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बिजली के बढ़े शुल्क वापस नहीं लिए गए तो सड़कों पर उतरेगी बीजेपी: रमेश बिधूड़ी

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Published : Jun 26, 2023, 5:27 PM IST

दिल्ली में बिजली की कीमतों में 10% बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सोमवार को बीजेपी सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा. सांसद मनोज तिवारी ने कहा दिल्ली की जनता पर केजरीवाल सरकार ने एक और बोझ डाल दिया है.

बीजेपी सांसदों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
बीजेपी सांसदों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दिल्ली में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बीजेपी सांसदों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली की कीमतों में 10% बढ़ोतरी को लेकर बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को घेरना शुरू कर दिया है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी एवं रमेश बिधूड़ी ने सोमवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पीपीएसी (पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट) के माध्यम से बिजली बिल में बढ़ोतरी को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा. कहा कि अगर केजरीवाल सरकार इस बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को वापस नहीं लेती तो हम दिल्ली में इस लड़ाई को लेकर सड़कों पर भी जाएंगे. इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना भी उपस्थित थे.

मनोज तिवारी ने कहा कि जो सरकार कहा करती थी कि हमने बिजली बिल माफ कर दिया है, वह आज बिजली के बोझ तले दिल्ली वालों को दबा रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक शातिर मुख्यमंत्री हैं. दरें बढ़ाकर जनता से झूठ क्या बोलना इसका भी मंथन वे अपने मंत्रियों के साथ कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा इसका विरोध करती है. इस बढ़े हुए बिजली शुल्क को वापस लीजिए.

ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार का नया कानून, दिन में सस्ती और रात में महंगी होगी बिजली

तिवारी ने कहा कि पीपीएसी जो हर बिजली उपभोक्ता को देना पड़ता है, दिल्ली में पहले यह 22 फीसदी था और अब 29 फीसदी कर दिया गया. इस पर केजरीवाल कह रहे हैं कि सर्दी में बिजली खपत थोड़ी कम हो जाती है जबकि गर्मी में बढ़ जाती है. 2022 में पीपीएसी गर्मी में बढ़ी तो ठंड में घटाई क्यों नहीं ? और अब फिर उसे बढ़ा दिया. यह कुल राशि चार हजार करोड़ है, जिसे अरविंद केजरीवाल से वसूले जाएंगे.

सांसद रमेश बिधूड़ी ने कुछ बिजली के बिल दिखाए जिसमें केजरीवाल सरकार की ओर से बिजली चोरी के बिल माफ किए गए थे. कहा कि बिजली चोरी के बिल बाटला और जामिया इलाके के क्यों कम किये जा रहे हैं ? उन्होंने कहा कि अंबानी के खिलाफ जांच की बात करने वाले केजरीवाल बताएं कि आखिर उन्होंने 9 सालों तक उनके कार्यों का ऑडिट क्यों नहीं करवाया. यही नहीं फिक्स्ड चार्ज के नाम पर 16,033 करोड़ से ज्यादा जो वसूले वे कहाँ हैं ? 26 हज़ार करोड़ जो सब्सिडी के नाम पर निजी कंपनियों को दिया उसका हिसाब कहां है ? कुल 75 हजार करोड़ रुपये का हिसाब केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को क्यों नहीं दिया ?

ये भी पढ़ें: Electricity Rate increases: दिल्ली में 10 फीसदी महंगी होगी बिजली, आपके जेब पर बढ़ेगा बोझ या नहीं? पढ़ें

दिल्ली में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बीजेपी सांसदों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली की कीमतों में 10% बढ़ोतरी को लेकर बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को घेरना शुरू कर दिया है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी एवं रमेश बिधूड़ी ने सोमवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पीपीएसी (पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट) के माध्यम से बिजली बिल में बढ़ोतरी को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा. कहा कि अगर केजरीवाल सरकार इस बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को वापस नहीं लेती तो हम दिल्ली में इस लड़ाई को लेकर सड़कों पर भी जाएंगे. इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना भी उपस्थित थे.

मनोज तिवारी ने कहा कि जो सरकार कहा करती थी कि हमने बिजली बिल माफ कर दिया है, वह आज बिजली के बोझ तले दिल्ली वालों को दबा रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक शातिर मुख्यमंत्री हैं. दरें बढ़ाकर जनता से झूठ क्या बोलना इसका भी मंथन वे अपने मंत्रियों के साथ कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा इसका विरोध करती है. इस बढ़े हुए बिजली शुल्क को वापस लीजिए.

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तिवारी ने कहा कि पीपीएसी जो हर बिजली उपभोक्ता को देना पड़ता है, दिल्ली में पहले यह 22 फीसदी था और अब 29 फीसदी कर दिया गया. इस पर केजरीवाल कह रहे हैं कि सर्दी में बिजली खपत थोड़ी कम हो जाती है जबकि गर्मी में बढ़ जाती है. 2022 में पीपीएसी गर्मी में बढ़ी तो ठंड में घटाई क्यों नहीं ? और अब फिर उसे बढ़ा दिया. यह कुल राशि चार हजार करोड़ है, जिसे अरविंद केजरीवाल से वसूले जाएंगे.

सांसद रमेश बिधूड़ी ने कुछ बिजली के बिल दिखाए जिसमें केजरीवाल सरकार की ओर से बिजली चोरी के बिल माफ किए गए थे. कहा कि बिजली चोरी के बिल बाटला और जामिया इलाके के क्यों कम किये जा रहे हैं ? उन्होंने कहा कि अंबानी के खिलाफ जांच की बात करने वाले केजरीवाल बताएं कि आखिर उन्होंने 9 सालों तक उनके कार्यों का ऑडिट क्यों नहीं करवाया. यही नहीं फिक्स्ड चार्ज के नाम पर 16,033 करोड़ से ज्यादा जो वसूले वे कहाँ हैं ? 26 हज़ार करोड़ जो सब्सिडी के नाम पर निजी कंपनियों को दिया उसका हिसाब कहां है ? कुल 75 हजार करोड़ रुपये का हिसाब केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को क्यों नहीं दिया ?

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