नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश BJP ने केजरीवाल सरकार को घेरने के लिए 'दिल्ली बचाओ परिवर्तन यात्रा' ने शुरुआत में ही दम तोड़ दिया है.
उन्होंने संगठन तक से इसके लिए इजाजत नहीं ली. नतीजा है कि संगठन की मर्जी के खिलाफ यात्रा शुरू करने के चलते पार्टी के जुझारू कार्यकर्ता इसमें शामिल होने से कतरा रहे हैं.
परिवर्तन यात्रा को करना पडा़ था स्थगित
दिल्ली बचाओ परिवर्तन यात्रा को प्रदेश BJP अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव होने तक चलाने का फैसला लिया था. लेकिन बुराड़ी में जिस तरह दूसरे ही दिन भीड़ न जुटने के कारण परिवर्तन यात्रा स्थगित करनी पड़ी इससे पार्टी के शीर्ष नेता भी खासे नाराज हैं.
उनका सवाल है कि इतना बड़ा कदम उठाने से पहले प्रदेश BJP अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सबको विश्वास में क्यों नहीं लिया. क्योंकि चुनावी साल होने से प्रदेश BJP नेताओं की एक चूक भारी पड़ सकती है. इसीलिए शीर्ष के नेता कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहते हैं.
31 अगस्त को BJP सांसद विजय गोयल द्वारा पूर्व निर्धारित अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर आयोजित महासम्मेलन तक को स्थगित करने का फैसला लिया गया था.
तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश BJP अध्यक्ष मनोज तिवारी ने परिवर्तन यात्रा निकाल एक तरह से चुनाव प्रचार शुरू कर दिया.
केंद्रीय मंत्री भी यात्रा के लिए सहमत नहीं थे
सूत्र बताते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए BJP के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर भी प्रदेश BJP अध्यक्ष के इस यात्रा को लेकर सहमत नहीं थे.
प्रदेश संगठन मंत्री सिद्धार्थन तक से यात्रा निकालने के लिए रायशुमारी नहीं की गई. जिसके चलते अन्य पदों पर काबिज नेता इससे दूर रहने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं.
खराब मौसम का दिया गया था हवाला
दिल्ली बचाओ परिवर्तन के दूसरे दिन बुराड़ी में खराब मौसम का हवाला देकर दोपहर दो बजे यात्रा रद्द होने के बारे में सोशल मीडिया पर लोगों को जानकारी दी गई. जबकि यात्रा का समय सुबह 11 बजे निर्धारित था.
सूत्रों का कहना है कि स्थानीय जनता और पार्टी कैडर के विरोध के चलते जनसभा और परिवर्तन यात्रा रद्द की गई.