नई दिल्ली:केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को पेश किया. इस पर बाद में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की ओर चर्चा की शुरुआत की गई.
'क्या जरूरत है दिल्ली विधानसभा की’
मनीष तिवारी ने कहा कि इसमें आपने एक और संशोधन जोड़ दिया है कि दिल्ली विधानसभा की प्रोसीडिंग लोकसभा के अनुरूप होंगी. जब दिल्ली विधानसभा में कैसे काम हो ये भी वो तय नहीं कर सकती तो फिर दिल्ली विधानसभा की जरूरत क्या है?
मीनाक्षी लेखी का तिवारी पर पलटवार
मनीष तिवारी पर पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने उन्हें याद दिलाया कि देश में क्वासी फेडरलिज्म है जो कुछ मामलों में केंद्र सरकार के महत्व को बरकरार रखता है. लेखी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अक्सर कहते हैं कि वह दिल्ली के मालिक हैं. लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि वो सेवक हैं.
कुछ तो ढंग का आम आदमी पार्टी करती होगी-सुले
इस विधेयक को लेकर सुप्रिया सुले ने कहा कि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को तीन बार सत्ता सौंपी, तो इसका मतलब कुछ तो ढंग का आम आदमी पार्टी करती होगी.
लाट साहब का डंडा क्यों लाया जा रहा है-मान
सदन में आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कहा बीजेपी 22 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है. अब वो विपक्ष में बैठने की आदत भूल रही है. आप चुनाव लड़े हार गए तो ये लाट साहब का डंडा क्यों लाया जा रहा है.
'ये समझना चाहिए कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है'
विधेयक पर चर्चा का जवाब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि लोगों को ये समझना चाहिए कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए इसकी तुलना अन्य राज्यों से नहीं होना चाहिए. 1991 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश कांग्रेस ने बनाया. कांग्रेस ने बालकृष्ण समिति के आधार पर दिल्ली के प्रशासनिक ढांचा बनाया.
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केजरीवाल का निशाना
इस बिल के पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘भाजपा ने दिल्ली के लोगों को धोखा दिया है. संशोधित बिल का पास होना दिल्ली वालों का अपमान है. ये बिल उन लोगों से ताकत छीन लेगा जिन्हें जनता ने चुना और उन लोगों को पावर देगा जिन्हें दिल्ली की जनता ने हरा दिया था.'