नई दिल्ली : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद राजधानी में सियासी खींचतान लगातार जारी है. इस बीच आज दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना और उपाध्यक्ष राजन तिवारी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के आरोपों का न सिर्फ हरीश खुराना ने जवाब दिया, बल्कि उन्होंने सबूतों के आधार पर स्कूलों के निर्माण कार्य में दिल्ली सरकार द्वारा भष्ट्राचार किए जाने का आरोप लगाया है.
हरीश खुराना ने दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिस एक स्कूल के कमरे को बनाने में 4 से 5 लाख रुपये का खर्चा आना चाहिए. उस कमरे को आप की दिल्ली सरकार ने 27 लाख रुपये में बनाया है. शिक्षा विभाग ने राजधानी दिल्ली को 26 अलग-अलग जोन में बांटा है. उन्होंने कहा कि स्कूलों के कमरे बनवाने में लगभग 2000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच में आपसी तकरार भी बढ़ गई है.
एक दिन पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर अंदेशा जताया था. साथ ही यह भी कहा गया कि सारी कार्रवाई बीजेपी राजनीति से प्रेरित होकर कर रही है. सत्येन्द्र जैन की गिरफ्तारी के बाद से सियासी खींचतान के साथ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति हो रही है. इसी बीच कल एसीबी का एक पत्र भी वायरल हुआ था. जिसमें दिल्ली बीजेपी के नेता हरीश खुराना मनोज तिवारी के पीए नीलकांत बक्शी और कपिल मिश्रा से उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ साक्ष्य एसीबी के दफ्तर में जमा कराने को कहा गया था.
एसीबी की चिट्ठी वायरल होने के बाद आप नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीधे तौर पर बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए. जिसके जवाब में दिल्ली बीजेपी के पदाधिकारियों ने आज दोपहर 12.30 प्रदेश कार्यालय 14 पंडित पंत मार्ग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजन तिवारी और हरीश खुराना ने बारी-बारी से बोलते हुए ना सिर्फ आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा बल्कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें भ्रष्टाचार में लिप्त बताया. हरीश खुराना ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जिस मामले को लेकर एसीबी को पत्र लिखा गया है. वह मामला 3 साल पुराना है.
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले को लेकर उस समय उनके और बीजेपी के पांच नेताओं ने एसीबी लोकायुक्त और दिल्ली पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई थी. जिस पर अब जांच शुरू हो गई है और एसीबी ने साक्ष्य मांगे है. जिन्हें जल्द से जल्द सिविल लाइन स्थित दफ्तर में जमा कराने को कहा गया है. बीजेपी प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार ने साल 2015 में स्कूलों के कमरे बनाने को लेकर एक नई योजना की शुरुआत की थी. जिसके तहत बड़े स्तर पर टेंडर किए गए थे. इन टेंडरों में नियमों को ना सिर्फ तांक पर रखा गया, बल्कि करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है. इस दौरान बीजेता नेता ने अपना पक्ष रखने के लिए सबूत भी पेश किए.
उन्होंने कहा कि इन कागजात में स्पष्ट तौर पर यह जानकारी है कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में जोन नंबर 23 में साल 2015 में 201 कमरे बनवाने के लिए टेंडर किया गया था. जो उस समय ₹28 करोड़ 95 लाख का था. इस पूरे काम को 1 साल में किया जाना. दिल्ली सरकार ने टेंडर में यह भी स्पष्ट किया था कि अमाउंट नहीं बढ़ाया जाएगा. उस समय दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ही थे. हैरानी की बात है कि साल 2019 में एक बार दोबारा जब फाइनेंस कमेटी की बैठक होती है. तब तक जोन नंबर 23 में 201 कमरे बनकर तैयार नहीं होते हैं. ऐसे में 28 करोड़ 95 लाख का टेंडर बढ़ाकर 54 करोड़ से ज्यादा का कर दिया जाता है, यानी 4 लाख का कमरा 27 लाख का हो जाता है. जिसके लिए दिल्ली सरकार अलग-अलग कारण पेश करती है.
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उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने राजधानी को शिक्षा के मद्देनजर 26 जोन में बांटा है. सभी जोन में स्कूलों के अंदर कमरे बनवाने का काम किया जा रहा है. अभी जो मैंने साक्ष्य प्रस्तुत किया यह सिर्फ 1 जोन के हैं. एक जोन में जब इतने बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है तो 26 जोन में कितने बड़े स्तर पर घोटाला होगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये स्कूलों के कमरे बनवाने के नाम पर किया है. यह घोटला शिक्षा मंत्री व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की जानकारी में हुआ है. उन्होंने कागजात दिखाते हुए कहा कि स्कूलों के कमरे बनवाने को लेकर लगभग 37 करोड़ के टेंडर को पास किया गया था. जिसे बाद में बढ़ाकर 58 करोड़ कर दिया गया और इसके ऊपर पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर सत्येंद्र जैन के हस्ताक्षर है. यह दर्शाता है कि वह उस समय बैठक में मौजूद थे.