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अनाधिकृत कॉलोनी का वोट बैंक कभी केजरीवाल के साथ था ही नहीं-विजय गोयल - बीजेपी सांसद

विधानसभा चुनाव में चंद महीने बचे हुए हैं. केजरीवाल सरकार को घेरने के लिए बीजेपी अनाधिकृत कॉलोनियों को बड़ा मुद्दा बना रही है, इस बारे में ईटीवी भारत ने बीजेपी सांसद विजय गोयल से विस्तार से बात की.

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Published : Sep 12, 2019, 7:47 PM IST

Updated : Sep 12, 2019, 10:42 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में अनाधिकृत कॉलोनी को लेकर हर चुनाव से पहले राजनीति होती रही हैं. ये कोई नई बात नहीं है. विधानसभा चुनाव में चंद महीने बचे हुए हैं. केजरीवाल सरकार को घेरने के लिए बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है इस बारे में ईटीवी भारत ने बीजेपी सांसद विजय गोयल से विस्तार से बात की.

सांसद विजय गोयल से खास बातचीत

उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों का मसला बड़ा है. आधी दिल्ली अनाधिकृत कॉलोनी के तौर पर बसी हुई है. इसीलिए अब इनके बारे में गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है.

जिस तरह से बताया जाता है कि आम आदमी पार्टी का वोट बैंक अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोग हैं. इस बारे में सवाल पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी उस वोट बैंक को इस मुद्दे के जरिये अपने पक्ष में करने की फिराक में है? तो विजय गोयल ने साफ कहा कि ये आम आदमी पार्टी की गलतफहमी है कि अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले उनके मतदाता है. अगर ऐसा होता तो आम आदमी पार्टी अभी तक एक से अधिक चुनाव जीती होती.


दिल्ली में साल 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने नगर निगम का चुनाव लड़ा, लोकसभा का चुनाव लड़ा और इस बार फिर लोकसभा का चुनाव लड़ा. आम आदमी पार्टी को सब जगह हार का सामना करना पड़ा. अगर उनका कोई कैडर वोट मतदाता होता तो यह हश्र नहीं होता.

'सभी को मिलकर अनाधिकृत कॉलोनियों का समाधान करना चाहिए'
अनाधिकृत कॉलोनी पर विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली में आज बीजेपी के सभी सांसद इस मसले पर सामने आए हैं. इसी से मुद्दे को समझा जा सकता है. बड़ा मुद्दा है किसी व्यक्ति विशेष या क्षेत्र विशेष से संबंधित नहीं है. इसीलिए सब को मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा.

बता दें कि अनाधिकृत कॉलोनियों की सियासत नई नहीं है.इस पर राजनीति 70 के दशक से चली आ रही है. सच तो ये है कि ये कॉलोनियां हर राजनीतिक पार्टी के लिए बड़ा वोट बैंक है. चाहे दिल्ली सरकार हो या नगर निगम, वहां की सत्ता तक पहुंचने का रास्ता अनाधिकृत कॉलोनियों से होकर ही गुजरता है.

दिल्ली में करीब 1,797 अनाधिकृत कॉलोनियां है. पिछले दिनों केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के मुताबिक कुछ समय पूर्व केंद्र सरकार ने इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी. समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार को आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

नई दिल्ली: राजधानी में अनाधिकृत कॉलोनी को लेकर हर चुनाव से पहले राजनीति होती रही हैं. ये कोई नई बात नहीं है. विधानसभा चुनाव में चंद महीने बचे हुए हैं. केजरीवाल सरकार को घेरने के लिए बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है इस बारे में ईटीवी भारत ने बीजेपी सांसद विजय गोयल से विस्तार से बात की.

सांसद विजय गोयल से खास बातचीत

उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों का मसला बड़ा है. आधी दिल्ली अनाधिकृत कॉलोनी के तौर पर बसी हुई है. इसीलिए अब इनके बारे में गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है.

जिस तरह से बताया जाता है कि आम आदमी पार्टी का वोट बैंक अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोग हैं. इस बारे में सवाल पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी उस वोट बैंक को इस मुद्दे के जरिये अपने पक्ष में करने की फिराक में है? तो विजय गोयल ने साफ कहा कि ये आम आदमी पार्टी की गलतफहमी है कि अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले उनके मतदाता है. अगर ऐसा होता तो आम आदमी पार्टी अभी तक एक से अधिक चुनाव जीती होती.


दिल्ली में साल 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने नगर निगम का चुनाव लड़ा, लोकसभा का चुनाव लड़ा और इस बार फिर लोकसभा का चुनाव लड़ा. आम आदमी पार्टी को सब जगह हार का सामना करना पड़ा. अगर उनका कोई कैडर वोट मतदाता होता तो यह हश्र नहीं होता.

'सभी को मिलकर अनाधिकृत कॉलोनियों का समाधान करना चाहिए'
अनाधिकृत कॉलोनी पर विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली में आज बीजेपी के सभी सांसद इस मसले पर सामने आए हैं. इसी से मुद्दे को समझा जा सकता है. बड़ा मुद्दा है किसी व्यक्ति विशेष या क्षेत्र विशेष से संबंधित नहीं है. इसीलिए सब को मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा.

बता दें कि अनाधिकृत कॉलोनियों की सियासत नई नहीं है.इस पर राजनीति 70 के दशक से चली आ रही है. सच तो ये है कि ये कॉलोनियां हर राजनीतिक पार्टी के लिए बड़ा वोट बैंक है. चाहे दिल्ली सरकार हो या नगर निगम, वहां की सत्ता तक पहुंचने का रास्ता अनाधिकृत कॉलोनियों से होकर ही गुजरता है.

दिल्ली में करीब 1,797 अनाधिकृत कॉलोनियां है. पिछले दिनों केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के मुताबिक कुछ समय पूर्व केंद्र सरकार ने इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी. समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार को आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनी को लेकर प्रत्येक बार चुनाव से पहले राजनीति होती रही हैं. यह कोई नई बात नहीं है. विधानसभा चुनाव के चंद महीने बचे हुए हैं. केजरीवाल सरकार को घेरने के लिए भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है. तो इस बारे में ईटीवी भारत ने भाजपा सांसद विजय गोयल से विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों का मसला बड़ा है. आधी दिल्ली अनधिकृत कॉलोनी के तौर पर बसी हुई है. इसीलिए अब इनके बारे में गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है.


Body:जिस तरह बताया जाता है कि आम आदमी पार्टी का वोट बैंक अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोग हैं. इस बाबत सवाल पूछे जाने पर क्या भाजपा उस वोट बैंक को इस मुद्दे के जरिये अपने पक्ष में करने की फिराक में है? तो विजय गोयल ने साफ कहा कि यह आम आदमी पार्टी की गलतफहमी है कि अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले उनके मतदाता है. अगर ऐसा होता तो आम आदमी पार्टी अभी तक एक से अधिक चुनाव जीती होती.

दिल्ली में वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने नगर निगम का चुनाव लड़ा लोकसभा का चुनाव लड़ा और इस बार फिर लोकसभा का चुनाव लड़ा. आम आदमी पार्टी को सब जगह हार का सामना करना पड़ा. अगर उनका कोई कैडर वोट मतदाता होता तो यह हश्र नहीं होता.

अनधिकृत कॉलोनी को लेकर दिल्ली सरकार के अपेक्षित रवैया पर विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली में आज भाजपा के सभी सांसद इस मसले पर लेकर सामने आए हैं. इसी से मुद्दे को समझा जा सकता है. बड़ा मुद्दा है किसी व्यक्ति विशेष या क्षेत्र विशेष से संबंधित नहीं है. इसीलिए सब को मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा.

बता दें कि अनाधिकृत कॉलोनियों की सियासत नई नहीं है. सियासत 70 के दशक से चली आ रही है. सच तो यह है कि यह कॉलोनियां हर राजनीतिक पार्टी के लिए बड़ा वोट बैंक है. चाहे दिल्ली सरकार हो या नगर निगम, वहां की सत्ता तक पहुंचने का रास्ता अनधिकृत कॉलोनियों से होकर ही गुजरता है.


Conclusion:दिल्ली में करीब 1797 अनाधिकृत कॉलोनियां है. पिछले दिनों केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के मुताबिक कुछ समय पूर्व केंद्र सरकार इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी. समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार को आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Sep 12, 2019, 10:42 PM IST
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