नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की लापरवाही के एक मामले की ओर ध्यान आकृष्ट किया हैं. आरोप है कि इसमें सैकड़ों करोड़ का वित्तीय घोटाला हुआ है. पत्र में कहा गया है कि महिलाओं और नाबालिग बच्चों की सुरक्षा के लिए केजरीवाल ने 2018 में सार्वजनिक परिवहन वाहनों में पैनिक बटन लगाने की घोषणा की थी.
वीरेंद्र सचदेवा का आरोप है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने शुल्क वसूलना शुरू कर दिया. सरकार की घोषणाओं के बावजूद कैब और बसों में पैनिक बटन लगाने का काम आगे नहीं बढ़ा. इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय को दखल देना पड़ा और दिसंबर 2022 में डीटीसी बसों में पैनिक बटन लगाने का निर्देश देना पड़ा.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि हाल ही में पता चला कि कैब और बसों में लगे पैनिक बटन काम नहीं कर रहे हैं. हमने जांच की और पाया की पैनिक बटन काम नहीं कर रहा है. जांच के बाद पिछले हफ्ते बीजेपी ने लाइव प्रदर्शन के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया. साथ ही मीडिया के सामने स्थापित किया कि बटन दबाने के 1 घंटे बाद भी जीपीआरएस से लैस वाहन तक कोई सरकारी मदद नहीं आई.
सचदेवा ने कहा कि प्रदर्शन के बाद परिवहन मंत्री ने जवाब दिया कि पैनिक बटन सिस्टम 2 कंट्रोल रूम के साथ काम कर रहा है. हमने तथ्यों की दोबारा जांच की और पिछले रविवार 18 जून को गहलोत को पूर्व सूचना देकर फिर से दिखाया कि पैनिक बटन दबाने पर कोई सरकारी मदद नहीं आती है. पत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक कैब से जुड़े दूसरे लाइव प्रदर्शन के बाद कह सकते हैं कि केजरीवाल सरकार का परिवहन विभाग 2019 से इन 4 वर्षों के दौरान महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण पैनिक बटन के मुद्दे पर छलावा करता रहा है.
ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल की कॉलोनी में भी नहीं आ रहा पीने योग्य पानी : वीरेंद्र सचदेवा
500 करोड़ का घोटाला: भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि यह मामला परिवहन विभाग के सैकड़ों करोड़ का वित्तीय घोटाले की ओर भी इशारा कर रहा है. दिल्ली में लगभग 1 लाख 12 हजार पंजीकृत कैब हैं, जिनसे परिवहन विभाग ने वार्षिक नवीनीकरण शुल्क के अलावा पैनिक बटन लगाने के लिए 9000 रुपए वसूल किए हैं. साल 2019 और 2023 के बीच 400 से 500 करोड़ रूपए की राशि परिवहन विभाग द्वारा वाहन स्वामियों से वसूली जा चुकी है. पत्र में कहा गया है कि सरकार द्वारा बिना कोई नियंत्रण कक्ष या बुनियादी ढांचा स्थापित किए पैनिक बटन शुल्क वसूलना आपराधिक कृत्य है. उपराज्यपाल से आग्रह है कि इस मुद्दे पर ट्रांसपोर्ट विभाग से रिपोर्ट मांगे. बता दें कि साल 2019 में केजरीवाल सरकार द्वारा डीटीसी बसों एवं कैब के अलावा दिल्ली में चलने वाले सभी सार्वजनिक वाहनों में पैनिक बटन लगाने की योजना शुरू की गई थी.
![बीजेपी ने LG को लिखी चिट्ठी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/21-06-2023/del-ndl-01-vis-delhibjpleters-dl10018_21062023174435_2106f_1687349675_541.jpg)
![बीजेपी ने LG को लिखी चिट्ठी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/21-06-2023/del-ndl-01-vis-delhibjpleters-dl10018_21062023174435_2106f_1687349675_462.jpg)
ये भी पढ़ें: शिक्षा मंत्री आतिशी के 35 करोड़ लोगों के भूखे होने के बयान पर भड़के वीरेंद्र सचदेवा, कहा- कहां से आया आंकड़ा