नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा. इसके अगले दिन यानी 9 मार्च को दिल्ली का बजट पेश किया जाएगा. बजट आने से पहले ही केजरीवाल सरकार भाजपा के निशाने पर आ गए हैं.
केजरीवाल सराकर से उम्मीद नहीं
साउथ जोन की चेयरपर्सन नंदिनी शर्मा ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि 65 हजार करोड़ की बजट में भी केजरीवाल ने एमसीडी को एक फूटी कौड़ी तक नहीं दी. केजरीवाल सराकर से बिल्कुल भी उम्मीद नहीं है. लेकिन यह देखना बेहद ही दिलचस्प होगा कि केजरीवाल ने विज्ञापनों का बजट कितना बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की मंशा ही नहीं है कि एसमीडी को फंड जारी करे.
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विकास की बात सोचते तक नहीं
नंदिनी शर्मा ने कहा कि जब तीनों मेयर धरने पर बैठे थे, तो केजरीवाल कभी पूछने तक नहीं आए. समय मांगने के लिए दरबार में गए. केजरीवाल ने कभी मुलाकात नहीं की. जनता का सीधा जुड़ाव एमसीडी से है. कोरोना काल में डीसीबी वर्करों ने जान को हथेली पर रखते हुए आम जनता की रक्षा की. केजरीवाल सरकार दिल्ली में विकास की बात सोचते तक ही नहीं है, करने की तो बहुत दूर की बात है.
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जीएसटी भी अधिक आया
नंदिनी शर्मा आगे कहती है कि इस बार केजरीवाल के पास जीएसटी भी अधिक आया है. सिविल डिफेन्स के जवानों ने जिस तरह से बिना मास्क वालों का 2-2 हजार रुपये का चालान काटा, इससे साफ है कि सरकार के पास काफी पैसा आया है. लेकिन केजरीवाल सरकार का कहना है कि इस बार सरकार को 42 फीसदी रेवेन्यू कम जनरेट हुआ है.