नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि यह देखकर हैरानी होती है कि केजरीवाल सरकार नजफगढ़ नाले की सफाई पर थोड़ी भी गंभीर नही है, जो दिल्ली में यमुना नदी को प्रदूषित करने की सबसे बड़ी वजह है. पिछले 9 वर्षों के दौरान केजरीवाल सरकार ने 705 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन करने के बावजूद नजफगढ़ नाले की सफाई के लिए कुछ नहीं किया और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को एक आदेश देने के लिए मजबूर किया, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को नजफगढ़ ड्रेन और यमुना सफाई पर एक समिति की अध्यक्षता करने के लिए कहा गया.
एनजीटी के आदेश के तुरंत बाद उपराज्यपाल ने सख्ती से नजफगढ़ नाले की सफाई का काम अपने हाथ में ले लिया और बदलाव दिखने भी लगा था. लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई और उपराज्यपाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के एनजीटी के आदेश को खारिज करवा दिया. सचदेवा ने कहा कि उसके बाद जुलाई 2023 से नजफगढ़ नाले की सफाई का काम रुका हुआ है और अब अनुपचारित नजफगढ़ नाला सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना में गिरता है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि नजफगढ़ नाला सफाई परियोजना अटक गई है क्योंकि केजरीवाल सरकार ने इसकी सफाई समिति की अध्यक्षता के लिए कानूनी लड़ाई तो लड़ी लेकिन अध्यक्षता मिलने के बाद उन्होंने इस पर काम बंद कर दिया है. सचदेवा ने कहा है कि केजरीवाल सरकार एक गैरजिम्मेदार सरकार है जो शक्तियां तो चाहती है लेकिन जिम्मेदारी से भागती है.
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