नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में बुधवार को वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने 2023-24 के लिए 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, वित्त, परिवहन सहित विभिन्न विभागों का उल्लेख वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने किया है. वहीं, इस बजट को विपक्ष ने बहुत ही निराशाजनक बताया है. दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी और अनिल भरद्वाज ने इस बजट को बेहद ही निराशाजनक और शून्य मार्क देने वाला बताया है.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले आठ सालों से दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने को लेकर कहा था, जो अभी तक नहीं हुआ है. आप सरकार ने दिल्ली को स्लम में बदल दिया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 20 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ है.
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वहीं, भाजपा विधायक अनिल भारद्वाज ने इस बजट को शून्य मार्क्स देते हुए कहा कि पिछले बजट में दिल्ली के सभी बड़ी मार्केट को सुधारने व सभी सुविधाओं से लैस करने का वादा किया गया था, जो आज तक नहीं हो पाया है. दिल्ली नगर निगम को अलग से पैकेज देने पर भी सवाल खड़ा किया है. गांधी नगर एशिया की सबसे बड़ी मार्केट है, पिछली बार मनीष सिसोदिया ने इसको वर्ल्ड क्लास बनाने का वादा किया था, जो आज तक नहीं हो पाया है. यमुना पार विकास बोर्ड को बंद कर दिया गया, ये लोग कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं. पूर्वी दिल्ली में पॉली क्लींनिक में कोई भी नहीं है. सीनियर सिटीजन के पेंशन का मुद्दा इस बजट से गायब रहा. इस बजट में कुछ भी खुश होने जैसी बात नहीं है.
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