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दिल्ली के स्टेशनों पर राम भरोसे यात्रियों की सुरक्षा! आरटीआई से खुलासा

देश की राजधानी दिल्ली में कोई अप्रिय घटना न हो इस लिए सुरक्षा की दृष्टि से हर पल चाक-चौबंद इंतज़ाम होने चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है. बीते 7 महीने से ज़्यादा समय से स्टेशनों पर बैगेज चेकिंग मशीनें काम नहीं कर रही हैं. बीती 26 जनवरी के बाद से अलग-अलग समय ख़ुद ईटीवी भारत संवाददाता ने अलग-अलग समय की तस्वीरों को कैमरे में क़ैद किया है.

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दिल्ली के स्टेशनों पर राम भरोसे यात्रियों की सुरक्षा
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Published : Jun 19, 2021, 10:53 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 11:07 PM IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी के स्टेशनों पर सुरक्षा की दृष्टि से हर पल चाक-चौबंद इंतज़ाम रहते हैं और ये ज़रूरी भी हैं. हालांकि, कई बार लापरवाही का आलम ऐसा होता है कि न सिर्फ़ सवाल उठते हैं, बल्कि ये कहना पड़ जाता है कि रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ रखी है. नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन और आनंद विहार स्टेशन पर रेलवे के इंतज़ाम ये कहने पर मजबूर कर रहे हैं.

बैगेज मशीनें बंद

बीते 7 महीने से ज़्यादा समय से स्टेशनों पर बैगेज चेकिंग मशीनें काम नहीं कर रही हैं. बीती 26 जनवरी के बाद से अलग-अलग समय ख़ुद ईटीवी भारत संवाददाता ने अलग-अलग समय की तस्वीरों को कैमरे में क़ैद किया है. इससे अलग मंडल रेल प्रबंधक स्तर पर भी इस समस्या का कारण और समाधान की कोशिश की गई लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. ग़नीमत ये रही की इस दौरान स्टेशनों पर कोई अप्रिय घटना नहीं घटी.

दिल्ली के स्टेशनों पर राम भरोसे यात्रियों की सुरक्षा

RTI से मिला जवाब

ETV भारत संवाददाता को RTI के ज़रिए मिले एक जवाब में रेल अधिकारियों ने माना है कि बैगिज चेकिंग मशीनों के मेंटनेंस को लेकर टेंडर जुलाई 2020 में ही ख़त्म हो चुका है और तब से ये दोबारा नहीं हो पाया है. नई दिल्ली स्टेशन पर अप्रैल महीने के आंकड़े के मुताबिक़ कुल 8 मशीनें हैं और ये सभी नहीं चल रही हैं. इतना ही नहीं हज़रत निज़ामुद्दीन, पुरानी दिल्ली और आनंद विहार स्टेशनों का टेंडर भी तब ही ख़त्म हो गया था. नतीजतन अधिकतर मशीनें इन स्टेशनों पर भी ख़राब पड़ी हैं. अप्रैल महीने के इन जवाबों के बाद मौजूदा समय में टेंडर की स्थिति के विषय में कूछ भी नहीं बताया गया है. वहीं रेलवे स्टेशनों की स्थिति जस-की-तस है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस का रोजगार मेला, नौकरी दे जीत रही दिल

क्यों ज़रूरी हैं ये मशीनें!

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण बताते हैं कि इन मशीनों का इस्तेमाल इसलिए होता है, ताकि स्टेशन के भीतर और रेलगाड़ी में कोई ख़तरनाक सामान न जा सके. चूंकि स्टेशनों पर लाखों लोग रोज़ाना आते हैं, इनकी सुरक्षा के लिए भी ये ज़रूरी है. वेद भूषण कहते हैं कि जिस हैंडहेल्ड मशीन से चेकिंग की बात की जा रही है, उससे सामान की गहन जांच मुमकिन नहीं है. इसीलिए बैगेज चेकिंग मशीनें लगाई जाती हैं. पूर्व एसीपी इन मशीनों के न चलने को सुरक्षा में एक बड़ी चूक बताते हैं.

ये भी पढ़ेंः गाजियाबाद की तनु संस्कृत श्लोक गायन में देश भर में प्रथम, पिता हैं भट्ठा मजदूर

रेलवे प्रशासन ने नहीं दिया कोई जवाब

मौजूदा समय में स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था और मशीनों के खरब पड़े होने के सम्बंध में दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक एससी जैन से सवाल किया गया है लेकिन खबर लिखे जाने तक उनका कोई जवाब नहीं आया है.

नई दिल्ली: देश की राजधानी के स्टेशनों पर सुरक्षा की दृष्टि से हर पल चाक-चौबंद इंतज़ाम रहते हैं और ये ज़रूरी भी हैं. हालांकि, कई बार लापरवाही का आलम ऐसा होता है कि न सिर्फ़ सवाल उठते हैं, बल्कि ये कहना पड़ जाता है कि रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ रखी है. नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन और आनंद विहार स्टेशन पर रेलवे के इंतज़ाम ये कहने पर मजबूर कर रहे हैं.

बैगेज मशीनें बंद

बीते 7 महीने से ज़्यादा समय से स्टेशनों पर बैगेज चेकिंग मशीनें काम नहीं कर रही हैं. बीती 26 जनवरी के बाद से अलग-अलग समय ख़ुद ईटीवी भारत संवाददाता ने अलग-अलग समय की तस्वीरों को कैमरे में क़ैद किया है. इससे अलग मंडल रेल प्रबंधक स्तर पर भी इस समस्या का कारण और समाधान की कोशिश की गई लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. ग़नीमत ये रही की इस दौरान स्टेशनों पर कोई अप्रिय घटना नहीं घटी.

दिल्ली के स्टेशनों पर राम भरोसे यात्रियों की सुरक्षा

RTI से मिला जवाब

ETV भारत संवाददाता को RTI के ज़रिए मिले एक जवाब में रेल अधिकारियों ने माना है कि बैगिज चेकिंग मशीनों के मेंटनेंस को लेकर टेंडर जुलाई 2020 में ही ख़त्म हो चुका है और तब से ये दोबारा नहीं हो पाया है. नई दिल्ली स्टेशन पर अप्रैल महीने के आंकड़े के मुताबिक़ कुल 8 मशीनें हैं और ये सभी नहीं चल रही हैं. इतना ही नहीं हज़रत निज़ामुद्दीन, पुरानी दिल्ली और आनंद विहार स्टेशनों का टेंडर भी तब ही ख़त्म हो गया था. नतीजतन अधिकतर मशीनें इन स्टेशनों पर भी ख़राब पड़ी हैं. अप्रैल महीने के इन जवाबों के बाद मौजूदा समय में टेंडर की स्थिति के विषय में कूछ भी नहीं बताया गया है. वहीं रेलवे स्टेशनों की स्थिति जस-की-तस है.

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क्यों ज़रूरी हैं ये मशीनें!

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण बताते हैं कि इन मशीनों का इस्तेमाल इसलिए होता है, ताकि स्टेशन के भीतर और रेलगाड़ी में कोई ख़तरनाक सामान न जा सके. चूंकि स्टेशनों पर लाखों लोग रोज़ाना आते हैं, इनकी सुरक्षा के लिए भी ये ज़रूरी है. वेद भूषण कहते हैं कि जिस हैंडहेल्ड मशीन से चेकिंग की बात की जा रही है, उससे सामान की गहन जांच मुमकिन नहीं है. इसीलिए बैगेज चेकिंग मशीनें लगाई जाती हैं. पूर्व एसीपी इन मशीनों के न चलने को सुरक्षा में एक बड़ी चूक बताते हैं.

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रेलवे प्रशासन ने नहीं दिया कोई जवाब

मौजूदा समय में स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था और मशीनों के खरब पड़े होने के सम्बंध में दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक एससी जैन से सवाल किया गया है लेकिन खबर लिखे जाने तक उनका कोई जवाब नहीं आया है.

Last Updated : Jun 19, 2021, 11:07 PM IST
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