नई दिल्लीः म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजधानी दिल्ली में भी ब्लैक फंगस (Delhi Black Fungus) को महामारी घोषित कर दिया गया है. महामारी रोग अधिनियम 1897 (Epidemic diseases act 1897) के तहत दिल्ली सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक सूचना जारी की गई थी, जिसमें 'महामारी रोग अधिनियम 1897' के तहत ब्लैक फंगस को एपिडेमिक घोषित किए जाने को कहा गया था.
'महामारी रोग अधिनियम 1897' (Epidemic diseases act 1897) के तहत अब ब्लैक फंगस (Black Fungus) से जुड़े हर एक मामले पर दिल्ली सरकार के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की भी नजर होगी. दिल्ली सरकार को ब्लैक फंगस (Black Fungus) से जुड़े सभी आंकड़ों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) को देनी होगी. बता दें कि महामारी रोग अधिनियम 1897 (Epidemic diseases act 1897) को तब लागू किया जाता है, जब कोई भी दुर्लभ लेकिन संभावित घातक संक्रमण वाली बीमारी देखने को मिलती है.
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दिल्ली में भी महामारी घोषित
इसी कड़ी में म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) यानी कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) को अब राजधानी दिल्ली में भी महामारी घोषित कर दिया गया है. देश के अलग-अलग राज्यों के साथ राजधानी दिल्ली में भी ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, एक हफ्ते में ही पीड़ित मरीजों की संख्या 3 गुना तक बढ़ गई है, जहां 21 मई तक दिल्ली में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 200 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 27 मई तक वह 700 के पार चले गए हैं. दिल्ली सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय (Delhi Government Ministry of Health) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस समय 773 मरीज दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं.
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एक्सपर्ट की राय
ब्लैक फंगस (Black Fungus) को महामारी घोषित किए जाने को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) में एक्शन कमेटी के मेंबर और दिल्ली मेडिकल काउंसिल (Delhi Medical Council) के साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी (Doctor narendra saini) ने बताया किसी भी बीमारी को लेकर सरकार की ओर से अधिसूचना तब जारी की जाती है, जब उस बीमारी को लेकर पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिले.
बीमारी पर पैनी रखी जाती है नजर
इसके साथ ही वह बीमारी इस प्रकार से पहले कभी घातक साबित ना हुई हो. डॉक्टर नरेंद्र सैनी (Doctor narendra saini) ने बताया कि महामारी घोषित किए जाने के बाद उस बीमारी को लेकर सख्त आदेश जारी किए जाते हैं, इसके साथ ही उस बीमारी पर पैनी नजर रखी जाती है. उससे पीड़ित आने वाले हर एक मामले को आगे तक जांच के लिए भेजा जाता है. साथ ही इस बीमारी के बढ़ने के कारणों का भी पता लगाया जा सकता है.
तीन चीजों पर करना होता है काम
डॉक्टर नरेंद्र सैनी (Doctor narendra saini) ने बताया कि कोई भी बीमारी सामने आती है, तो सबसे ज्यादा जरूरी तीन चीजों पर काम करना होता है, सबसे पहले उस बीमारी के बढ़ने का कारण, उसका सही समय पर इलाज और तीसरा बीमारी का निवारण. इन तीनों पर जल्द से जल्द काम किया जा सके, इसीलिए किसी भी बीमारी को महामारी घोषित किया जाता है.