नई दिल्ली/गाजियाबाद: सोमवार, 27 नवंबर 2023 को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष प्रभावशाली होती है. कार्तिक पूर्णिमा पर भीष्म पंचक की समाप्ति के साथ कार्तिक का महीना भी समाप्त हो जाता है. कार्तिक पूर्णिमा में पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से जन्मों के पाप मिट जाते हैं.
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखना बेहद फलदाई बताया गया है. इस दिन व्रत रखने से हजार अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है.
कार्तिक पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: रविवार, 26 नवंबर 2023 दोपहर 3:54 बजे से शुरू
कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त: सोमवार, 27 नवंबर 2023 शाम 4:26 बजे समाप्त
27 नवंबर को रखा जाएगा कार्तिक पूर्णिमा का व्रत
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा बताते हैं प्राचीन काल में त्रिपुरासुर नाम का राक्षस हुआ करता था जिसके आतंक से देवलोक और पृथ्वी लोक बहुत कष्ट उठा रहा था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिशूल से त्रिपुरासुर का वध किया था. त्रिपुरासुर के वध की खुशी में देवताओं ने काशी में गंगा किनारे एकत्रित होकर दीपदान किया था. प्राचीन काल से यह परंपरा यूं ही चलती आ रही है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन असुरों के विनाश और पितरों के मोक्ष के लिए दीपदान अवश्य करना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की सत्यनारायण कथा, मंत्र-जाप, ओम् नमो भगवते वासुदेवाय, विष्णु सहस्त्रनाम, गोपाल सहस्त्रनाम, राम रक्षा स्तोत्रम आदि का पाठ करने का बड़ा महत्व है.
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