नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर बीजेपी विधायक अजय महावर ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से पूर्ण रूप से शीतकालीन सत्र 10 दिनों के लिए बुलाया जाना चाहिए. विपक्ष के सवालों पर चर्चा करने के साथ उनका भी जवाब दिया जाए. पिछले कई बैठकों से पक्ष के एक भी सवाल को चर्चा के लिए स्वीकृत नहीं किया गया है. इस बार के सत्र में बीजेपी विधायक दल की ओर से दिल्ली की जनता को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण, बिजली, पानी और स्वास्थ्य से जुड़े कई गंभीर विषयों के ऊपर सवाल लगाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की तीसरे विधानसभा सत्र के चौथे एक्सटेंडेड पार्ट को बुलाना पूरी तरह गैर संवैधानिक है. दिल्ली सरकार मनमाना रवैया अपना रही है. इस समय पूरा विंटर सेशन बुलाया जाना चाहिए था. इसमें 10 दिन तक कार्रवाई चलाने के साथ दिल्ली की सभी समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए थी. विधानसभा का सत्र बुलाए जाने से पहले 15 दिन का नोटिस दिया जाना था. इसके साथ क्वेश्चन आवर और प्रश्नकाल भी होना चाहिए था, जो इस विधानसभा के सत्र में नहीं है.
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दिल्ली सरकार विधानसभा के सत्र में बीजेपी के विधायकों का गला घोटने के साथ उनकी आवाज दबा रही है. लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है. विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर विधानसभा के सत्र में अपनी बात नहीं रख पाते हैं. क्वेश्चन आवर नहीं होने के बावजूद बीजेपी के विधायकों ने दिल्ली सरकार से वायु प्रदूषण का लगातार बढ़ते स्तर, कोरोना के नए विजेंट को लेकर इंतजामों पर, सभी घरों में पीने का पानी पहुंचे, शिक्षा, बिजली और यमुना में बढ़ते प्रदूषण को लेकर चर्चा को लेकर सवाल लाए हैं. ताकि दिल्ली के लोगों से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकल सके.
महावर ने कहा कि अल्पकालिक चर्चा और ध्यान आकर्षित चर्चा के तौर पर बीजेपी, दिल्ली की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए कई सवालों पर चर्चा के साथ जवाब मांगे हैं. बीजेपी के विधायकों की ओर से चर्चा के लिए लाए गए विषयों को स्वीकृत कर, उन पर बहस के साथ जवाब भी दिल्ली सरकार दे. पिछले कई सत्रों से बीजेपी के किसी भी विधायक के किसी भी सवाल को चर्चा के लिए स्वीकृत नहीं किया गया है.
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