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असोला भाटी सेंचुरी में वाकथॉन आयोजित करने पर रोक, दिल्ली हाईकोर्ट ने वन विभाग को लगाई फटकार

Ban on organizing Walkathon in Asola Bhati Century: दिल्ली हाईकोर्ट शहर के असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में तेंदुओं की मौजूदगी के बीच प्रस्तावित "वॉकथॉन" कार्यक्रम के दौरान लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने शहर के वन विभाग से पूछा कि वह वन्यजीव अभयारण्य के अंदर कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को इस तरह के जोखिम में कैसे डाल सकता है?

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 7, 2023, 12:51 PM IST

Updated : Dec 7, 2023, 2:08 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के असोला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में ‘जंगल ऑन व्हील्स’, ’ साइक्लोथॉन ’ और ’ वाकथॉन’ आयोजित करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया. हाई कोर्ट ने 5 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने 29 नवंबर को सुनवाई के दौरान इस आयोजन पर दिल्ली के वन विभाग को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के वन और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी अफ्रीका के ’मसाई मारा’ या ’ सेरेंगेटी’ नहीं हैं.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हम वनों के एक-एक हेक्टेयर के लिए चिंतित हैं. आप इस तरह का आयोजन कैसे कर सकते हैं. दरअसल, इस मामले के एमिकस क्युरी ने कोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार असोला सेंचुरी में ’वाक विद वाइल्ड लाइफ’ का इवेंट आयोजित करने जा रही है. एमिकस क्युरी ने कोर्ट को कुछ फोटो दिखाए थे जिसमें रिज के अंदर छह से आठ फीट चौड़ी सड़क दिखाई दे रही था. एमिकस क्युरी ने कहा था कि बिना सेंट्रल रिज मैनेजमेंट बोर्ड की अनुमति के ये सड़क नहीं बनाया जा सकता है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने संबंधित उप वन संरक्षक का एक हलफनामे का जिक्र किया था जिसमें रिज के अंदर सड़क बनाने के पहले रिज मैनेजमेंट बोर्ड की अनुमति नहीं ली गई थी. इस पर जस्टिस जसमीत सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि दिल्ली के वन उसके नागरिकों का है और वन विभाग अपनी मर्जी नहीं चला सकता है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के असोला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में ‘जंगल ऑन व्हील्स’, ’ साइक्लोथॉन ’ और ’ वाकथॉन’ आयोजित करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया. हाई कोर्ट ने 5 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने 29 नवंबर को सुनवाई के दौरान इस आयोजन पर दिल्ली के वन विभाग को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के वन और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी अफ्रीका के ’मसाई मारा’ या ’ सेरेंगेटी’ नहीं हैं.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हम वनों के एक-एक हेक्टेयर के लिए चिंतित हैं. आप इस तरह का आयोजन कैसे कर सकते हैं. दरअसल, इस मामले के एमिकस क्युरी ने कोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार असोला सेंचुरी में ’वाक विद वाइल्ड लाइफ’ का इवेंट आयोजित करने जा रही है. एमिकस क्युरी ने कोर्ट को कुछ फोटो दिखाए थे जिसमें रिज के अंदर छह से आठ फीट चौड़ी सड़क दिखाई दे रही था. एमिकस क्युरी ने कहा था कि बिना सेंट्रल रिज मैनेजमेंट बोर्ड की अनुमति के ये सड़क नहीं बनाया जा सकता है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने संबंधित उप वन संरक्षक का एक हलफनामे का जिक्र किया था जिसमें रिज के अंदर सड़क बनाने के पहले रिज मैनेजमेंट बोर्ड की अनुमति नहीं ली गई थी. इस पर जस्टिस जसमीत सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि दिल्ली के वन उसके नागरिकों का है और वन विभाग अपनी मर्जी नहीं चला सकता है.

Last Updated : Dec 7, 2023, 2:08 PM IST
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