नई दिल्ली: राजधानी में दूषित पानी को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो की रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. एक तरफ केजरीवाल सरकार इस रिपोर्ट पर सवाल उठा रही है, वहीं बीजेपी रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साध रही है. इसी के चलते बीजेपी विधायकों ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से मुलाकात की और उनसे इस मुद्दे का समाधान करने की गुजारिश की.
बीजेपी विधायकों ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से मुलाकात कर कहा कि पानी की गुणवत्ता को लेकर जो रिपोर्ट आई है, इससे लोग सशंकित हैं. उनके मन में डर बैठ गया है कि कैसे इस समस्या से निजात मिल पाएगी. इसलिए अब केंद्र सरकार को ही पहल करते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए.
सिर्फ विशेषज्ञ हों शामिल
सीएम केजरीवाल द्वारा पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए बनाई जाने वाली कमेटी में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और दिल्ली जल बोर्ड के नामित सदस्य शलभ कुमार शामिल हैं. बीजेपी ने इनके नाम पर ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए जो टीमें बनाई जानी चाहिए उसमें सिर्फ विशेषज्ञ लोग ही शामिल हों. कोई भी राजनीतिक शख्स इसमें शामिल ना हो.
बीजेपी विधायकों की बात सुनने के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इस पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल ने भी उन्हें दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और शलभ कुमार के जांच टीम में शामिल होने की जानकारी देते हुए पत्र भेजा है. इसका उन्होंने जवाब दिया है कि जांच टीम में सिर्फ विशेषज्ञों को ही शामिल किया जाए.
रामविलास पासवान ने कहा-
सैंपल लेने के लिए दिल्ली सरकार 32 टीमें बना रही है. वो 1 सप्ताह में सैंपल ले लें और उसकी रिपोर्ट 31 दिसंबर तक सार्वजनिक कर दें ताकि समाधान की दिशा में कदम बढ़ सकें.
उधर, नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा-
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जिन लोगों के घरों से पानी के 11 नमूने लिए गए थे, उनके कनेक्शन काटे गए. इससे ये साफ हो गया है कि पानी खराब था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो इसे राजनीतिक से प्रेरित बता रहे थे वो अब झूठे साबित हुए हैं. उन्हें अपनी गलती मान कर समस्या का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए.
बता दें कि चार दिन पहले भारतीय मानक ब्यूरो ने देश के 20 राज्यों से एकत्रित किए गए पानी के नमूनों की जांच के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की थी. जिसमें दिल्ली का पानी, गुणवत्ता के लिहाज से सबसे निचले पायदान पर था.