नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को 20 पेज लंबा संकल्प पत्र (चुनावी घोषणा पत्र) जारी (BJP issued Sankalp Patra regarding MCD elections) किया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संकल्प पत्र में दिल्ली की जनता से 12 वादे किए. इसमें कहा गया कि दिल्ली एमसीडी की सभी सेवाओं को 100 दिनों के भीतर मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा.
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि इस बार बीजेपी की जीत होगी तो हम 16,000 पार्कों को मेंटेन करेंगे. कूड़े और प्रदूषण नियंत्रण पर काम करेंगे. जहां झुग्गी है, वहां मकान बनाने पर हमारा फोकस रहेगा. इसके अलावा 2027 तक एमसीडी स्कूलों के कक्षाओं को स्मार्ट क्लासेस में बदला जाएगा. इसके अलावा विधवा महिलाओं की बेटी की शादी के लिए 50 हजार की ग्रांट दी जाएगी. एमसीडी के नौ अस्पतालों का आधुनिकीकरण और सभी को जन औषधि केंद्र से जोड़ा जाएगा.
बीजेपी के 12 वादों में ई-गवर्नेंस, प्रदूषण नियंत्रण, बेघर लोगों को दिल्ली में घर देना, गृह निर्माण के नियमों का सरल करना, संपत्ति कर में छूट, साप्ताहिक बाजारों का नियमितीकरण, फैक्ट्री लाइसेंस समाप्त, व्यापारियों को राहत देना, झुग्गी झोपड़ी और जेजे क्लस्टर के साथ गांव के इलाकों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना, महिलाओं के लिए स्वरोजगार का प्रबंध करना, युवाओं को रोजगार के नए अवसर देना, निगम की स्वास्थ्य सुविधाओं का आधुनिकीरण करना, एमसीडी के अंतर्गत आने वाली पार्कों को बेहतर बनाना, साथ ही 1000 छठ घाटों का दिल्ली के अंदर निर्माण करना और वॉटर बॉडीज बनाना जैसे 12 वादे शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले 8 सालों में दिल्ली सरकार का रवैया बेहद खराब रहा है. एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं. इस सरकार ने भ्रष्टाचार के अलग-अलग स्वरूप दिखाए हैं. इससे देश की प्रतिष्ठा को भी धक्का लगा है. जो वादे किए गए थे, सरकार बनने के बाद उन सभी वादों को पूरा करने में दिल्ली सरकार पूरी तरीके से फेल साबित हुई है. दिल्ली सरकार के नेताओं पर आज तक अपने भ्रष्टाचार के सवालों के कोई जवाब नहीं है.
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उन्होंने कहा कि निगम को सहयोग करने का जो सरकार का संवैधानिक दायित्व होता है वह भी केजरीवाल सरकार ने नहीं निभाया. जबरन दिल्ली सरकार द्वारा एमसीडी के फंड को रोका गया. दिल्ली सरकार का बजट 70,000 करोड़ का है. ऐसे में सवाल उठता है कि यह पूरा बजट आखिर खर्च कहां होता है? दिल्ली वासियों को कौन-सी नई सुविधाएं मौजूदा सरकार ने दी है. सिर्फ प्रचार और प्रसार इस सरकार द्वारा किया गया है.