नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में लाल किले पर भारत पर्व का आयोजन किया जा रहा है. संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों के लोग नृत्य को और लोक कलाओं को प्रदर्शित किया जा रहा है. इस दौरान बिहार के पटना के सुरांगन समूह ने बारहमासा नृत्य का प्रदर्शन किया. इसमें सुदामा पाण्डेय, अमरजीत रूबी, देबोश्री सृष्टि, प्रतीक्षा रोनी, अर्चता, रवि राघव ने अलग-अलग किरदारों के रूप में अपनी कला का प्रदर्शन किया.
पद्मश्री डॉ शांति जैन द्वारा लिखित बारहमासा कार्यक्रम के बारे में बताते हुए समूह मैनेजर ने बताया कि हिंदू पंचांग में 12 महीने होते हैं. प्रत्येक महीने किसी न किसी क्षेत्र में कोई न कोई त्योहार और अनुष्ठान निश्चित ही आयोजित किया जाता है. जैसे भोजपुर क्षेत्र में गाया जाने वाला चैता, मांगलिक अवसर पर गए जाने वाले संस्कार गीत, वट सावित्री पूजन, कजरी, अंगदेश में बाबा भोलेनाथ के गीत, सोहर, मगध क्षेत्र का देवास, छठ पूजा, कटनी तथा मिथिला क्षेत्र का समदाऊन और होली. उन सभी त्यौहार तथा रीति-रिवाजों को एक सूत्र में बांधकर तैयार किया गया गीति नाट्य है - "बारहमासा". इसका संगीत तैयार किया था राजू मिश्रा ने जबकि परिकल्पना व निर्देशन जीतेंद्र कुमार ने किया था.
31 जनवरी तक चलेगा भारत पर्व
संस्कृत मंत्रालय द्वारा आयोजित भारत पर्व 31 जनवरी तक लोगों के लिए खुला रहेगा. इस दौरान गणतंत्र दिवस में प्रस्तुत की गई झांकियां और अलग-अलग राज्यों के हैंड क्राफ्ट लोगों के लिए यहां उपलब्ध है. इसके साथ ही अलग-अलग नाट्य कला तथा विशेष कलाओं का प्रदर्शन भी इस मेले में किया जा रहा है. लाल किला प्रांगण में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम में पूरे भारत से कलाकार पहुंचे हैं.
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