नई दिल्ली: अब तक आम आदमी पार्टी शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव के दावे से अपने ऊपर उठने वाले सवालों को दबाती आई है. 1 जुलाई को दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने AAP पर घोटाले का आरोप लगा दिया.
मनोज तिवारी ने एक आरटीआई के हवाले से आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली के स्कूलों में जो कमरे बनवाए गए हैं. वे सभी करीब 300 स्क्वायर फीट के हैं और हमारे हिसाब से इसे बनाने का खर्च 3 लाख से 5 लाख प्रति क्लास होना चाहिए, लेकिन हमें आरटीआई के जरिए जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार एक कमरे के लिए करीब 24 लाख 86 हजार रुपये खर्च किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि इस निर्माण की कुल लागत 2892 करोड़ रुपये आती है, जबकि हमारे मुताबिक ये सभी कमरे 892 करोड़ में बन जाने चाहिए थे.
बीजेपी को सिसोदिया ने दी चुनौती
इसके आधार पर मनोज तिवारी ने मनीष सिसोदिया से इस्तीफे की भी मांग की है. इधर, इन आरोपों से आग-बबूला हुए मनीष सिसोदिया मीडिया के सामने आए और उन्होंने भाजपा को चुनौती दी कि भाजपा अपने किसी भी राज्य से 10 ऐसे स्कूल चुनकर लाए, जो दिल्ली सरकार के स्कूलों की तुलना करते हों.
उन्होंने यह भी चुनौती दी कि अगर दो हजार करोड़ के घोटाले का आरोपी दिल्ली में खुलेआम घूम रहा है, तो यह भाजपा के लिए लानत वाली बात है और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लेना चाहिए. घोटाले से जुड़े सवाल को लेकर पूछने पर अरविंद केजरीवाल ने भी मनीष सिसोदिया की बात दोहराई और कहा कि अगर हमने घोटाला किया है तो वे गिरफ्तार क्यों नहीं कराते.
आरोप के बाद दौरे पर मनीष सिसोदिया
अपने ऊपर लगे घोटाले के आरोपों के अगले दिन मनीष सिसोदिया दिल्ली के कुछ स्कूलों के दौरे पर निकले और वहां स्मार्ट क्लासेज के चक्कर लगाते हुए उन्होंने दिखाया कि किस तरह की सुविधाएं वहां पर दी गई हैं, जिनमें खर्च आते हैं. इसके बाद मनीष सिसोदिया ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए निगम के स्कूलों के निर्माण का आंकड़ा निकाला.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी के स्कूल का स्टीमेट है 10 करोड़ 73 लाख 80 हजार, जिसमें 43 कमरे बनते हैं, यानी एक कमरे की कीमत हुई 24 लाख 97 हजार. उन्होंने यह भी कहा कि इस्टीमेट में न तो फर्नीचर है, न इलेक्ट्रिक फिटिंग, इन वाटर हार्वेस्टिंग, ना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और ना बाउंड्री. इस आंकड़े को लेकर आम आदमी पार्टी भाजपा पर हमलावर हो गई.
मनोज तिवारी के घर पर प्रदर्शन
भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब एक आरोप से देने के बाद दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच ट्विटर वार शुरू हुआ और फिर अगले ही दिन आम आदमी पार्टी के सैकड़ों समर्थक मनोज तिवारी के घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए. इन लोगों में आम आदमी पार्टी के समर्थक, अभिभावक और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य भी थे.
इन सभी के हाथों में नारे लिखी तख्तियां थीं. इस पर 'मनोज तिवारी शर्म करो' और 'गरीबों की शिक्षा पर राजनीति बन्द करो' जैसे नारे लिखे थे. इसे लेकर मनोज तिवारी ने कहा कि 'अली बाबा के 40 लोग' आज मेरे घर पर मेरे लिए मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. जो काम हमें उनके खिलाफ करना चाहिए था, वे हमारे खिलाफ कर रहे हैं.
'28 लाख रुपये के खर्च से बना नर्सरी क्लास'
वहीं मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी पर एक और आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने एक नर्सरी क्लास रूम बनाने में 28 लाख 70 हजार रुपये खर्च कर दिए. इससे जुड़े कागजात सबूत के तौर पर दिखाते नजर आए, मनोज तिवारी ने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है. उन्होंने यह भी कहा कि ये साधारण कमरे हैं और ये जो 28 लाख 70 हजार की लागत है, इसमें फर्नीचर की कीमत नहीं जुड़ी हुई है और न ही किसी अन्य सुविधा की. केवल रुम बनाने का खर्च इतने लाख रुपये हैं.
'दिल्ली के गरीबों का पैसा लूट रही है सरकार'
वहीं बजट आवंटन को लेकर भी मनोज तिवारी ने हेर-फेर करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार मौखिक रूप से चल रही है, जो बजट 221 करोड़ था, उसे जुबानी तरीके से बढ़ाकर 326 करोड़ कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इसका कोई लिखित सबूत नहीं है और यह स्पष्ट दिखाता है कि छात्र और पढ़ाई के नाम पर आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के गरीबों का पैसा लूट रही है.
सौरभ भारद्वाज ने लिखित सफाई दी
मनोज तिवारी के इन नए आरोपों पर आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने लिखित सफाई दी और उन्होंने इसे बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि भाजपा के पास अपने द्वारा किया गया कुछ बढ़िया काम बताने को तो है नहीं, इसलिए ये हमारे अच्छे कामों को बदनाम कर रहे हैं.
सौरभ भारद्वाज के इस जवाब के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी ने मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा और विजय गोयल के खिलाफ लीगल नोटिस जारी कर दिया. उधर मनोज तिवारी ने इस नोटिस को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा कि वे दबाव में आने वाले नहीं है और इस मामले को लेकर लोकपाल और कोर्ट तक जाएंगे.
आरोपों के जवाब आरोप से दिए जा रहे हैं
चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी पर आरोपों के तीर आम बात हैं, लेकिन दिल्ली की सियासी फिजा में इन दिनों मची आरोपों की गूंज कुछ अलग है, क्योंकि यहां आरोपों के जवाब सफाई से नहीं, बल्कि आरोपों से ही दिए जा रहे हैं.
गौर करने वाली बात यह भी है कि ये आरोप उस पार्टी पर हैं, जो खुद को शुरू से पारंपरिक राजनीति से अलग दिखाती बताती रही है और शिक्षा में किए गए अपने कामों को क्रांतिकारी परिवर्तन के रूप में प्रदर्शित करती रही है.
इन आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी के सामने बड़ी चुनौतियां यह होगी कि विधानसभा चुनाव से पहले वो फिर से खुद को पाक साफ साबित करें. वहीं भाजपा चाहेगी कि इन आरोपों को किसी न किसी तरह से विधानसभा चुनाव तक जिंदा रखा जाए, क्योंकि इन आरोपों ने कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी के विकास के दावों को दागदार तो कर ही दिया है.