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भागीरथ पैलेस मार्केट में 100 फीसदी लाइटें चाइनीज, कैसे होगा बहिष्कार - चीन के सामान का बहिष्कार

दिल्ली में लाइट की सबसे बड़ी मार्केट भागीरथ प्लेस में 100 फीसदी लाइटें अकेले चीन से आती हैं. जिसके बाद सवाल उठने लगा है कि ऐसे कैसे चीनी सामान का बहिष्कार होगा. जब सब सामान चाइना से आता है तो कैसे भारत आत्मनिर्भर बनेगा.

Bhagirath Palace Light & Electronic Market
भागीरथ पैलेस लाइट एवं इलेक्ट्रॉनिक मार्केट
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Published : Jul 8, 2020, 4:15 PM IST

नई दिल्ली: भारत-चीन में चल रही तनातनी के बीच लोग बड़ी संख्या में चीन के सामान का बहिष्कार कर रहे हैं. इस प्रयास को आम लोगों से लेकर कारोबारी तक सराह रहे हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आपके घर में जलने वाली सभी लाइटें चीन की हैं. लाइट की सबसे बड़ी मार्केट भागीरथ प्लेस में बेची जा रही 100 फीसदी लाइटें अकेले चीन से आती हैं. इसकी वजह है कि भारत में लाइट बनाने का काम ना के बराबर होता है. इसलिए हम केवल चीन की लाइट ही इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.

भागीरथ पैलेस मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा से खास बातचीत
चीन से संबंध खराब होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की ओर कदम बढ़ाने की बात कही है. लेकिन इस सपने को साकार करना आसान नहीं है. भागीरथ पैलेस लाइट एवं इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के अध्यक्ष भारत आहूजा ने बताया कि आज भारत के सभी लोग चीन की लाइट पर निर्भर हैं. उन्होंने बताया कि मार्केट में मिलने वाली 100 फीसदी लाइट चीन की है. भारत में जो कंपनी लाइट बना रही है, उसे भी माल चीन ही सप्लाई कर रहा है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सामान की बात करें तो बाजार में लगभग 40 फीसदी सामान चीन का ही है.

भारतीय लाइट बेचने में होगी खुशी

भारत आहूजा ने बताया कि आज जब बाजार में लोग भारतीय लाइट मांगने आते हैं तो उन्हें खुशी होती है. यहां दुकानदार भी भारतीय लाइट बेचना चाहते हैं. लेकिन भारत में कहीं भी लाइट बनाने का काम नहीं हो रहा है. ऐसे में चीन की लाइट का बहिष्कार करना असंभव लगता है. उन्होंने बताया कि पहले यूपी के दो शहर मुरादाबाद एवं फिरोजाबाद में काफी लाइटें बनती थी. लेकिन प्रदूषण के नाम पर वहां भी इस काम को बंद करवा दिया गया. उन्होंने बताया कि सरकार ने बिजली बचाने के लिए कुछ समय पहले करोड़ों की संख्या में एफएसएल बल्ब वितरित किये थे. यह सभी एफएसएल बल्ब भी चीन के ही बने हुए थे.

सरकार को बनानी होगी बेहतर पॉलिसी

भारत आहूजा ने बताया कि पिछले 20 वर्षों में किसी भी सरकार ने लाइट बनाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. लाइट मार्केट से चीन को बाहर करने के लिए सरकार को सबसे पहले लाइट बनाने की यूनिट स्थापित करने वाले लोगों को अनुमति देनी होगी. उन्होंने बताया कि वह कारोबार के सिलसिले में चीन जाते रहे हैं. वहां उन्हें पता चला कि कारोबार के लिए लोगों को एक ही जगह आवेदन देना होता है. सभी जगह से क्लियरेन्स लेकर आवेदनकर्ता को अनुमति सरकार की तरफ से दी जाती है. इतना ही नहीं लोन भी इसी जगह से उपलब्ध करवाया जाता है. लेकिन भारत में कारोबार के लिए इधर से उधर चक्कर काटने होते हैं. इसलिए सरकार को कारोबारियों को प्रेरित करने के साथ उन्हें सहयोग करना होगा. तभी लाइट के बाजार में भारत आत्मनिर्भर बनेगा.



बाहर के कारोबारी नहीं आ रहे बाजार

भारत आहूजा ने बताया कि अभी के समय में भागीरथ प्लेस मार्केट में दिल्ली से बाहर के कारोबारी नहीं आ रहे हैं. अभी केवल दिल्ली के दुकानदार या आम लोग ही यहां सामान लेने आ रहे हैं. बाहर से कुछ ऑर्डर अवश्य आते हैं जिन्हें माल भिजवाने का काम कारोबारी कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के चलते बाजार में अभी ज्यादा काम नहीं हो पा रहा है.

नई दिल्ली: भारत-चीन में चल रही तनातनी के बीच लोग बड़ी संख्या में चीन के सामान का बहिष्कार कर रहे हैं. इस प्रयास को आम लोगों से लेकर कारोबारी तक सराह रहे हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आपके घर में जलने वाली सभी लाइटें चीन की हैं. लाइट की सबसे बड़ी मार्केट भागीरथ प्लेस में बेची जा रही 100 फीसदी लाइटें अकेले चीन से आती हैं. इसकी वजह है कि भारत में लाइट बनाने का काम ना के बराबर होता है. इसलिए हम केवल चीन की लाइट ही इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.

भागीरथ पैलेस मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा से खास बातचीत
चीन से संबंध खराब होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की ओर कदम बढ़ाने की बात कही है. लेकिन इस सपने को साकार करना आसान नहीं है. भागीरथ पैलेस लाइट एवं इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के अध्यक्ष भारत आहूजा ने बताया कि आज भारत के सभी लोग चीन की लाइट पर निर्भर हैं. उन्होंने बताया कि मार्केट में मिलने वाली 100 फीसदी लाइट चीन की है. भारत में जो कंपनी लाइट बना रही है, उसे भी माल चीन ही सप्लाई कर रहा है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सामान की बात करें तो बाजार में लगभग 40 फीसदी सामान चीन का ही है.

भारतीय लाइट बेचने में होगी खुशी

भारत आहूजा ने बताया कि आज जब बाजार में लोग भारतीय लाइट मांगने आते हैं तो उन्हें खुशी होती है. यहां दुकानदार भी भारतीय लाइट बेचना चाहते हैं. लेकिन भारत में कहीं भी लाइट बनाने का काम नहीं हो रहा है. ऐसे में चीन की लाइट का बहिष्कार करना असंभव लगता है. उन्होंने बताया कि पहले यूपी के दो शहर मुरादाबाद एवं फिरोजाबाद में काफी लाइटें बनती थी. लेकिन प्रदूषण के नाम पर वहां भी इस काम को बंद करवा दिया गया. उन्होंने बताया कि सरकार ने बिजली बचाने के लिए कुछ समय पहले करोड़ों की संख्या में एफएसएल बल्ब वितरित किये थे. यह सभी एफएसएल बल्ब भी चीन के ही बने हुए थे.

सरकार को बनानी होगी बेहतर पॉलिसी

भारत आहूजा ने बताया कि पिछले 20 वर्षों में किसी भी सरकार ने लाइट बनाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. लाइट मार्केट से चीन को बाहर करने के लिए सरकार को सबसे पहले लाइट बनाने की यूनिट स्थापित करने वाले लोगों को अनुमति देनी होगी. उन्होंने बताया कि वह कारोबार के सिलसिले में चीन जाते रहे हैं. वहां उन्हें पता चला कि कारोबार के लिए लोगों को एक ही जगह आवेदन देना होता है. सभी जगह से क्लियरेन्स लेकर आवेदनकर्ता को अनुमति सरकार की तरफ से दी जाती है. इतना ही नहीं लोन भी इसी जगह से उपलब्ध करवाया जाता है. लेकिन भारत में कारोबार के लिए इधर से उधर चक्कर काटने होते हैं. इसलिए सरकार को कारोबारियों को प्रेरित करने के साथ उन्हें सहयोग करना होगा. तभी लाइट के बाजार में भारत आत्मनिर्भर बनेगा.



बाहर के कारोबारी नहीं आ रहे बाजार

भारत आहूजा ने बताया कि अभी के समय में भागीरथ प्लेस मार्केट में दिल्ली से बाहर के कारोबारी नहीं आ रहे हैं. अभी केवल दिल्ली के दुकानदार या आम लोग ही यहां सामान लेने आ रहे हैं. बाहर से कुछ ऑर्डर अवश्य आते हैं जिन्हें माल भिजवाने का काम कारोबारी कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के चलते बाजार में अभी ज्यादा काम नहीं हो पा रहा है.

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