नई दिल्ली: शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा तीसरी बार समन दिए जाने पर भी उन्होंने ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया. इसे लेकर भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा कहा है कि अरविंद केजरीवाल जांच से लगातार भाग रहे हैं. इसके पीछे घिसा पिटा बहाना दिया गया कि 7 महीने बाद लोकसभा का चुनाव होना है इसलिए ईडी उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकना चाहती है और यह समन पूरी तरह से गैरकानूनी है. जब पहली बार ईडी ने उन्हें समन भेजा था, तब गुजरात चुनाव का बहाना बनाया गया था.
भाजपा नेता सिरसा ने कहा कि असल सच ये है कि अरविंद केजरीवाल को पूरी तरह पता है कि ईडी के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत है, जो किसी और का नहीं बल्कि उनके दोस्त अरोड़ा का है. उन्हीं मित्रों ने उनके खिलाफ सारे सबूत दिए हैं और वह सरकारी गवाह बन गए हैं. अरविंद केजरीवाल ने पूरी तरह से अपने चहेतों को करोड़ों रुपए फायदा पहुंचाने के लिए यह स्कीम लाई, जिसके बदले उन्होंने करोड़ों रुपये लिए.
वे मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की तुलना भगत सिंह से कर जेल में उनके रहने की बात बताते थकते नहीं थे, लेकिन जब अपनी बारी आई तो नए नए बहाने बना रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कानून के हाथ बहुत लंबे हैं और आप चाहे जितना मर्जी भागने की कोशिश कर लें, आपका जेल जाना तय है. शराब घोटाले में दिल्ली के लोगों को लूटा गया और सीएम केजरीवाल को इसका भी हर्जाना भरना पड़ेगा.
यह भी पढ़ें-शराब घोटाले में ED के तीसरे समन पर भी पेश नहीं हुए सीएम अरविंद केजरीवाल, दिया यह जवाब
हरीश खुराना ने भी साधा निशाना: उनके अलावा दिल्ली भाजपा हरीश खुराना ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए कानून, विपश्यना और चुनाव से बढ़कर हो गया है. आखिर आप कब तक कानून के सवालों से भागते रहेंगे. एक न एक दिन तो आपको कानून के सामने आना ही होगा और सवालों का जवाब भी देना होगा. उन्होंने कहा कि मामले में मिले सबूतों में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर सभी डॉक्यूमेंट हैं और वहीं पर सारी डील हुई थी. जिस तरह से ठेकेदारों की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत की गई, सबको पता है भ्रष्टाचार हुआ है.
कब तक बचेंगे केजरीवाल: उनके अलावा दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि सीएम केजरीवाल ईडी के सामने पेश होने से कतरा रहे हैं. ऐसा केवल आपराधिक मानसिकता वाला व्यक्ति ही करता है. वे एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें कानून का पालन करना चाहिए. वो कानून से कब तक बचेंगे. अगर आप कट्टर ईमानदार हैं तो आप जांच एजेंसी के सामने आइए.
यह भी पढ़ें-ग्रामीण विकास फंड में वर्षों से पड़े 800 करोड़ रुपए डीडीए को ट्रांसफर, अब गांवों का होगा विकास