के लिए बात की. लेकिन उसने यह कहते हुए पैसा वापस करने से मना कर दिया कि यह छह महीने पुराना ट्रांजेक्शन है इसलिए पैसा वापस नहीं हो सकता.

साथ ही जो पैसा वापस आया है वह travolook.in वॉलेट में है. इसलिए उस पैसे का इस्तेमाल फिर से टिकट बुक करने के लिए ही किया जा सकता है. इसलिए आप अपने किसी रिश्तेदार, मित्र या संबंधी का उस पैसे से टिकट बुक कर सकते हैं. उसने अगस्त 2021 में मेल के माध्यम से पैसा वापस करने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद सुरेंदर गुप्ता ने वकील की सहायता से दक्षिणी जिले के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में 19 जनवरी 2022 को मुकदमा दायर किया.

मुकदमे में उन्होंने मामले को सेवा में कमी और गैरपारदर्शी व्यापार (अनफेयर ट्रेड) का आरोप लगाते हुए विपक्षी पार्टी travolook.in के संचालक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने और उसको मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करने के लिए 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाने और उसके टिकट के 6,875.95 रुपये वापस देने का निर्देश देने की मांग की. इस पर आयोग ने travolook.in को अगली तारीख पर तलब किया.

जब इस वेबसाइट की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ तो आयोग ने 21 फरवरी 2022 को एयर इंडिया को भी मामले में पार्टी बनाते हुए पेश होने का निर्देश दिया. इसके बाद 17 मई 2022 को शिकायतकर्ता सहित तीनों पक्षों के तर्कों को सुना. इस दौरान शिकायतकर्ता द्वारा रिकॉर्ड पर पेश किए गए सबूतों को देखा गया. शिकायतकर्ता ने सात अक्टूबर 2020 को नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी किए गए उस आदेश की प्रति भी दिखाई जिसमें लॉकडाउन के दौरान फ्लाइट रद्द होने पर यात्रियों को पूरा पैसा वापस करने के निर्देश दिए गए थे. इन सभी सबूतों को देखते हुए आयोग की अध्यक्ष मोनिका श्रीवास्तव, सदस्य पिंकी और यूके त्यागी की बेंच ने शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया.

ये भी पढ़ें: District Consumer Court: उपभोक्ता जानें अपने अधिकार, कैसे दर्ज कराएं शिकायत, जानिए पूरी प्रक्रिया


नई दिल्ली: कोरोना के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान फ्लाइट रद्द होने के बावजूद यात्री को उसकी टिकट का पैसा वापस ना करने के मामले में उपभोक्ता आयोग ने पैसे रोकने वाली एक बुकिंग वेबसाइट पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही उपभोक्ता को 6,875.95 रुपये (टिकट की राशि) का भुगतान 6 प्रतिशत ब्याज के साथ करने का निर्देश दिया है.

उपभोक्ता आयोग ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर शिकायतकर्ता को तीन महीने के अंदर टिकट और जुर्माने की राशि नहीं दी जाती है तो प्रतिवादी को 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से पैसे का भुगतान करना होगा.

बता दें कि 24 मार्च 2020 को केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद देश में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को रद्द कर दिया गया था. उस दौरान दक्षिण दिल्ली के गौतम नगर निवासी सुरेंदर गुप्ता नामक एक व्यक्ति ने एयर इंडिया के प्लेन में एक फ्लाइट बुक की थी. सुरेंदर गुप्ता को 17 अप्रैल 2020 को वह यात्रा करनी थी. लेकिन, लॉकडाउन के चलते एयर इंडिया की फ्लाई रद्द हो गई.

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इसके बाद वह अपने टिकट के पैसे वापस आने का इंतजार करने लगे. लेकिन जब उनके पैसे वापस नहीं आए तो उन्होंने फ्लाइट का टिकट बुक करने वाली कंपनी वेबसाइट travolook.in से पैसा वापसी के लिए बात की. उन्हें बताया गया कि अभी पैसा आगे से वापस नहीं आया है इसलिए रिफंड नहीं हो सकता है. इसके बाद शिकायतकर्ता ने एयर इंडिया को एक लंबा चौड़ा ईमेल लिखकर अपने टिकट का पैसा वापस न मिलने की जानकारी दी.

फिर 15 जून 2021 को एयर इंडिया की तरफ से शिकायतकर्ता को मेल मिला जिसमें लिखा था कि 18 मार्च 2021 को उस वेबसाइट संचालक को पैसा वापस कर दिया गया है, जिसके माध्यम से उन्होंने अपना फ्लाइट का टिकट बुक किया था. इसके बाद शिकायतकर्ता ने travolook.in के संचालक से पैसा वापस करने के लिए बात की. लेकिन उसने यह कहते हुए पैसा वापस करने से मना कर दिया कि यह छह महीने पुराना ट्रांजेक्शन है इसलिए पैसा वापस नहीं हो सकता.

साथ ही जो पैसा वापस आया है वह travolook.in वॉलेट में है. इसलिए उस पैसे का इस्तेमाल फिर से टिकट बुक करने के लिए ही किया जा सकता है. इसलिए आप अपने किसी रिश्तेदार, मित्र या संबंधी का उस पैसे से टिकट बुक कर सकते हैं. उसने अगस्त 2021 में मेल के माध्यम से पैसा वापस करने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद सुरेंदर गुप्ता ने वकील की सहायता से दक्षिणी जिले के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में 19 जनवरी 2022 को मुकदमा दायर किया.

मुकदमे में उन्होंने मामले को सेवा में कमी और गैरपारदर्शी व्यापार (अनफेयर ट्रेड) का आरोप लगाते हुए विपक्षी पार्टी travolook.in के संचालक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने और उसको मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करने के लिए 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाने और उसके टिकट के 6,875.95 रुपये वापस देने का निर्देश देने की मांग की. इस पर आयोग ने travolook.in को अगली तारीख पर तलब किया.

जब इस वेबसाइट की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ तो आयोग ने 21 फरवरी 2022 को एयर इंडिया को भी मामले में पार्टी बनाते हुए पेश होने का निर्देश दिया. इसके बाद 17 मई 2022 को शिकायतकर्ता सहित तीनों पक्षों के तर्कों को सुना. इस दौरान शिकायतकर्ता द्वारा रिकॉर्ड पर पेश किए गए सबूतों को देखा गया. शिकायतकर्ता ने सात अक्टूबर 2020 को नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी किए गए उस आदेश की प्रति भी दिखाई जिसमें लॉकडाउन के दौरान फ्लाइट रद्द होने पर यात्रियों को पूरा पैसा वापस करने के निर्देश दिए गए थे. इन सभी सबूतों को देखते हुए आयोग की अध्यक्ष मोनिका श्रीवास्तव, सदस्य पिंकी और यूके त्यागी की बेंच ने शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया.

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