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मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों को नहीं मिल रहा वेतन, सभी टेस्ट पड़े हैं बंद, दवाइयों का भी अभावः वीरेंद्र सचदेवा

दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (BJP working president Virendra Sachdeva) और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि दुनियाभर में आम आदमी पार्टी जिस मोहल्ला क्लीनिक को वर्ल्ड क्लास बताती है, लेकिन उसका पूरा ढांचा ही चरमरा गया है. हालत यह है कि अगस्त के बाद से मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को वेतन नहीं दिया गया है.

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Published : Dec 15, 2022, 8:10 PM IST

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मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों को नहीं मिल रहा वेतन

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार पर मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों और स्टाफ के वेतन तीन महीने से नहीं दिए जाने का आरोप लगा है. दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (BJP working president Virendra Sachdeva) और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि दुनियाभर में आम आदमी पार्टी जिस मोहल्ला क्लीनिक को वर्ल्ड क्लास बताती है, लेकिन उसका पूरा ढांचा ही चरमरा गया है. हालत यह है कि अगस्त के बाद से मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को वेतन नहीं दिया गया है. पिछले दो महीनों से मोहल्ला क्लीनिकों में सभी टेस्ट बंद पड़े हैं और दवाइयों का भी अभाव है. उनका आरोप है कि दिल्ली के 520 में से 70 से ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक बंद हो गए हैं और बाकी बंद होने के कगार पर हैं.

भाजपा नेताओं ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ एक और फ्रॉड किया है. उन्होंने घोषणा की थी कि मोहल्ला क्लीनिकों और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 450 टेस्ट निःशुल्क होंगे. जबकि, सच्चाई यह है कि मोहल्ला क्लीनिकों में जो 212 टेस्ट पहले से मुफ्त होने की बात कही जाती है. वहीं यह दो महीने से बंद पड़े हैं. इसकी वजह यह है कि पूरी दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों से टेस्ट के लिए जिन लैब्स को अनुबंधित किया गया था, पिछले दो महीनों से उन लैब्स ने टेस्ट करने से मना कर दिया है. इसकी वजह यह है कि इन लैब्स का पिछला भुगतान ही नहीं किया गया. इस तरह मुख्यमंत्री सिर्फ झूठ बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं कि टेस्ट मुफ्त किए जा रहे हैं.

भाजपा नेताओं ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों में काम करने वाले डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को पिछले अगस्त के बाद से वेतन का भुगतान नहीं किया गया. सिर्फ वेतन ही नहीं, मोहल्ला क्लीनिकों में होने वाले बाकी खर्च के बिलों का भुगतान भी इन डॉक्टरों को नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि किसी सरकारी विभाग में ऐसा नहीं होता कि कर्मचारी कार्यालय का खर्चा अपनी जेब से करता हो लेकिन मोहल्ला क्लीनिकों में सफाई के लिए दो हजार रुपया महीना, वाई फाई के बिल के लिए 700 रुपया महीना, पीने के पानी, स्टेशनरी और बाकी खर्चों के लिए एक हजार रुपया महीना डॉक्टर अपनी जेब से खर्च करते हैं और सरकार बाद में इनका भुगतान करती है.

ये भी पढ़ेंः Delhi Excise Policy Case: CBI चार्जशीट पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने लिया संज्ञान, सातों आरोपियों को समन

उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि डॉक्टरों को वेतन तो मिल नहीं रहा, ऊपर से वे यह खर्चा भी कर रहे हैं और पिछले सात महीनों से उनके बिल अटके पड़े हैं. यही नहीं डॉक्टरों ने अपनी जेब से ही 15 हजार रुपए की कीमत के टैब खरीदे और मोहल्ला क्लीनिक में वाई फाई के लिए 2500 रुपए के राउटर खरीदे, लेकिन इन बिलों का भी भुगतान नहीं किया गया. इससे डॉक्टर गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. भाजपा नेताओं ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों में दवाइयों का अभाव है और टेस्ट न होने तथा दवाइयां न मिलने के कारण प्रतिदिन मरीजों की डॉक्टरों से कहा-सुनी हो रही है और अपमान भी झेल रहे हैं.

मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों को नहीं मिल रहा वेतन

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार पर मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों और स्टाफ के वेतन तीन महीने से नहीं दिए जाने का आरोप लगा है. दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (BJP working president Virendra Sachdeva) और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि दुनियाभर में आम आदमी पार्टी जिस मोहल्ला क्लीनिक को वर्ल्ड क्लास बताती है, लेकिन उसका पूरा ढांचा ही चरमरा गया है. हालत यह है कि अगस्त के बाद से मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को वेतन नहीं दिया गया है. पिछले दो महीनों से मोहल्ला क्लीनिकों में सभी टेस्ट बंद पड़े हैं और दवाइयों का भी अभाव है. उनका आरोप है कि दिल्ली के 520 में से 70 से ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक बंद हो गए हैं और बाकी बंद होने के कगार पर हैं.

भाजपा नेताओं ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ एक और फ्रॉड किया है. उन्होंने घोषणा की थी कि मोहल्ला क्लीनिकों और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 450 टेस्ट निःशुल्क होंगे. जबकि, सच्चाई यह है कि मोहल्ला क्लीनिकों में जो 212 टेस्ट पहले से मुफ्त होने की बात कही जाती है. वहीं यह दो महीने से बंद पड़े हैं. इसकी वजह यह है कि पूरी दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों से टेस्ट के लिए जिन लैब्स को अनुबंधित किया गया था, पिछले दो महीनों से उन लैब्स ने टेस्ट करने से मना कर दिया है. इसकी वजह यह है कि इन लैब्स का पिछला भुगतान ही नहीं किया गया. इस तरह मुख्यमंत्री सिर्फ झूठ बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं कि टेस्ट मुफ्त किए जा रहे हैं.

भाजपा नेताओं ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों में काम करने वाले डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को पिछले अगस्त के बाद से वेतन का भुगतान नहीं किया गया. सिर्फ वेतन ही नहीं, मोहल्ला क्लीनिकों में होने वाले बाकी खर्च के बिलों का भुगतान भी इन डॉक्टरों को नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि किसी सरकारी विभाग में ऐसा नहीं होता कि कर्मचारी कार्यालय का खर्चा अपनी जेब से करता हो लेकिन मोहल्ला क्लीनिकों में सफाई के लिए दो हजार रुपया महीना, वाई फाई के बिल के लिए 700 रुपया महीना, पीने के पानी, स्टेशनरी और बाकी खर्चों के लिए एक हजार रुपया महीना डॉक्टर अपनी जेब से खर्च करते हैं और सरकार बाद में इनका भुगतान करती है.

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उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि डॉक्टरों को वेतन तो मिल नहीं रहा, ऊपर से वे यह खर्चा भी कर रहे हैं और पिछले सात महीनों से उनके बिल अटके पड़े हैं. यही नहीं डॉक्टरों ने अपनी जेब से ही 15 हजार रुपए की कीमत के टैब खरीदे और मोहल्ला क्लीनिक में वाई फाई के लिए 2500 रुपए के राउटर खरीदे, लेकिन इन बिलों का भी भुगतान नहीं किया गया. इससे डॉक्टर गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. भाजपा नेताओं ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों में दवाइयों का अभाव है और टेस्ट न होने तथा दवाइयां न मिलने के कारण प्रतिदिन मरीजों की डॉक्टरों से कहा-सुनी हो रही है और अपमान भी झेल रहे हैं.

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